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Chamoli Avalanche: अस्पताल से छुट्टी के बाद श्रमिकों की चिंता...जेब में एक पैसा तक नहीं, कैसे पहुंचेंगे घर?

प्रदीप भंडारी, संवाद न्यूज एजेंसी, ज्योतिर्मठ(चमोली) Published by: अलका त्यागी Updated Wed, 05 Mar 2025 05:00 AM IST
सार

Chamoli Avalanche News: हिमस्खलन से सुरक्षित निकाले गए 44 श्रमिकों को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दो श्रमिक एम्स ऋषिकेश में भर्ती हैं। अब श्रमिकों के स्वास्थ्य में सुधार होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है।

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Chamoli Avalanche  Workers worried not even a penny in their pocket how will they reach home
श्रमिक - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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माणा हिमस्खलन की चपेट में आए श्रमिकों के लिए अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद घर पहुंचना बड़ी चुनौती बन गया है। उनका सामान व पैसा बर्फ में दब गया, अब उनके एक पैसा तक नहीं है, वहीं कंपनी ने हरिद्वार तक भेजने की व्यवस्था की है। ऐसे में वे घर तक कैसे पहुंचेंगे इसकी चिंता है।

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हिमस्खलन से सुरक्षित निकाले गए 44 श्रमिकों को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दो श्रमिक एम्स ऋषिकेश में भर्ती हैं। अब श्रमिकों के स्वास्थ्य में सुधार होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है। एक श्रमिक को सोमवार को छुट्टी दी गई, जबकि 36 श्रमिकों को मंगलवार को घर भेजा गया है। लेकिन उनके सामने अब दूसरी चुनौती खड़ी हो गई है।
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श्रमिकों का कहना है कि उनका सारा सामान बर्फ में दब गया। उनके पास बस तन के कपड़े और पैरों में जूते या चप्पल ही हैं। जबकि कंपनी ने उनके लिए हरिद्वार तक ही जाने की व्यवस्था की है। आगे भगवान भरोसे है। उनके पास कुछ भी नहीं है, जो होगा देखा जाएगा। फिलहाल हरिद्वार तक पहुंच जाएं तो वहां से अपने-अपने घर जाएंगे।

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क्या बोले श्रमिक

हमारे पास पैसे नहीं हैं न ही कोई सामान बचा है। तन पर कपड़े और पैरों में चप्पल हैं, उसी में घर भेजा जा रहा है। कंपनी ने हरिद्वार तक की व्यवस्था की है, आगे क्या होगा कुछ पता नहीं है। भगवान ने इतनी बड़ी आपदा में हमें बचा लिया, आगे कुछ न कुछ रास्ता जरूर मिल जाएगा। 
- जयेंद्र प्रसाद, वेल्डर, बिहार निवासी

घर जाने के लिए फूटी कौड़ी नहीं है। सारा सामान तो हिमस्खलन में दब गया। जो कपड़े पहने हैं वही बचा है। कंपनी ने हरिद्वार तक जाने की व्यवस्था तो कर दी है, आगे का पता नहीं, उम्मीद है कि आगे भी कंपनी कोई व्यवस्था करेगी। ईश्वर की कृपा रही कि हम सुरक्षित घर जा रहे हैं। 
- जितेश कुमार, बिहार निवासी

 श्रमिकों को ज्योतिर्मठ से हरिद्वार तक जाने की व्यवस्था की गई है। हरिद्वार से कंपनी के कर्मचारी अन्य सुविधाएं मुहैया कराएंगे।
- मनु शर्मा, मैनेजर कार्यदायी कंपनी

श्रमिकों को किसी तरह की कोई असुविधा न हो इसकी व्यवस्था की जाएगी। कंपनी को उन्हें घर तक सुरक्षित भेजने के लिए कहा जाएगा।
- चंद्रशेखर वशिष्ठ, एसडीएम ज्योतिर्मठ

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