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Interview: 'बुमराह के बिना भी जीतना सीखना होगा', हरभजन ने बताया- चैंपियंस ट्रॉफी में कौन सी टीम चौंका सकती है
सार
अमर उजाला से बातचीत में भज्जी ने एलएलसी टेन-10 लीग के महत्व के बारे में बताया। साथ ही लखनऊ के खाने की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने लखनऊ की बिरयानी, टुंडे कबाब की तारीफ की। पढ़ें हरभजन सिंह से अमर उजाला की बातचीत के प्रमुख अंश...
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हरभजन सिंह
- फोटो : PTI
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विस्तार
अमर उजाला और लीजेंड्स लीग क्रिकेट (एलएलसी) द्वारा आयोजित की जा रही एलएलसी टेन-10 लीग का फाइनल मुकाबला आज लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खेला जाएगा। उत्तर प्रदेश की इस सबसे बड़ी टेनिस बॉल क्रिकेट लीग में 12 टीमों ने हिस्सा लिया। भारत के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने भी इस लीग में मेंटर की भूमिका निभाई। वह एलएलसी टेन-10 के खिलाड़ियों से मिले और उन्हें गेंदबाजी के गुर सिखाए। अमर उजाला से बातचीत में हरभजन ने चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर बातचीत की और कहा कि भारत अगर अच्छी गेंदबाजी करता है तो टूर्नामेंट जीत सकता है। उन्होंने भारत को अपनी पसंदीदा टीम बताया।
हरभजन एलएलसी टेन-10 में सबसे ज्यादा चार टीमों के मेंटर रहे। अमर उजाला से बातचीत में भज्जी ने एलएलसी टेन-10 लीग के महत्व के बारे में बताया। साथ ही लखनऊ के खाने की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने लखनऊ की बिरयानी, टुंडे कबाब की तारीफ की। पढ़ें हरभजन सिंह से अमर उजाला की बातचीत के प्रमुख अंश...
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हरभजन एलएलसी टेन-10 में सबसे ज्यादा चार टीमों के मेंटर रहे। अमर उजाला से बातचीत में भज्जी ने एलएलसी टेन-10 लीग के महत्व के बारे में बताया। साथ ही लखनऊ के खाने की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने लखनऊ की बिरयानी, टुंडे कबाब की तारीफ की। पढ़ें हरभजन सिंह से अमर उजाला की बातचीत के प्रमुख अंश...
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1. चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया की उम्मीदों के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
हरभजन सिंह: चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारत की टीम तो काफी अच्छी है। हम अभी इंग्लैंड के सामने खेले हैं और टीम सेटल नजर आई है। सबसे अच्छी बात यह है कि वरुण चक्रवर्ती को भी टीम में ले लिया गया है। मुझे लगता है कि टूर्नामेंट में हमने अगर गेंदबाजी थोड़ी सी अच्छी कर दी, क्योंकि बल्लेबाजी तो हमारी पहले से ही अच्छी है, तो मौका बन सकता है।
हरभजन सिंह: चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारत की टीम तो काफी अच्छी है। हम अभी इंग्लैंड के सामने खेले हैं और टीम सेटल नजर आई है। सबसे अच्छी बात यह है कि वरुण चक्रवर्ती को भी टीम में ले लिया गया है। मुझे लगता है कि टूर्नामेंट में हमने अगर गेंदबाजी थोड़ी सी अच्छी कर दी, क्योंकि बल्लेबाजी तो हमारी पहले से ही अच्छी है, तो मौका बन सकता है।
बुमराह चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर हो गए हैं
- फोटो : BCCI
2. बुमराह हमारे पास नहीं हैं इस बार। ऐसे में क्या कहना चाहेंगे?
