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मानव-पशु संघर्ष पर ठोस नीति एवं क्षेत्रीय समाधान की आवश्यकता : त्रिवेन्द्र
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- हरिद्वार सांसद ने वन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की बैठक में रखा पक्ष
- लच्छीवाला में ऐलिफेंट कॉरिडोर से जुड़े मुद्दे पर भी रखा प्रस्ताव
अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में दिल्ली में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की बैठक हुई। बैठक में समिति के सदस्य, हरिद्वार सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सहभागिता की।
सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखंड सहित हिमालयी क्षेत्रों में मानव-पशु संघर्ष को एक गंभीर एवं ज्वलंत मुद्दा बताते हुए कहा कि जंगली पशुओं का आबादी वाले क्षेत्रों की ओर बढ़ता पलायन चिंता का विषय है। उन्होंने आग्रह किया कि संवेदनशील क्षेत्रों का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर उन मूल कारणों की पहचान की जाए, जिनके चलते मानव-पशु संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं ताकि स्थायी और व्यवहारिक समाधान सुनिश्चित किए जा सकें।
सांसद रावत ने हरिद्वार क्षेत्र में ट्रेनों से हाथियों की मृत्यु की घटनाओं पर विशेष चिंता व्यक्त करते हुए रेल-वन समन्वय, चेतावनी तंत्र, गति नियंत्रण एवं संरचनात्मक उपायों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने लच्छीवाला में ऐलिफेंट कॉरिडोर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हुए वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही के लिए प्रभावी संरक्षण उपाय अपनाने का आग्रह किया। इस दौरान मानव-पशु संघर्ष की चुनौती से निपटने के लिए समन्वित नीति, स्थानीय सहभागिता और तकनीकी हस्तक्षेप पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। बैठक में समिति के अन्य सदस्य एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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देहरादून। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में दिल्ली में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की बैठक हुई। बैठक में समिति के सदस्य, हरिद्वार सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सहभागिता की।
सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखंड सहित हिमालयी क्षेत्रों में मानव-पशु संघर्ष को एक गंभीर एवं ज्वलंत मुद्दा बताते हुए कहा कि जंगली पशुओं का आबादी वाले क्षेत्रों की ओर बढ़ता पलायन चिंता का विषय है। उन्होंने आग्रह किया कि संवेदनशील क्षेत्रों का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर उन मूल कारणों की पहचान की जाए, जिनके चलते मानव-पशु संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं ताकि स्थायी और व्यवहारिक समाधान सुनिश्चित किए जा सकें।
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सांसद रावत ने हरिद्वार क्षेत्र में ट्रेनों से हाथियों की मृत्यु की घटनाओं पर विशेष चिंता व्यक्त करते हुए रेल-वन समन्वय, चेतावनी तंत्र, गति नियंत्रण एवं संरचनात्मक उपायों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने लच्छीवाला में ऐलिफेंट कॉरिडोर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हुए वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही के लिए प्रभावी संरक्षण उपाय अपनाने का आग्रह किया। इस दौरान मानव-पशु संघर्ष की चुनौती से निपटने के लिए समन्वित नीति, स्थानीय सहभागिता और तकनीकी हस्तक्षेप पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। बैठक में समिति के अन्य सदस्य एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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