चायनीज मोमो में पहाड़ी जख्या का तड़का: फास्ट फूड प्रेमियों को खूब भा रहा ये नया प्रयोग, बढ़ रही डिमांड
पहाड़ में लगातार फास्ट फूड का ट्रेंड बढ़ रहा है। ऐसे में नवीन डिमरी ने पहाड़ी उत्पादों के साथ फास्ट फूड बनाने की सोची। उन्होंने माेमो की कुरकुरे वैरायटी में जख्या का प्रयोग किया, जिसे स्थानीय लोगों ने काफी सराहा।
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कद्दू या लौकी की सब्जी हो या फिर कड़ी यदि पहाड़ी जख्या का तड़का लग जाए तो उसका स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। अब चाइनीज फास्ट फूड मोमो में भी जख्या का तड़का लग रहा है। जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं।
कर्णप्रयाग के नैनीताल हाईवे पर एक फास्ट फूड शॉप के संचालक नवीन डिमरी बताते हैं कि पहाड़ में लगातार फास्ट फूड का ट्रेंड बढ़ रहा है। ऐसे में उन्होंने पहाड़ी उत्पादों के साथ फास्ट फूड बनाने की सोची। उन्होंने माेमो की कुरकुरे वैरायटी में जख्या का प्रयोग किया, जिसे स्थानीय लोगों ने काफी सराहा। इस पर उन्होंने इसे अपने मैन्यू में शामिल कर लिया। अब वह पर्यटकों को भी मोमो में जख्या का तड़का लगाकर परोस रहे हैं।
उपभोक्ता हरीश सती का कहना है कि पहाड़ी उत्पाद केवल अपने स्वाद के लिए ही नहीं जाने जाते बल्कि ये स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभदायक होते हैं। वहीं, फास्ट फूड में स्थानीय उत्पाद शामिल होने से पहाड़ी उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी।
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लगातार बढ़ता जा रहा जख्या का व्यावसायिक उपयोग
जख्या गेहूं के साथ बोई जाने वाली फसल है। पहाड़ के हर गांव में इसकी खेती होती है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के ब्लाक समन्वयक प्रशांत सूरी बताते हैं कि ब्लाक के 6 क्लस्टर करीब 18 से 25 किलो तक जख्या का विक्रय करते हैं। वहीं स्थानीय दुकानदार राजू भट्ट के अनुसार जख्या का व्यावसायिक उपयोग बढ़ता जा रहा है।
ये है जख्या की कीमत
जख्या बाजार में 150 से 160 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। यदि छोटे पैकेट लेंगे तो 15 से 30 रुपये प्रति 100 और 200 ग्राम के पैकेट भी मिल रहे हैं। प्रवासी और पर्यटक बड़ी मात्रा में जख्या ले जाते हैं।