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Dehradun News: कैशलेस इलाज पर जताया आभार, शर्तें बरकरार रखने की मांग
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- राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर जताई चिंता
अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। कर्मचारियों को कैशलेस इलाज के लिए सरकार के इंश्योरेंस और हाईब्रीड मोड संबंधी फैसलों का स्वागत करते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने पूर्व की नियम व शर्तों को बरकरार रखने के प्रति भी चिंता जताई है। परिषद के अध्यक्ष अरुण पांडे ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है।
उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया है कि कैशलेस चिकित्सा के लिए पूर्व में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से राज्य के अन्दर एवं बाहर के पंजीकृत चिकित्सालयों के साथ ही पंजीकृत बीमा कंपनी के अन्तर्गत पंजीकृत चिकित्सालयों में चिकित्सा की सुविधा कैशलेस प्रदान की जाए। गोल्डन कार्डधारियों की ओर से कोई अतिरिक्त धनराशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। पांच लाख रुपये तक सीमा से अधिक व्यय वाली चिकित्सा सुविधा पूर्व की भांति कैशलेस करने की व्यवस्था बरकरार रखी जाए।
उन्होंने मांग की है कि गोल्डन कार्डधारियों को पूर्व की भांति चिकित्सा प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया, व्यवस्था बरकरार रखी जाए। गोल्डन कार्ड के आधार पर ही कैशलेस चिकित्सा की अनुमन्यता बरकरार रखी जाए। गोल्डन कार्डधारियों की बीमा कंपनी की ओर से पांच लाख रुपये की सीमा तक की जा रही चिकित्सा में अचानक निर्धारित सीमा से बढ़ोतरी होने व अन्य किसी कारण से कैशलेस चिकित्सा में व्यवधान न हो। उन्होंने मांग की कि कैशलेस चिकित्सा बीमा कंपनियों के माध्यम से कराने के प्रस्ताव में इन सभी बिंदुओं का ख्याल रखा जाए, जिससे कर्मचारियों को परेशानी न हो।
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देहरादून। कर्मचारियों को कैशलेस इलाज के लिए सरकार के इंश्योरेंस और हाईब्रीड मोड संबंधी फैसलों का स्वागत करते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने पूर्व की नियम व शर्तों को बरकरार रखने के प्रति भी चिंता जताई है। परिषद के अध्यक्ष अरुण पांडे ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है।
उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया है कि कैशलेस चिकित्सा के लिए पूर्व में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से राज्य के अन्दर एवं बाहर के पंजीकृत चिकित्सालयों के साथ ही पंजीकृत बीमा कंपनी के अन्तर्गत पंजीकृत चिकित्सालयों में चिकित्सा की सुविधा कैशलेस प्रदान की जाए। गोल्डन कार्डधारियों की ओर से कोई अतिरिक्त धनराशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। पांच लाख रुपये तक सीमा से अधिक व्यय वाली चिकित्सा सुविधा पूर्व की भांति कैशलेस करने की व्यवस्था बरकरार रखी जाए।
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उन्होंने मांग की है कि गोल्डन कार्डधारियों को पूर्व की भांति चिकित्सा प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया, व्यवस्था बरकरार रखी जाए। गोल्डन कार्ड के आधार पर ही कैशलेस चिकित्सा की अनुमन्यता बरकरार रखी जाए। गोल्डन कार्डधारियों की बीमा कंपनी की ओर से पांच लाख रुपये की सीमा तक की जा रही चिकित्सा में अचानक निर्धारित सीमा से बढ़ोतरी होने व अन्य किसी कारण से कैशलेस चिकित्सा में व्यवधान न हो। उन्होंने मांग की कि कैशलेस चिकित्सा बीमा कंपनियों के माध्यम से कराने के प्रस्ताव में इन सभी बिंदुओं का ख्याल रखा जाए, जिससे कर्मचारियों को परेशानी न हो।

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