हरभजन सिंह: बुमराह नहीं हैं, लेकिन बुमराह के बिना भी आपको मैच जीतना आना चाहिए। बुमराह हमेशा तो रहेंगे नहीं, कपिल देव भी हमेशा नहीं खेले। हमेशा कोई खिलाड़ी नहीं खेलेगा। जब बड़े-बड़े खिलाड़ी हमेशा नहीं खेले तो बुमराह भी इस बार टीम में नहीं हैं। हां उनकी कमी जरूर खलेगी। लेकिन इससे बाकी खिलाड़ियों के लिए मौका बनेगा कि बुमराह अगर नहीं हैं तो हमें कैसे मैच जीतना है या जिताना है। टीम के पास वरुण हैं, वह अच्छी फॉर्म में हैं। अर्शदीप एक क्वालिटी गेंदबाज हैं। टीम के पास शमी हैं। तो मुझे लगता है कि भारत के पास यह काबीलियत है कि टीम ट्रॉफी जीत सकती है। हमने गेंदबाजी अच्छी कर दी तो हम यह टूर्नामेंट जीत जाएंगे।
3. कौन सी ऐसी टीम है, जिनसे आपको लगता है कि भारत को कड़ी टक्कर मिल सकती है? दो-दो स्थलों को देखते हुए कौन सी टीम आपको मजबूत दिखती है?
हरभजन सिंह: मेरा नजरिया मुझे लगता है बाकियों से अलग है। जिस टीम को मैं मजबूत देखता हूं, वह है अफगानिस्तान। अफगानिस्तान एक अच्छी टीम है और यह टीम स्पिन अच्छा खेलती है। उनकी स्पिन गेंदबाजी बहुत अच्छी है। मेरी नजर इस टूर्नामेंट में भारत और अफगानिस्तान पर रहेगी। ये दोनों टीमें टूर्नामेंट जीत सकती हैं। अफगानिस्तान को किसी भी मायने में कम नहीं आंका जा सकता। अगर आप दुबई में खेल रहे हैं तो यह भी उनके लिए होम ग्राउंड है। उनके खिलाड़ी भी वहां पर काफी क्रिकेट खेल चुके हैं। राशिद और अन्य स्पिनरों के दम पर अफगानिस्तान टीम को हराना बाकी टीमों के लिए मुश्किल होगा।
हरभजन सिंह: बुमराह नहीं हैं, लेकिन बुमराह के बिना भी आपको मैच जीतना आना चाहिए। बुमराह हमेशा तो रहेंगे नहीं, कपिल देव भी हमेशा नहीं खेले। हमेशा कोई खिलाड़ी नहीं खेलेगा। जब बड़े-बड़े खिलाड़ी हमेशा नहीं खेले तो बुमराह भी इस बार टीम में नहीं हैं। हां उनकी कमी जरूर खलेगी। लेकिन इससे बाकी खिलाड़ियों के लिए मौका बनेगा कि बुमराह अगर नहीं हैं तो हमें कैसे मैच जीतना है या जिताना है। टीम के पास वरुण हैं, वह अच्छी फॉर्म में हैं। अर्शदीप एक क्वालिटी गेंदबाज हैं। टीम के पास शमी हैं। तो मुझे लगता है कि भारत के पास यह काबीलियत है कि टीम ट्रॉफी जीत सकती है। हमने गेंदबाजी अच्छी कर दी तो हम यह टूर्नामेंट जीत जाएंगे।
3. कौन सी ऐसी टीम है, जिनसे आपको लगता है कि भारत को कड़ी टक्कर मिल सकती है? दो-दो स्थलों को देखते हुए कौन सी टीम आपको मजबूत दिखती है?
हरभजन सिंह: मेरा नजरिया मुझे लगता है बाकियों से अलग है। जिस टीम को मैं मजबूत देखता हूं, वह है अफगानिस्तान। अफगानिस्तान एक अच्छी टीम है और यह टीम स्पिन अच्छा खेलती है। उनकी स्पिन गेंदबाजी बहुत अच्छी है। मेरी नजर इस टूर्नामेंट में भारत और अफगानिस्तान पर रहेगी। ये दोनों टीमें टूर्नामेंट जीत सकती हैं। अफगानिस्तान को किसी भी मायने में कम नहीं आंका जा सकता। अगर आप दुबई में खेल रहे हैं तो यह भी उनके लिए होम ग्राउंड है। उनके खिलाड़ी भी वहां पर काफी क्रिकेट खेल चुके हैं। राशिद और अन्य स्पिनरों के दम पर अफगानिस्तान टीम को हराना बाकी टीमों के लिए मुश्किल होगा।
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- फोटो : अमर उजाला
4. आप एलएलसी टेन-10 लीग से जुड़कर कितने उत्साहित हैं? इस तरह के टूर्नामेंट के बारे में आपकी क्या राय है?
