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Haridwar: एनसीआईएसएम ने जारी की रेटिंग, देश के 552 कॉलेजों में पतंजलि टॉप-20 में हुआ शामिल

अमर उजाला ब्यूरो, हरिद्वार Published by: अलका त्यागी Updated Thu, 21 Nov 2024 10:25 PM IST
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सार

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आयुष शिक्षा के क्षेत्र में पतंजलि बड़ा कार्य कर रहा है। हाल ही में नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) ने पूरे देश के आयुर्वेद कॉलेजों की रेटिंग के आंकड़े जारी कर इसको प्रमाणित भी कर दिया है।

Haridwar News NCISSM released rating Patanjali is included in the top-20 out of 552 colleges in the country
आचार्य बालकृष्ण - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पतंजलि योगपीठ योग और आयुर्वेद की पुनर्स्थापना के लिए विश्वविख्यात है। इसी कड़ी में एनसीआईएसएम की ओर से जारी रेटिंग सूची में भी इस संस्थान ने मुकाम हासिल किया। देशभर के 552 कॉलेजों में जहां इस संस्थान ने टॉप 20 में जगह बनाया, वहीं राज्य में ए ग्रेड प्राप्त करने वाला एकमात्र संस्थान घोषित किया गया।

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बृहस्पतिवार को जारी बयान में संस्थान के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आयुष शिक्षा के क्षेत्र में पतंजलि बड़ा कार्य कर रहा है। हाल ही में नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) ने पूरे देश के आयुर्वेद कॉलेजों की रेटिंग के आंकड़े जारी कर इसको प्रमाणित भी कर दिया है।
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पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने देश में आयुर्वेद कॉलेजों के स्तर तथा आयुर्वेद के उत्थान के लिए पतंजलि के कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश में जितने भी आयुर्वेद के शिक्षण संस्थान हैं उनमें पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय का टॉप-20 में होना हमारे लिए गौरव की बात है।

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उन्होंने आयुर्वेद को लेकर पतंजलि के प्रयासों की सराहना की। कहा कि आयुर्वेद के उत्थान के लिए दृढ़ संकल्प व इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। आयुर्वेद को तथ्यों व प्रमाणों के आधार पर प्रस्तुत कर हम आयुर्वेद को पुनः गौरवान्वित कर सकते हैं।

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि एनसीआईएसएम ने आयुष कॉलेजों का मूल्यांकन अलग-अलग मापदंडों के आधार पर किया है, जिसमें शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ-साथ पुस्तकालय, संकाय व चिकित्सकों की संख्या, रोगियों की संख्या, संस्थान में उपलब्ध संसाधन तथा अनुसंधान के लिए पर्याप्त सुविधाएं, हर्बल गार्डन आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि आयुर्वेद को बढ़ाने और उसे प्रामाणिक चिकित्सा पद्धति का दर्जा दिलाने के लिए हम हर सम्भव प्रयास करेंगे।

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