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Dehradun News: विरासत संरक्षण के लिए उद्यमी सरकारी संस्थान करें सहायता
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-रीच संस्था के प्रतिनिधियों से बातचीत में राज्यपाल ने कही बात
अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। विरासत संरक्षण के लिए उद्यमी और सरकारी संस्थान वित्तीय मदद कर सकते हैं। राजभवन में मंगलवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने रीच संस्था के पदाधिकारियों से भेंट के दौरान ये बात कही।
रीच संस्था के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 1995 से निरंतर विरासत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव अपने 30 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा पूरी कर चुका है। विरासत में देश-प्रदेश के साथ ही विदेशों से भी कलाकारों, उद्यमियों और दर्शकों की सक्रिय भागीदारी रहती है। राज्यपाल ने कहा कि विरासत जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है, हमारी जड़ों, संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। इस तरह के महोत्सव को संजोना, संरक्षित करना और नई पीढ़ी तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने 30 वर्षों से निरंतर आयोजित हो रहे इस महोत्सव के लिए संस्था के प्रयासों की सराहना की।
राज्यपाल ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि किसी भी बड़े सांस्कृतिक आयोजन के लिए वित्तीय सुदृढ़ता अनिवार्य होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए सीएसआर, विभिन्न उद्यमियों और सरकारी संस्थानों से सहयोग की संभावनाओं का विस्तार किया जाए। इस अवसर पर संस्था के महासचिव आरके सिंह, हेमन्त अरोड़ा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
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अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। विरासत संरक्षण के लिए उद्यमी और सरकारी संस्थान वित्तीय मदद कर सकते हैं। राजभवन में मंगलवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने रीच संस्था के पदाधिकारियों से भेंट के दौरान ये बात कही।
रीच संस्था के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 1995 से निरंतर विरासत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव अपने 30 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा पूरी कर चुका है। विरासत में देश-प्रदेश के साथ ही विदेशों से भी कलाकारों, उद्यमियों और दर्शकों की सक्रिय भागीदारी रहती है। राज्यपाल ने कहा कि विरासत जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है, हमारी जड़ों, संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। इस तरह के महोत्सव को संजोना, संरक्षित करना और नई पीढ़ी तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने 30 वर्षों से निरंतर आयोजित हो रहे इस महोत्सव के लिए संस्था के प्रयासों की सराहना की।
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राज्यपाल ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि किसी भी बड़े सांस्कृतिक आयोजन के लिए वित्तीय सुदृढ़ता अनिवार्य होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए सीएसआर, विभिन्न उद्यमियों और सरकारी संस्थानों से सहयोग की संभावनाओं का विस्तार किया जाए। इस अवसर पर संस्था के महासचिव आरके सिंह, हेमन्त अरोड़ा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।