हरभजन सिंह: पहले तो मैं कहना चाहूंगा कि मैं मुस्कुरा रहा हूं, क्योंकि मैं लखनऊ में हूं। ऐसा कहा जाता है कि जो लखनऊ आता है वह मुस्कुराता है। यहां आकर अच्छा लगा। बड़ा पुराना शहर है, बहुत कुछ देखने के लिए है। जब-जब यहां आता हूं, कुछ न कुछ नया देखने को मिलता है। अभी इस होटल में बैठा हूं, तो लोगों ने बताया कि ये यहां है, वहां है, वहां से नदी निकलती है। तो काफी कुछ नया सीखने को मिला। हालांकि, इस बार यहां आने का मकसद यह है कि वो बच्चे जो टेनिस बॉल क्रिकेट खेल रहे हैं और इसी के जरिये अपना करियर आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उनका प्रोत्साहन करने आया हूं। अमर उजाला और एलएलसी ने लेकर जो ये मुहीम शुरू की है, वह शानदार है। बच्चों को जितना ज्यादा मौका मिलेगा, जितने खुलेंगे, जितना उन्हें एक्सपोजर मिलेगा, वह उतना एक्सप्लोर करेंगे और बढ़िया करेंगे।
हरभजन सिंह: पहले तो मैं कहना चाहूंगा कि मैं मुस्कुरा रहा हूं, क्योंकि मैं लखनऊ में हूं। ऐसा कहा जाता है कि जो लखनऊ आता है वह मुस्कुराता है। यहां आकर अच्छा लगा। बड़ा पुराना शहर है, बहुत कुछ देखने के लिए है। जब-जब यहां आता हूं, कुछ न कुछ नया देखने को मिलता है। अभी इस होटल में बैठा हूं, तो लोगों ने बताया कि ये यहां है, वहां है, वहां से नदी निकलती है। तो काफी कुछ नया सीखने को मिला। हालांकि, इस बार यहां आने का मकसद यह है कि वो बच्चे जो टेनिस बॉल क्रिकेट खेल रहे हैं और इसी के जरिये अपना करियर आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उनका प्रोत्साहन करने आया हूं। अमर उजाला और एलएलसी ने लेकर जो ये मुहीम शुरू की है, वह शानदार है। बच्चों को जितना ज्यादा मौका मिलेगा, जितने खुलेंगे, जितना उन्हें एक्सपोजर मिलेगा, वह उतना एक्सप्लोर करेंगे और बढ़िया करेंगे।
5. टेनिस बॉल से जो बच्चे आगे जाना चाहते हैं, उनके लिए क्या कठिनाइयां आ सकती हैं? या फिर आगे गेंद बदलने पर भी टूर्नामेंट का फील, स्टेडियम का फील उस राह को आसान करेगा?
हरभजन सिंह: सबसे पहले आपको खेलना जरूरी है। उसके बाद जो है वह है गेंद का फर्क। गेंद के फर्क को आप एडजस्ट कर सकते हैं, लेकिन खेल के प्रति आपकी दिलचस्पी सबसे ज्यादा जरूरी है। इस टूर्नामेंट में जो हम देख रहे हैं कि हर बच्चे में उत्साह है, नहीं तो आजकल हम देखते हैं कि सब वीडियो गेम खेलते हैं। तो सबसे पहले तो मैं इस मुहीम के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा, क्योंकि बच्चों को मोबाइल से निकालकर उन्हें फील्ड में खेलने का मौका मिला है। वह चार घंटे के लिए ही मोबाइल से दूर हुए हैं, लेकिन कम से कम हुए तो हैं। इसकी वजह से उनका दिमाग भी सही