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दिव्यांग व कमजोर वर्ग तक खुद पहुंचें अधिकारी : धामी
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-सीएम बोले जन-जन की सरकार अभियान कागजों तक सीमित न रहे
-शिविर उत्सव व परिणाम केंद्रित हों, सीएम करेंगे औचक निरीक्षण
-सीएम के निर्देश फीडबैक खराब हुआ तो दोबारा लगेगा कैंप
अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, दिव्यांग व कमजोर वर्ग तक विभागीय अधिकारी खुद पहुंचें और घर पर ही समस्याओं का समाधान करें। प्रदेशभर में चल रहे जन-जन की सरकार अभियान कागजों तक सीमित न रहे। न्याय पंचायत स्तर पर लगाए जा रहे शिविर उत्सव व परिणाम केंद्रित होने चाहिए। यदि किसी शिविर का फीडबैक अच्छा नहीं रहा तो दोबारा कैंप लगाया जाएगा। वह स्वयं भी शिविरों का औचक निरीक्षण करेंगे।
बुधवार को सीएम आवास में मुख्यमंत्री ने जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार अभियान की समीक्षा की। सीएम ने निर्देश दिए कि अभियान के तहत दिव्यांगों, बुजुर्गों, महिलाओं व कमजोर वर्ग के ऐसे लाभार्थी जो शिविरों तक नहीं आ सकते, उनके घर तक अधिकारी स्वयं पहुंचें। अभियान किसी भी स्थिति में औपचारिकता बनकर नहीं रहना चाहिए। शिविरों का गढ़वाली, कुमाऊंनी व अन्य स्थानीय बोलियों में प्रचार-प्रसार अनिवार्य किया जाए। अभियान केवल समस्याएं सुनने तक सीमित न रहे, बल्कि समाधान की पूरी प्रक्रिया का हिस्सा बने। जहां समाधान तत्काल संभव हो, वहां मौके पर ही कार्रवाई की जाए। सीएम ने कहा बार-बार सामने आ रही समस्याओं की सूची बनाकर शासन के समक्ष रखी जाए। साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए। धीमी गति से कार्य करने वाले विभागों को चिह्नित किया जाएगा। अभियान के तहत अब तक 56,550 से अधिक लोग शामिल हुए हैं। जनप्रतिनिधि भी मैदान में सक्रिय भूमिका निभाएं। मंच तक सीमित न रहकर स्टॉल स्तर पर जाकर नागरिकों से संवाद करें। बैठक में सचिव विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव बंशीधर तिवारी मौजूद रहे।
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-सीएम के निर्देश फीडबैक खराब हुआ तो दोबारा लगेगा कैंप
अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, दिव्यांग व कमजोर वर्ग तक विभागीय अधिकारी खुद पहुंचें और घर पर ही समस्याओं का समाधान करें। प्रदेशभर में चल रहे जन-जन की सरकार अभियान कागजों तक सीमित न रहे। न्याय पंचायत स्तर पर लगाए जा रहे शिविर उत्सव व परिणाम केंद्रित होने चाहिए। यदि किसी शिविर का फीडबैक अच्छा नहीं रहा तो दोबारा कैंप लगाया जाएगा। वह स्वयं भी शिविरों का औचक निरीक्षण करेंगे।
बुधवार को सीएम आवास में मुख्यमंत्री ने जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार अभियान की समीक्षा की। सीएम ने निर्देश दिए कि अभियान के तहत दिव्यांगों, बुजुर्गों, महिलाओं व कमजोर वर्ग के ऐसे लाभार्थी जो शिविरों तक नहीं आ सकते, उनके घर तक अधिकारी स्वयं पहुंचें। अभियान किसी भी स्थिति में औपचारिकता बनकर नहीं रहना चाहिए। शिविरों का गढ़वाली, कुमाऊंनी व अन्य स्थानीय बोलियों में प्रचार-प्रसार अनिवार्य किया जाए। अभियान केवल समस्याएं सुनने तक सीमित न रहे, बल्कि समाधान की पूरी प्रक्रिया का हिस्सा बने। जहां समाधान तत्काल संभव हो, वहां मौके पर ही कार्रवाई की जाए। सीएम ने कहा बार-बार सामने आ रही समस्याओं की सूची बनाकर शासन के समक्ष रखी जाए। साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए। धीमी गति से कार्य करने वाले विभागों को चिह्नित किया जाएगा। अभियान के तहत अब तक 56,550 से अधिक लोग शामिल हुए हैं। जनप्रतिनिधि भी मैदान में सक्रिय भूमिका निभाएं। मंच तक सीमित न रहकर स्टॉल स्तर पर जाकर नागरिकों से संवाद करें। बैठक में सचिव विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव बंशीधर तिवारी मौजूद रहे।
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