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औपचारिकता तक न सिमटे फायर सेफ्टी ऑडिट : एडीजी
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- क्रिसमस और नए साल के जश्न को देखते हुए सभी प्रतिष्ठानों के ऑडिट के दिए थे निर्देश
- एडीजी कानून व्यवस्था डॉ. वी मुरुगेशन ने अधिकारियों के साथ की गोष्ठी
माई सिटी रिपोर्टर
देहरादून। एडीजी कानून व्यवस्था डॉ. वी मुरुगेशन ने अधिकारियों से कहा कि प्रतिष्ठानों का फायर सेफ्टी ऑडिट औपचारिकता तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एडीजी मुरुगेशन शुक्रवार को क्रिसमस और नए साल के जश्न के मद्देनजर अधिकारियों के साथ गोष्ठी कर रहे थे।
आईजी फायर सर्विस नीरू गर्ग ने सभी जिला पुलिस प्रभारियों को फायर सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए। कहा कि सभी आयोजन स्थलों जैसे बैंकेट हॉल, मॉल, होटल, पब आदि का समय रहते निरीक्षण किया जाए। अग्निशमन अनापत्ति प्रमाणपत्र, उसके नवीनीकरण और फायर उपकरणों की कार्यशीलता सुनिश्चित की जाए। साथ ही भवन स्वामी, प्रबंधक एवं स्टाफ को अग्निशमन उपकरणों के संचालन का प्रशिक्षण दिया जाए। निकास मार्गों और अग्निशमन वाहनों के पहुंच मार्ग को अवरोधमुक्त रखने व निर्धारित विद्युत भार से अधिक उपकरणों के प्रयोग पर रोक लगाने के निर्देश भी दिए गए। लापरवाही के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर भवन स्वामी/संचालक के साथ-साथ संबंधित मुख्य अग्निशमन अधिकारी और अग्निशमन अधिकारी के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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माई सिटी रिपोर्टर
देहरादून। एडीजी कानून व्यवस्था डॉ. वी मुरुगेशन ने अधिकारियों से कहा कि प्रतिष्ठानों का फायर सेफ्टी ऑडिट औपचारिकता तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एडीजी मुरुगेशन शुक्रवार को क्रिसमस और नए साल के जश्न के मद्देनजर अधिकारियों के साथ गोष्ठी कर रहे थे।
आईजी फायर सर्विस नीरू गर्ग ने सभी जिला पुलिस प्रभारियों को फायर सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए। कहा कि सभी आयोजन स्थलों जैसे बैंकेट हॉल, मॉल, होटल, पब आदि का समय रहते निरीक्षण किया जाए। अग्निशमन अनापत्ति प्रमाणपत्र, उसके नवीनीकरण और फायर उपकरणों की कार्यशीलता सुनिश्चित की जाए। साथ ही भवन स्वामी, प्रबंधक एवं स्टाफ को अग्निशमन उपकरणों के संचालन का प्रशिक्षण दिया जाए। निकास मार्गों और अग्निशमन वाहनों के पहुंच मार्ग को अवरोधमुक्त रखने व निर्धारित विद्युत भार से अधिक उपकरणों के प्रयोग पर रोक लगाने के निर्देश भी दिए गए। लापरवाही के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर भवन स्वामी/संचालक के साथ-साथ संबंधित मुख्य अग्निशमन अधिकारी और अग्निशमन अधिकारी के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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