सीरीज के बाद टीम इंडिया की नजर अब पहली 'क्लीन स्वीप' पर
लगातार हार के बाद लगातार जीत मिले तो इससे बेहतर किसी टीम के लिए और क्या होगा। टीम इंडिया टी-20 सीरीज में जीत के बाद अब क्लीन स्वीप की ओर बढ़ गई है। भारत ने इस सरजमीं पर इससे पहले आखिरी बार 2007-08 में एक त्रिकोणीय वनडे सीरीज जीता था।
3 मैचों की टी-20 सीरीज के एडिलेड और मेलबर्न में खेले गए पहले 2 मैचों में जोरदार जीत के बाद टीम इंडिया की नजर अब सिडनी में भी जीत के साथ-साथ ऑस्ट्रेलियाई टीम का सूपड़ा साफ करने पर होगी। यह मैच रविवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 8 मिनट से शुरू होगा।
लगातार 2 जीत के साथ सीरीज जीत चुकी धोनी की टीम इंडिया जहां उत्साह से लबरेज है तो वहीं मेजबान कंगारू टीम के लिए मुसीबत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अब अंतिम मैच में उसे अपने नए कप्तान के साथ मैदान पर उतरना होगा क्योंकि सीरीज के लिए कप्तान बनाए गए ऐरोन फिंच चोटिल होने से इस मैच से बाहर हो गए हैं। शेन वाटसन को अंतिम मैच का कप्तान बनाया गया है।
दूसरी ओर, टीम इंडिया अगर कंगारुओं का सूपड़ा साफ करने में सफल होती है तो उसके लिए अपने घर में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप से पहले खिलाड़ियों के लिए उत्साह का संचार में कारगर होगी।
अंतिम मैच में भी 2 और खिलाड़ियों को आजमा सकते हैं कंगारू
भारत के हाथों टी-20 सीरीज हारने के बीच ऑस्ट्रेलिया के कई खिलाड़ी न्यूजीलैंड पहुंच चुके हैं और वे वहां बुधवार से शुरू होने वाली वनडे सीरीज की तैयारियों में जुट गए हैं। इस तरह से टेस्ट और वनडे कप्तान स्टीवन स्मिथ के अलावा डेविड वार्नर, जॉन हेस्टिंग्स, केन रिचर्डसन या मैथ्यू वाडे जैसे खिलाड़ी रविवार को सिडनी में होने वाले मैच में दिखाई नहीं देंगे।
इस बीच कप्तान ऐरोन फिंच भी चोटिल हो गए हैं और उनकी जगह शेन वाटसन को इस मैच का कप्तान बनाया गया है। फिंच की हैमस्ट्रिंग कितनी खतरनाक है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन अगर उनकी चोट गंभीर होती है तो वह भारत में होने वाले वर्ल्ड कप से भी बाहर हो सकते हैं। वाटसन कंगारू टीम के नौंवें कप्तान होंगे। रिकी पोंटिंग पहले टी-20 कप्तान थे।
ऑस्ट्रेलिया की टीम अगर सिडनी में भी टी-20 मैच हार जाती है तो उसका इस खेल में जीत का इंतजार और लंबा हो जाएगा। कंगारू टीम ने आखिरी बार 9 नवंबर, 2014 को जीत हासिल की थी। साथ ही मेजबान टीम इस सीरीज में भारत के खिलाफ 17 खिलाड़ियों को उतार चुकी है जबकि टीम इंडिया ने सिर्फ 11।
मेजबान ने दूसरे मैच में 6 बदलाव किए थे। अब यह संभावना है कि ऑस्ट्रेलिया अगले मैच में भी 2 बदलाव कर सकती है, जिससे यह संख्या 19 तक जा सकती है। कम से कम फिंच की जगह किसी का नंबर तो आना ही है।
पाक मूल के बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा सिडनी से टी-20 करियर की शुरुआत कर सकते हैं। वहीं विकेटकीपर मैथ्यू वाडे जो न्यूजीलैंड जा चुके हैं तो उनकी जगह कैमरून बैंक्रॉफ्ट को लिया जा सकता है।
सिडनी में ही जीत की राह पर लौटी थी टीम इंडिया
सिडनी के ही मैदान पर भारत ने पांचवें वनडे में जीत की राह पकड़ी थी जब मनीष पांडेय ने अपना पहला शतक जड़ा था। भारतीय टीम ने इस दौरे पर युवाओं को मौका दिया है और 2017 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी और 2019 वनडे वर्ल्ड कप की तैयारियों के मद्देनजर गुरकीरत मान, रिषि धवन और बरिंदर सरां की प्रगति बड़ा सकारात्मक पक्ष रही है।
मार्च-अप्रैल में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप को देखते हुए जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या भी योजनाओं के तहत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। जब चयनकर्ता वर्ल्ड टी-20 के लिए टीम चुनने बैठेंगे तो बुमराह और पांड्या दोनों दावेदारों में शामिल होंगे। इनकी मौजूदगी से कप्तान धोनी को गेंदबाजी में अतिरिक्त विकल्प मिले हैं।
बुमराह ने तीन में से दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है। खासकर तब जब कप्तान धोनी ने पहले छह ओवरों में स्पिनरों को गेंदबाजीं में नहीं लगाया। बुमराह ने पिछले मैच में डेथ ओवरों में भी अच्छा प्रदर्शन किया। पांड्या ने भी अच्छी गति से गेंदें डालीं जिससे पेसरों के लिए अच्छा कवर साबित हो सकते हैं।
युवराज और रैना की भी भूमिका अहम
युवराज सिंह और सुरेश रैना की भी भूमिका अहम हो गई है। धोनी कह चुके हैं कि अगर कामचलाऊ गेंदबाज एक ओवर भी फेंकते हैं तो गेंदबाजी आक्रमण के ऊपर से दबाव कम होगा चाहे यह ओवर अच्छा हो या बुरा। शुक्रवार को युवराज ने जिस तरह से दो ओवर गेंदबाजी की, ऐसा कोई कामचलाऊ गेंदबाज करता है तो यह बोनस की तरह है। इन दोनों की मौजूदगी ने टीम का संतुलन कायम किया है।
टीम इंडिया टी-20 प्रारूप के अनुकूल नजर आ रही है। भारत पहले दो टी-20 मैचों के गेंदबाजी आक्रमण के साथ ही उतरना पसंद करेगा देखना यह है कि युवराज और पांड्या को बल्लेबाजी का मौका मिलता है या नहीं। युवराज ने गेंदबाजी में अच्छा किया है लेकिन उनकी बल्लेबाजी फार्म भी अहम है। खासतौर से तब जब शीर्ष क्रम अच्छा कर रहा है और कप्तान धोनी ने खुद बड़े हिट लगाने की जिम्मेदारी संभाल ली है।
सिडनी टी-20 के अलावा श्रीलंका के खिलाफ सीरीज को मिलाकर भारतीय टीम के पास चार मैच हैं जिसका इस्तेमाल भारत आकलन के लिए कर सकता है। एशिया कप की टीम में उन्हीं खिलाड़ियों को मौका मिलने की उम्मीद है जो वर्ल्ड टी-20 का हिस्सा होंगे। रहाणे और पांडेय अन्य विकल्प हो सकते हैं लेकिन युवराज अपनी गेंदबाजी से इन पर भारी पड़ते हैं। वर्ल्ड टी-20 में उपमहाद्वीप के हालात को देखते हुए वैसे भी स्पिनरों के खेलने की अधिक संभावना है। अनुभवी हरभजन सिंह को दौरे में अभी मौके का इंतजार है।