{"_id":"6932d6830902a8ddcb03fe37","slug":"adopt-innovation-in-herbs-and-aromatic-sector-cm-dehradun-news-c-5-drn1043-849713-2025-12-05","type":"story","status":"publish","title_hn":"जड़ी बूटी और सगंध क्षेत्र में\nनवाचार को अपनाएं : सीएम","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
जड़ी बूटी और सगंध क्षेत्र में नवाचार को अपनाएं : सीएम
विज्ञापन
विज्ञापन
फोटो
-सीएम बोले- राज्य में हर्बल इकोनॉमी विकसित करना सरकार की प्राथमिकता
-जड़ी-बूटी व एरोमा में अध्ययन के लिए अग्रणी राज्यों में भेजी जाए विशेषज्ञों की टीम
अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, जड़ी बूटी व सगंध क्षेत्र में नवाचार अपनाकर मूल्य संवर्द्धन और मार्केटिंग को बढ़ावा दिया जाए। हिमालयी क्षेत्रों में हर्बल व एरोमा की संभावनाओं को देखते हुए उत्तराखंड में हर्बल इकोनॉमी विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है।
शुक्रवार को सचिवालय में जड़ी-बूटी सलाहकार समिति की बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों में क्लस्टर बनाकर हर्बल क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से काम करें। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उपलब्ध हर्बल व औषधीय उत्पादों के संवर्द्धन और प्रोत्साहन पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा जड़ी-बूटी व एरोमा सेक्टर में अग्रणी दो राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करने के लिए राज्य से विशेषज्ञों की टीम भेजी जाए, इससे उत्तराखंड में भी इन नवाचारों को लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी क्षेत्र में सालाना टर्नओवर बढ़ाने के लिए अनुसंधान, नवाचार, उत्पादन, विपणन और ब्रांडिंग पर काम किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र प्राकृतिक हर्बल संपदा का केंद्र है। राज्य में इसकी अपार संभावनाओं को देखते हुए हर्बल इकोनॉमी को विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है। किसानों को उनके उत्पाद का अधिकतम लाभ दिलाने, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने व महिलाओं को आर्थिकी से जोड़ने की दिशा में ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए। कहा, हर्बल उत्पादों का मूल्य संवर्द्धन, प्रसंस्करण व प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पंतनगर विश्वविद्यालय का सहयोग लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में भालू व अन्य वन्य जीवों से जनजीवन और फसलों को नुकसान पहुंच रहा है, वहां कृषि एवं वन विभागों की संयुक्त टीम भेजें। टीमें लोगों को सुरक्षा उपायों और फसल संरक्षण के लिए जानकारी प्रदान करें।
बैठक में जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने अनुसंधान कार्यों, दुर्लभ औषधीय प्रजातियों के संरक्षण, उत्पादन, और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी। बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी, जड़ी-बूटी सलाहकार समिति उपाध्यक्ष भुवन विक्रम डबराल, बलवीर घुनियाल, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव एसएन पांडेय, वी. षणमुगम, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, वंदना, अनुराधा पाल मौजूद रहे।
Trending Videos
-सीएम बोले- राज्य में हर्बल इकोनॉमी विकसित करना सरकार की प्राथमिकता
-जड़ी-बूटी व एरोमा में अध्ययन के लिए अग्रणी राज्यों में भेजी जाए विशेषज्ञों की टीम
अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, जड़ी बूटी व सगंध क्षेत्र में नवाचार अपनाकर मूल्य संवर्द्धन और मार्केटिंग को बढ़ावा दिया जाए। हिमालयी क्षेत्रों में हर्बल व एरोमा की संभावनाओं को देखते हुए उत्तराखंड में हर्बल इकोनॉमी विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है।
शुक्रवार को सचिवालय में जड़ी-बूटी सलाहकार समिति की बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों में क्लस्टर बनाकर हर्बल क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से काम करें। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उपलब्ध हर्बल व औषधीय उत्पादों के संवर्द्धन और प्रोत्साहन पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा जड़ी-बूटी व एरोमा सेक्टर में अग्रणी दो राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करने के लिए राज्य से विशेषज्ञों की टीम भेजी जाए, इससे उत्तराखंड में भी इन नवाचारों को लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी क्षेत्र में सालाना टर्नओवर बढ़ाने के लिए अनुसंधान, नवाचार, उत्पादन, विपणन और ब्रांडिंग पर काम किया जाए।
विज्ञापन
विज्ञापन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र प्राकृतिक हर्बल संपदा का केंद्र है। राज्य में इसकी अपार संभावनाओं को देखते हुए हर्बल इकोनॉमी को विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है। किसानों को उनके उत्पाद का अधिकतम लाभ दिलाने, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने व महिलाओं को आर्थिकी से जोड़ने की दिशा में ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए। कहा, हर्बल उत्पादों का मूल्य संवर्द्धन, प्रसंस्करण व प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पंतनगर विश्वविद्यालय का सहयोग लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में भालू व अन्य वन्य जीवों से जनजीवन और फसलों को नुकसान पहुंच रहा है, वहां कृषि एवं वन विभागों की संयुक्त टीम भेजें। टीमें लोगों को सुरक्षा उपायों और फसल संरक्षण के लिए जानकारी प्रदान करें।
बैठक में जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने अनुसंधान कार्यों, दुर्लभ औषधीय प्रजातियों के संरक्षण, उत्पादन, और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी। बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी, जड़ी-बूटी सलाहकार समिति उपाध्यक्ष भुवन विक्रम डबराल, बलवीर घुनियाल, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव एसएन पांडेय, वी. षणमुगम, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, वंदना, अनुराधा पाल मौजूद रहे।