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चमोली आपदा: उत्तराखंड ने केंद्र से गुमशुदगी के मानकों में मांगी छूट, अनुमति मिलते ही जारी होगी एसओपी

राकेश खंडूड़ी, अमर उजाला, देहरादून Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal Updated Thu, 11 Feb 2021 12:37 PM IST
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Uttarakhand Chamoli Glacier Burst latest news : Uttarakhand asks exemption from Canter government for missing standards
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत - फोटो : अमर उजाला
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चमोली आपदा में लापता हुए लोगों के आश्रितों को मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से गुमशुदगी के मानकों में छूट मांगी है। छूट मिलने के बाद राज्य सरकार इस संबंध में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) यानी मानक प्रचालन प्रक्रिया जारी कर देगी। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इसकी पुष्टि की है।

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चमोली जिले की ऋषिगंगा में आई बाढ़ से ऋषिगंगा प्रोजेक्ट और एनटीपीसी के विष्णुगाड़ प्रोजेक्ट में काम कर रहे कई कर्मचारियों व मजदूर बह गए। इस हादसे में अभी तक 204 लोगों के लापता होने की सूचना हैं, जिनमें से 34 शव बरामद हो चुके हैं।170 लोगों का अब भी कुछ पता नहीं है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी मृतकों के आश्रितों को दो लाख रुपये देने की घोषणा की है, लेकिन प्रभावितों में बहुत बड़ी संख्या उनकी है जिनके अपनों का अब तक कोई सुराग नहीं है। जो 34 शव मिले हैं, उनमें से भी नौ की शिनाख्त ही हो पाई है। हालात केदारनाथ आपदा जैसे ही हैं। यही कारण है कि राज्य सरकार ने केदारनाथ आपदा प्रभावितों के तर्ज पर चमोली आपदा के प्रभावितों को मुआवजा देने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया है। 

मृत घोषित होने के बाद ही दिया जा सकता है मुआवजा

लापता व्यक्ति को सात साल बाद मृत घोषित माना जाता है। नियमों में मृतक आश्रित को ही मुआवजा देने का नियम है। केदारनाथ आपदा में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के जन्म मृत्यु पंजीयक से नियमों में छूट मांगी थी। छूट मिलने के बाद राज्य सरकार ने 4300 लापता लोगों के परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए थे। इसी तर्ज पर राज्य सरकार भी केंद्र से छूट चाहती है।

अनुमति मिलने पर यह हो सकती है प्रक्रिया

नियमों में छूट की अनुमति मिलने के बाद प्रभावित परिवार को लापता परिजन के बारे में संबंधित जिले में गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कराना होगा। स्थानीय पुलिस अपने स्तर पर जांच कर प्रभावित परिवार को फाइनल रिपोर्ट जारी करेगी। इस फाइनल रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार लापता व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करेगी। इस प्रमाण पत्र के आधार पर प्रभावित परिवार को मुआवजा मिल सकेगा। राज्य सरकार ने केदारनाथ आपदा में यही प्रक्रिया अपनाई थी।

लापता लोगों के संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिख दिया गया है। वहां से अनुमति मिलने के बाद एसओपी जारी कर दी जाएगी।
- ओम प्रकाश, मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन

आपदा में मृतकों के परिजनों को सहायता राशि अविलंब दी जाए: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन एमसए मुरुगेशन को निर्देश दिए कि जिन मृतकों की पहचान हो गई है, उनके आश्रितों को अविलंब राहत राशि उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पा रही है, उनके डीएनए रिकार्ड सुरक्षित रखे जाएं। उन्होंने सचिव से आपदा राहत कार्यों और सर्च व रेस्क्यू आपरेशन के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने सर्च व रेस्क्यू के काम को लगातार जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की कमी न हो।

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