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BrahMos Missile: पहाड़ों में छिपे दुश्मनों का नाश करेगी 'ब्रह्मोस' मिसाइल, जानिए इसकी मारक क्षमता और खासियतें

डिजिटल रिसर्च डेस्क Published by: Tanuja Yadav Updated Sat, 10 Oct 2020 06:25 PM IST
सार
  • सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है ब्रह्मोस
  • भारत और रूस ने मिलकर विकसित की
  • 450 किमी की रेंज, तीन टन की वजन
  • 20 किमी पर रास्ता बदलने की क्षमता
  • तीनों सेनाओं में शामिल किया गया है
  • मिसाइल के बारे में कहा जाता है 'दागो और भूल जाओ'
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BrahMos Missile News: Supersonic Cruise Medium Range Missile Brahmos Its History Development And Power
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस - फोटो : AMAR UJALA

विस्तार
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BrahMos Missile: हाल ही में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का ओडिशा तट पर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज में सफल परीक्षण किया गया। ब्रह्मोस मिसाइल पहाड़ों में भी छिपे दुश्मनों को सर्वनाश कर सकती है। सफल परीक्षण के बाद ब्रह्मोस मिसाइल एक बार सुर्खियों में आ गई है, आइए जानते हैं इस मिसाइल की खासियतें और इसका इतिहास...



कैसे रखा गया इस मिसाइल का नाम?
ब्रह्मोस दो नदियों के नाम से मिलाकर बनाया गया है। भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर इस मिसाइल का नाम रखा गया है। इस मिसाइल को बनाने में भारत और रूस दोनों का योगदान है। 


ब्रह्मोस मिसाइल : एक संक्षिप्त परिचय

  • भारत और रूस ने संयुक्त रूप से मिसाइल को विकसित किया है, रूस का हिस्सा 49.5 फीसदी और भारत का हिस्सा 50.05 फीसदी।
  • 450 किमी तक की रेंज और 200 किलो का पारंपरिक वॉरहेड ले जाने की क्षमता रखती है मिसाइल।
  • नौ मीटर लंबी और 670 मिमी व्यास वाली मिसाइल का कुल वजन लगभग तीन टन है।
  • 14 किमी तक की ऊंचाई तक जा सकती है और 20 किमी की दूरी पर मार्ग बदल लेती है।

ब्रह्मोस में क्या है खास?

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की खासियतें
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की खासियतें - फोटो : AMAR UJALA
  • मिसाइल पनडुब्बी, जहाज, एयरक्राफ्ट या जमीन से भी लॉन्च की जा सकती है। 
  • ब्रह्मोस की रफ्तार अमेरिकी सेना की मिसाइल टॉमहॉक से चार गुना तेज है।
  • जहाज और जमीन से लॉन्च होने पर यह मिसाइल 200 किलो युद्धसामग्री ले जा सकती है।
  • एयरक्राफ्ट से लॉन्च होने पर 300 किलो की युद्धसामग्री ले जा सकती है।
  • मेनुवरेबल तकनीक से लैस होने से, लक्ष्य रास्ता जरूर बदल लें लेकिन उसे निशाना जरूर बनाती है।
  • ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में कहा जाता है कि दागो और भूल जाओ।

ब्रह्मोस का इतिहास

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का इतिहास
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का इतिहास - फोटो : AMAR UJALA

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल देश की आधुनिक और दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल मानी जाती है। अगर कोई दुश्मन पहाड़ में छिपा बैठा है तो भी ये मिसाइल उसे ढूंढ निकालकर मारने की क्षमता रखती है। इसे तीनों सेनाओं में शामिल किया जा चुका है।

सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस का इतिहास

  • इसे भारत के रक्षा शोध और विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के एनपीओएम ने संयुक्त रूप से मिलकर बनाया है।
  • 12 जून, 2001 को इस मिसाइल का सफल लॉन्च किया गया था।
  • आईएनएस राजपूत पहला जहाज था, जिस पर पहली बार मिसाइल को 2005 में शामिल की गई थी।
  • सुखोई-30 एमकेआई प्लेटफॉर्म पर ब्रह्मोस एयर लॉन्च का सफल परीक्षण किया गया। 

सुपरसोनिक मिसाइल कितनी शक्तिशाली होती है?

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस - फोटो : AMAR UJALA

ब्रह्मोस मिसाइल मध्यम रेंज की रेमजेट सुरपसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों और जमीन से दागा जा सकता है। क्रूज मिसाइल वो होती हैं जो कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरती हैं और इस तरह की रडार की आंख से बच जाती हैं। 

ब्रह्मोस की शक्ति से चीन की रूह पर थरथर कांपती है। चीनी सेना का हमेशा यह कहना है कि अरूणाचल प्रदेश में सीमा पर ब्रह्मोस की तैनाती के बाद से उनके तिब्बत और यूनान प्रांत पर खतरा मंडराने लगा है।

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