सिडनी में जीत के साथ भारत का क्लीन स्वीप
सिडनी में खेला गया तीसरा टी-20 मैच बेहद रोमांचक रहा और अंतिम गेंद पर सुरेश रैना के बल्ले से निकले चौके ने टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया में पहली क्लीन स्विप दिला दी। 7 विकेट से मिली जीत के साथ ही टीम इंडिया ने यह सीरीज 3-0 से अपने नाम कर ली।
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कार्यवाहक कप्तान शेन वाटसन (नाबाद 124) की तूफानी शतकीय पारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने तेजी से रन बनाते हुए भारत के सामने 198 रनों का बड़ा लक्ष्य दिया जिसे टीम इंडिया ने अंतिम गेंद पर हासिल कर लिया। भारत की ओर से इस मैच में भी 2 अर्धशतक लगे। रोहित शर्मा ने 52 और विराट कोहली ने 50 रनों की पारियां खेली जबकि विजयी चौका लगाने वाले रैना (नाबाद 49) अपने अर्धशतक से सिर्फ एक रन से रह गए।
इससे पहले बल्लेबाजी करते हुए कंगारू टीम ने 20 ओवर में 5 विकेट पर 197 रन बनाए। कप्तान वाटसन ने अपनी आतिशी पारी में 71 गेंदों में 124 रनों (10 चौके और 6 छक्के) की नाबाद पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया ने 17 ओवर में 168 रन बना लिए थे, लेकिन अंतिम 3 ओवर में गेंदबाजों ने वापसी करते हुए सिर्फ 29 रन दिए और 200 से पहले ही रोक दिया। 5 गेंदबाजों को एक-एक सफलता मिली।
भारतीय टीम ने वनडे सीरीज 1-4 से गंवाई थी लेकिन टी-20 सीरीज में उसने एडिलेड और मेलबर्न के बाद सिडनी में जीत के साथ 3-0 करते हुए क्लीन स्वीप कर लिया।
इस जीत के साथ ही टीम इंडिया टी-20 रैंकिंग में पहले नंबर पर आ गई है। 120 रेटिंग के साथ भारत पहले जबकि 118 रेटिंग के साथ वेस्टइंडीज दूसरे नंबर पर हैं। वहीं, ऑस्ट्रेलिया टीम को लगातार तीन हार रास नहीं आई। कंगारू टीम आठवें नंबर पर है। उससे नीचे 9वें नंबर पर अफगानिस्तान है।
महज 25 गेंदों में भारत ने बनाए 50 रन
ऑस्ट्रेलिया से मिले 198 रनों के लक्ष्य के जवाब में रोहित शर्मा और शिखर धवन ने भी टीम को आतिशी शुरुआत दिलाई और 3 ओवर में 24 रन ठोंक दिए। धवन कुछ ज्यादा ही आक्रामक अंदाज में दिखे। दोनों ने शॉन टैट के तीसरे ओवर में कुल 24 रन कूट लिए। धवन ने महज 8 गेंद में 26 रन (9 चौका और 1 छक्का) बना लिए थे, लेकिन शेन वाटसन की गेंद पर चौका लगाने के बाद वह अगली गेंद पर कैच आउट हो गए। भारत ने महज 4.1 ओवर में 50 रन बना लिए जो टी-20 में सबसे तेज पहले 50 रन हैं।
धवन के जाने के बाद रोहित का साथ देने विराट कोहली आए और दोनों ने भारतीय पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 78 रनों की साझेदारी करते हुए टीम को बड़े लक्ष्य के करीब पहुंचाने में अपना योगदान दिया। रोहित 52 रन बनाने के बाद कैच आउट हो गए। जबकि कोहली ने सीरीज में फिफ्टी की हैट्रिक लगाने के बाद 50 रन के निजी स्कोर पर अजीबोगरीब ढंग से बोल्ड हो गए।
कोहली के जाने के बाद सीरीज में पहली बार बल्लेबाजी करने युवराज सिंह (नाबाद 15 रन, 12 गेंद) आए लेकिन अंतिम ओवर से पहले वह संघर्ष करते दिखे। हालांकि अंतिम ओवर में भारत जब जीत के 17 रन दूर था तो उन्होंने पहली गेंद पर चौका और फिर छक्का लगाकर टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचा दिया। फिर अंतिम गेंद पर भारत को 2 रन चाहिए थे तो रैना ने चौका लगाते हुए टीम को जीत दिला दी। रैना 49 रन बनाकर नाबाद रहे।
वाटसन की तूफानी पारी को रोकने में नाकाम रहे गेंदबाज
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने सधी हुई शुरुआत की। लेकिन भारत को तीसरे ओवर की दूसरी ही गेंद पर पहली सफलता मिल गई। तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने अपने टी-20 करियर की शुरुआत कर रहे पाकिस्तान मूल के उस्मान ख्वाजा (14) को विकेट के पीछे धोनी के हाथों कैच आउट कराया। इसके बाद आर अश्विन ने शॉन मार्श (9) को बोल्ड कर दूसरी सफलता दिलाई।
इस बीच मैच में कंगारू टीम के कार्यवाहक कप्तान शेन वाटसन (71 गेंदों में 124 रन) ने नाबाद पारी खेली। उन्होंने तूफानी बल्लेबाजी जारी रखी और 8 ओवर में 72 रन बना लिए। इसके बाद वाटसन ने दूसरे विकेट के लिए मार्श (9) के साथ 53 रनों की साझेदारी की। पिछले मैच में ग्लेन मैक्सवेल को अपना शिकार बनाने वाले युवराज सिंह ने इस मैच में अपनी पहली ही गेंद पर सुरेश रैना के हाथों कैच आउट करा दिया।
मैच में कुछ आसान जीवनदान पाने वाले वाटसन ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर क्लास ली, मैदान के चारों ओर चौके-छक्के लगाते हुए 31 गेंदों में फिफ्टी और फिर 60 गेंदों में शतक ठोंक दी। उन्होंने ट्रेविस हेड (26 रन, 19 गेंद) के साथ चौथे विकेट के लिए भी तूफानी साझेदारी करते हुए अर्धशतकीय साझेदारी की। दोनों के बीच 7.5 ओवर में 93 रनों की साझेदारी हुई। इस साझेदारी को जडेजा ने हेड को बोल्ड कर तोड़ा।
ऑस्ट्रेलिया ने 17 ओवर में 168 रन बना लिए थे, लेकिन अंतिम 3 ओवर में गेंदबाजों ने वापसी करते हुए सिर्फ 29 रन दिए और 200 से पहले ही रोक दिया। 5 गेंदबाजों को एक-एक सफलता मिली।