भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में चल रहे तीसरे टेस्ट मैच में मेजबान टीम मजबूत स्थिति में है। पहली पारी में 338 रन बनाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारतीय टीम को 244 रन पर ही समेट दिया और तीसरे दिन के अंत में 197 रन की विशाल बढ़त बना ली। भारतीय बल्लेबाजों ने खूब गलतियां की और ऑस्ट्रेलिया को हावी होने का मौका दिया।
पहली पारी के खेल में भारत के तीन खिलाड़ी रन आउट होकर पवेलियन लौटे। इसमें ऑस्ट्रेलियाई फील्डिंग से ज्यादा योगदान भारतीय खिलाड़ियों की खुद की गलती का रहा। मेहमान टीम की तरफ से सबसे पहले हनुमा विहारी रन आउट हुए, इसके बाद अश्विन और फिर बुमराह भी इसी तरह पवेलियन लौट गए। यह 2008 के बाद पहला मौका है जब भारत ने किसी पारी में अपने तीन विकेट रन आउट से गंवा दिए। इससे पहले साल 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण और युवराज सिंह रन आउट थे और वह मैच ड्रॉ रहा था।
वैसे बात करें अभी तक के रन आउट की तो यह 88 साल के भारतीय टेस्ट इतिहास में छठा मौका है, जब किसी मैच की एक पारी में तीन बल्लेबाज रन आउट हुए हैं। यही नहीं एक बार टीम इंडिया के चार खिलाड़ी भी रन आउट हो चुके हैं यानी, यह कुल मिलाकर सातवां मौका है जब भारत के 3 या इससे अधिक बल्लेबाज रन आउट होकर पवेलियन लौटे हैं।
बात करें सिडनी में भारतीय खिलाड़ियों के रन आउट की तो सबसे पहले हनुमा विहारी जोखिम भरा रन लेने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे। उन्हें हेजलवुड ने अपनी जबरदस्त फिल्डिंग और डायरेक्ट थ्रो से निपटाया। विहारी मिड ऑफ की तरफ गेंद धकेल कर लियोन की गेंद पर सिंगल चुराना चाहते थे, लेकिन हेजलवुड ने अपनी दाईं ओर डाइव लगाते हुए गेंद कलेक्ट की और अचूक निशाना लगाया।
विहारी के बाद अश्विन भी तेजी से रन बनाने के चक्कर में जोखिम उठा बैठे और रन आउट होकर पवेलियन लौटे। यह विकेट तब गिरा जब अश्विन अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और जडेजा के साथ मिलकर अच्छी साझेदारी की तरफ बढ़ रहे थे। लेकिन रन लेने की हड़बड़ी ने टीम इंडिया को मुश्किल में डाल दिया। अश्विन 15 गेंदों में 10 रन बनाकर रन आउट हुए।
इसके बाद जसप्रीत बुमराह ने भी वही गलती दोहराई, उन्होंने भी जडेजा के कहने पर रन चुराना चाहा लेकिन ऑस्ट्रेलिया की चुस्त फील्डिंग के आगे बिना खाता खोले आउट हुए।