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उत्तराखंड आपदा: पीड़ितों से मिलने चंपावत पहुंचे सीएम धामी, अधिकारियों को दिए युद्ध स्तर पर काम करने के निर्देश
संवाद न्यूज एजेंसी, चंपावत
Published by: अलका त्यागी
Updated Sat, 23 Oct 2021 09:10 PM IST
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सार
सीएम ने दौरे के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत एवं बचाव कार्यों में लापरवाही ना बरती जाए और कार्यों में तेजी लाए जाए।

पीड़ितों से मिले सीएम पुष्कर सिंह धामी
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस आपदा से हुए नुकसान से सबक लेते हुए आपदा प्रबंधन को और बेहतर किया जाएगा। सरकार की प्राथमिकता आपदा पीड़ितों को राहत देने, बंद संपर्क मार्गों को खुलवाने, बिजली, पेयजल आपूर्ति सुचारु करवाने के साथ ही रसद आदि की व्यवस्था करने पर है। सीएम ने बताया कि आपदा प्रबंधन के सुधार के लिए विभाग के ढांचे को पुनर्गठित किया जा रहा है।
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चंपावत में पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा कि तीन दिन की भारी बारिश से प्रदेश में भारी नुकसान हुआ। आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया है। चार धाम और अन्य धार्मिक यात्रा पर फंसे एक लाख पर्यटकों को निकालने में सफलता प्राप्त की।
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मुख्यमंत्री ने बांटा आपदा पीड़ित का दुखदर्द
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को चंपावत, धारचूला, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ितों का हाल जाना और उनका दुखदर्द बांटा। इस दौरान सीएम ने उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। चंपावत जिले के तेलवाड़ा में 19 अक्तूबर को आई आपदा में मारे गए जानकी देवी, आरती और विक्रम राम के घर जाकर सीएम इस दौरान सीएम ने आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को ढाढ़स बंधाया। सीएम ने सभी अफसरों को आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को हर तरह की राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आपदा पीड़ितों को इलाज और अन्य जरूरी सुविधाएं देने की हिदायत भी दी।
इसके बाद सीएम ने चंपावत में आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक की। इसमें सीएम ने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में लापरवाही न बरतने की हिदायत दी। वहीं, विधायक फर्त्याल ने आपदा राहत में हीलाहवाली पर प्रशासन की क ार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। सीएम ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भूसर्वेक्षण कर लोगों को विस्थापित करने के लिए जमीन तलाशने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए उपकरणों की जरूरत होने पर इनकी खरीद करें। उन्होंने दो दिन के भीतर व्यवस्थाओं को सुधारने के आदेश दिए।
चंपावत से सीएम धारचूला पहुंचे। यहां उन्होंने आपदा में मृत लोगों की आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। पिथौरागढ़ में सीएम ने जिले की बंद सड़कों को खोलने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए। सीएम ने लोनिवि से सात नवंबर से पहले जिले की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए भी कहा। उन्होंने क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनें, बिजली लाइनें, सड़कों को ठीक करने के साथ ही खाद्यान्न, तेल, गैस समेत सभी व्यवस्थाएं यथाशीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस दौरान सीएम ने 12 आपदा प्रभावितों को कुल 23 लाख रुपये की राशि के चेक सौंपे।
पिथौरागढ़ में आपदा पीड़ितों का हाल जानने के बाद सीएम ने अल्मोड़ा जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का भी जायजा लिया और आपदा पीड़ितों के मिले। सीएम ने कहा कि आपदा प्रभावितों को उबारना सरकार की प्राथमिकता है। आपदा में सिराड़ निवासी लीला देवी और एनटीडी हीराडुंगरी निवासी 14 वर्षीय अरोमा की मलबे में दबकर मौत हो गई थी। सीएम ने अल्मोड़ा पहुंचकर दोनों मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी।
अलर्ट के कारण नहीं हुई अधिक जनहानि
सीएम ने कहा कि मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सतर्कता बढ़ने से जनहानि कम हुई। उन्होंने कहा कि अयोध्या से आने के बाद उन्होंने तुरंत ही जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए। चार धाम यात्रा भी रोक दी गई।
उन्होंने कहा आपदा पर किसी का बस नहीं है। 1980 के बाद पहली बार रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई है। इस बार की आपदा वर्ष 2013 की आपदा से कम नहीं थी। सीएम ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत मनोबल बढ़ाया। केंद्र से हरसंभव मदद मिली है।
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