चलेगा, शरीरा भी सही चलेगा। अगर टेनिस बॉल से रेड बॉल में आते हैं, तो वह प्रक्रिया आसान होगी। धोनी, बालाजी, शोएब अख्तर जैसे कई दिग्गज खिलाड़ी टेनिस बॉल टूर्नामेंट खेल चुके हैं। मैंने खुद कई टेनिस बॉल टूर्नामेंट खेले हैं। ऐसा कोई क्रिकेटर नहीं है, जिसने टेनिस बॉल से क्रिकेट नहीं खेली है। मैं आपको बताना चाहूंगा कि टेनिस बॉल से हिट लगाना ज्यादा मुश्किल है। टेनिस बॉल का जो बाउंस है, वह हर बार अलग होता है। आपको हर गेंद पर पता नहीं होता कि गेंद कितना बाउंस करेगी। लेकिन लेदर बॉल के बाउंस को आपने एक बार जज कर लिया, या फिर ये जान गए कि पिच पर इतनी बाउंस है तो लेंथ से आप उस गेंद को जज कर सकते हो। पर टेनिस बॉल में ऐसा नहीं है और आप पता नहीं कर सकते कि कितनी उछाल मिलेगा, तो ये ज्यादा मुश्किल है।
हरभजन सिंह: सबसे पहले आपको खेलना जरूरी है। उसके बाद जो है वह है गेंद का फर्क। गेंद के फर्क को आप एडजस्ट कर सकते हैं, लेकिन खेल के प्रति आपकी दिलचस्पी सबसे ज्यादा जरूरी है। इस टूर्नामेंट में जो हम देख रहे हैं कि हर बच्चे में उत्साह है, नहीं तो आजकल हम देखते हैं कि सब वीडियो गेम खेलते हैं। तो सबसे पहले तो मैं इस मुहीम के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा, क्योंकि बच्चों को मोबाइल से निकालकर उन्हें फील्ड में खेलने का मौका मिला है। वह चार घंटे के लिए ही मोबाइल से दूर हुए हैं, लेकिन कम से कम हुए तो हैं। इसकी वजह से उनका दिमाग भी सही चलेगा, शरीरा भी सही चलेगा। अगर टेनिस बॉल से रेड बॉल में आते हैं, तो वह प्रक्रिया आसान होगी। धोनी, बालाजी, शोएब अख्तर जैसे कई दिग्गज खिलाड़ी टेनिस बॉल टूर्नामेंट खेल चुके हैं। मैंने खुद कई टेनिस बॉल टूर्नामेंट खेले हैं। ऐसा कोई क्रिकेटर नहीं है, जिसने टेनिस बॉल से क्रिकेट नहीं खेली है। मैं आपको बताना चाहूंगा कि टेनिस बॉल से हिट लगाना ज्यादा मुश्किल है। टेनिस बॉल का जो बाउंस है, वह हर बार अलग होता है। आपको हर गेंद पर पता नहीं होता कि गेंद कितना बाउंस करेगी। लेकिन लेदर बॉल के बाउंस को आपने एक बार जज कर लिया, या फिर ये जान गए कि पिच पर इतनी बाउंस है तो लेंथ से आप उस गेंद को जज कर सकते हो। पर टेनिस बॉल में ऐसा नहीं है और आप पता नहीं कर सकते कि कितनी उछाल मिलेगा, तो ये ज्यादा मुश्किल है।
LLC Ten-10: केडी सिंह बाबू स्टेडियम में लीग का धमाकेदार आगाज
- फोटो : अमर उजाला
6. जो बच्चे इस लीग में खेल रहे हैं, जो दर्शक आपको देख कर इस टूर्नामेंट को देखकर आएंगे, उनके लिए यह कितना बड़ा मौका है? इस लीग से कई बड़े दिग्गज जुड़े हैं, आपके अलावा क्रिस गेल, ब्रेट ली जैसे स्टार्स भी हैं। उन बच्चों पर क्या फर्क पड़ेगा?
