Australia
119/10 (18.2 ov)
India
167/8 (20 ov)
India won by 48 runs
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Cricket on This Day: 61 गेंद में खत्म हुआ था सबसे छोटा टेस्ट, खिलाड़ियों की जान बचाने के लिए रद्द हुआ था मैच
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शक्तिराज सिंह
Updated Sun, 29 Jan 2023 04:13 PM IST
सार
क्रिकेट इतिहास का सबसे छोटा टेस्ट मैच सिर्फ 61 गेंद में खत्म हो गया था। इस मैच के लिए बनाई गई पिच इतनी खतरनाक थी कि एक घंटे के अंदर छह बार फिजियो मैदान में आए थे। अगर मैच पूरा होता तो किसी खिलाड़ी को जानलेवा चोट भी लग सकती थी।
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सबसे छोटे टेस्ट मैच के दौरान खिलाड़ी
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
क्रिकेट में टी20 फॉर्मेट की लोकप्रियता बढ़ने के बाद टेस्ट मैच में फैंस की रुचि कम हुई है। टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता बनाए रखने के लिए इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं। खिलाड़ियों ने अब टेस्ट क्रिकेट खेलने का तरीका बदल दिया है। अब बल्लेबाज आक्रामता के साथ खेलते हैं और अधिकतर टेस्ट मैच के नजीते आ जाते हैं। हालांकि, एक समय ऐसा भी था, जब अधिकतर टेस्ट मैच ड्रॉ हो जाते थे। पूरे पांच दिन खेल होने के बाद नतीजा नहीं निकलता था।
आज के समय में भी कई टेस्ट मैच ड्रॉ हो जाते हैं। हालांकि, कई मैच दो से तीन दिन में भी खत्म हो जाते हैं। क्रिकेट इतिहास का सबसे छोटा टेस्ट मैच लगभग एक घंटे में ही खत्म हो गया था। इसमें कुल 61 गेंदों का खेल हुआ था। इसके बाद अंपायरों ने मैच रोक दिया था। यह मैच 1998 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था। इस मुकाबले में अंपायरों ने खिलाड़ियों को बचाने के लिए मैच रद्द कर दिया था।
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आज के समय में भी कई टेस्ट मैच ड्रॉ हो जाते हैं। हालांकि, कई मैच दो से तीन दिन में भी खत्म हो जाते हैं। क्रिकेट इतिहास का सबसे छोटा टेस्ट मैच लगभग एक घंटे में ही खत्म हो गया था। इसमें कुल 61 गेंदों का खेल हुआ था। इसके बाद अंपायरों ने मैच रोक दिया था। यह मैच 1998 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था। इस मुकाबले में अंपायरों ने खिलाड़ियों को बचाने के लिए मैच रद्द कर दिया था।
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खराब पिच की वजह से मैच पूरा नहीं हुआ था
- फोटो : सोशल मीडिया
क्या है पूरा मामला?
वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच जमैका के सबीना पार्क में शुरू हुआ था। 1998 में वेस्टइंडीज की टीम काफी खतरनाक थी। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और कैरिबियाई गेंदबाजों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। एक घंटे के अंदर छह बार फिजियो मैदान में आ गए। इंग्लैंड के तीन बल्लेबाज भी आउट हो चुके थे। इसके बाद इंग्लैंड के कप्तान माइक एथर्टन अंपायरों के पास पहुंचे और मैच रद्द करने के लिए कहा। एथर्टन ने कहा कि अगर मैच जारी रहा तो बल्लेबाज चोटिल होते रहेंगे और किसी को जानवेला चोट भी लग सकती है।
इस मैच के अंपायर स्टीव बकनर और श्रीनिवास वेंकटराघवन थे। दोनों ने काफी देर तक बात की। इसके बाद मैच को रद्द करने का फैसला किया गया। यह मैच लंबे समय तक क्रिकेटप्रेमियों को याद रहेगा।
इस मैच के लिए बनाई गई पिच में पहले से ही काफी दरारें थीं। ऐसे में गेंदबाजों को असामान्य उछाल मिल रहा था और बल्लेबाज इसका अनुमान नहीं लगा पा रहे थे। गेंद बल्लेबाजों के शरीर में लग रही थीं और वह चोटिल हो रहे थे। इसके बाद सामान्य पिच बनाने पर सभी देशों के क्रिकेट बोर्ड ने जोर दिया और अब ऐसी पिच नहीं बनती हैं।
वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच जमैका के सबीना पार्क में शुरू हुआ था। 1998 में वेस्टइंडीज की टीम काफी खतरनाक थी। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और कैरिबियाई गेंदबाजों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। एक घंटे के अंदर छह बार फिजियो मैदान में आ गए। इंग्लैंड के तीन बल्लेबाज भी आउट हो चुके थे। इसके बाद इंग्लैंड के कप्तान माइक एथर्टन अंपायरों के पास पहुंचे और मैच रद्द करने के लिए कहा। एथर्टन ने कहा कि अगर मैच जारी रहा तो बल्लेबाज चोटिल होते रहेंगे और किसी को जानवेला चोट भी लग सकती है।
इस मैच के अंपायर स्टीव बकनर और श्रीनिवास वेंकटराघवन थे। दोनों ने काफी देर तक बात की। इसके बाद मैच को रद्द करने का फैसला किया गया। यह मैच लंबे समय तक क्रिकेटप्रेमियों को याद रहेगा।
इस मैच के लिए बनाई गई पिच में पहले से ही काफी दरारें थीं। ऐसे में गेंदबाजों को असामान्य उछाल मिल रहा था और बल्लेबाज इसका अनुमान नहीं लगा पा रहे थे। गेंद बल्लेबाजों के शरीर में लग रही थीं और वह चोटिल हो रहे थे। इसके बाद सामान्य पिच बनाने पर सभी देशों के क्रिकेट बोर्ड ने जोर दिया और अब ऐसी पिच नहीं बनती हैं।