हरभजन सिंह: मैं यहां आया हूं और मैं तमाम बच्चों को वह गुर सिखाने की कोशिश करूंगा, जिससे वह सही रास्ते पर आगे बढ़ सकें। अगर उन्हें कल रेड बॉल से क्रिकेट खेलनी है तो वह भी ठीक, नहीं खेलनी है तो भी ठीक है। मैं कह रहा हूं वह ग्राउंड पर आ रहे हैं, खेल रहे हैं, चाहे वह कोई भी स्पोर्ट्स हो- क्रिकेट हो, हॉकी हो, बैडमिंटन हो, स्पोर्ट्स खेलना जरूरी है। आजकल हम स्पोर्ट्स को समय नहीं दे रहे हैं। अगर पुराने समय में मैं जाऊं तो हमारे पास कोई खिलौने नहीं हुआ करते थे, लेकिन स्पोर्ट्स ही ऐसी चीज थी, जो हमलोगों को फिट रखती थी। हम सारे ही स्पोर्ट्स खेला करते थे। यह फोन जबसे आया है, इसने चीजें खराब कर दी हैं। जितने बच्चे आ रहे हैं, हम उनका प्रोत्साहन बढ़ाएंगे और उनको कहेंगे कि और खेलिए।
हरभजन सिंह: मैं यहां आया हूं और मैं तमाम बच्चों को वह गुर सिखाने की कोशिश करूंगा, जिससे वह सही रास्ते पर आगे बढ़ सकें। अगर उन्हें कल रेड बॉल से क्रिकेट खेलनी है तो वह भी ठीक, नहीं खेलनी है तो भी ठीक है। मैं कह रहा हूं वह ग्राउंड पर आ रहे हैं, खेल रहे हैं, चाहे वह कोई भी स्पोर्ट्स हो- क्रिकेट हो, हॉकी हो, बैडमिंटन हो, स्पोर्ट्स खेलना जरूरी है। आजकल हम स्पोर्ट्स को समय नहीं दे रहे हैं। अगर पुराने समय में मैं जाऊं तो हमारे पास कोई खिलौने नहीं हुआ करते थे, लेकिन स्पोर्ट्स ही ऐसी चीज थी, जो हमलोगों को फिट रखती थी। हम सारे ही स्पोर्ट्स खेला करते थे। यह फोन जबसे आया है, इसने चीजें खराब कर दी हैं। जितने बच्चे आ रहे हैं, हम उनका प्रोत्साहन बढ़ाएंगे और उनको कहेंगे कि और खेलिए।
हरभजन सिंह
- फोटो : LLC Ten10
हरभजन सिंह का करियर
भज्जी भारत के दिग्गज गेंदबाजों में से एक रहे हैं। वह 2007 में टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम और 2011 में वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं। हरभजन ने भारत के लिए डेब्यू मार्च 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में टेस्ट से किया था। इसके बाद अप्रैल 1998 में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ शारजाह में पहला वनडे खेला था। भज्जी ने अपना पहला टी20 मैच 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में खेला था। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी20 खेले हैं।
टेस्ट में भज्जी के नाम 417 विकेट, वनडे में 269 विकेट और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 25 विकेट हैं। टेस्ट में उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 84 रन देकर आठ विकेट, वनडे में उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 31 रन देकर पांच विकेट और टी20 में 12 रन देकर चार विकेट हैं। टेस्ट में हरभजन ने 25 बार पारी में पांच विकेट लिए, जबकि वनडे में उन्होंने ऐसा तीन बार किया। टेस्ट में भज्जी ने 18.22 की औसत से 2224 रन, वनडे में 1237 रन और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 108 रन बनाए हैं। टेस्ट में भज्जी के नाम दो शतक और नौ अर्धशतक हैं। इसके अलावा हरभजन 163 आईपीएल मैचों में 150 विकेट ले चुके हैं। उनका इकोनॉमी रेट 7.07 का रहा है।
भज्जी भारत के दिग्गज गेंदबाजों में से एक रहे हैं। वह 2007 में टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम और 2011 में वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं। हरभजन ने भारत के लिए डेब्यू मार्च 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में टेस्ट से किया था। इसके बाद अप्रैल 1998 में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ शारजाह में पहला वनडे खेला था। भज्जी ने अपना पहला टी20 मैच 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में खेला था। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी20 खेले हैं।
टेस्ट में भज्जी के नाम 417 विकेट, वनडे में 269 विकेट और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 25 विकेट हैं। टेस्ट में उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 84 रन देकर आठ विकेट, वनडे में उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 31 रन देकर पांच विकेट और टी20 में 12 रन देकर चार विकेट हैं। टेस्ट में हरभजन ने 25 बार पारी में पांच विकेट लिए, जबकि वनडे में उन्होंने ऐसा तीन बार किया। टेस्ट में भज्जी ने 18.22 की औसत से 2224 रन, वनडे में 1237 रन और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 108 रन बनाए हैं। टेस्ट में भज्जी के नाम दो शतक और नौ अर्धशतक हैं। इसके अलावा हरभजन 163 आईपीएल मैचों में 150 विकेट ले चुके हैं। उनका इकोनॉमी रेट 7.07 का रहा है।