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Uttarakhand: माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन में दबे 55 मजदूर, 33को बचाया, 22 की तलाश जारी

संवाद न्यूज एजेंसी, चमोली Published by: अलका त्यागी Updated Fri, 28 Feb 2025 01:25 PM IST
सार

Uttarakhand Chamoli Glacier Burst: हिमस्खलन के बाद 33 मजदूरों को सेना और आईटीबीपी के जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया, जबकि 22 मजदूरों का अभी कुछ पता नहीं चल सका है।  

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Chamoli Glacier Burst: Glacier Reported Breaking in Chamoli Uttarakhand Amid Snowfall BRO Camp Damaged
चमोली में एवलांच - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बीच शुक्रवार को भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ है। इस दौरान वहां निर्माण कार्य में लगे 55 मजदूर बर्फ में दब गए। शाम पांच बजे तक 33 मजदूरों को सेना और आईटीबीपी के जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया, जबकि 22मजदूरों का अभी कुछ पता नहीं चल सका है। देर शाम तक इनकी तलाश की गई, लेकिन इसके बाद तेज बर्फबारी और क्षेत्र में आठ फीट तक बर्फ जमी होने से रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा। मौसम साफ होने पर शनिवार सुबह फिर रेस्क्यू अभियान शुरू किया जाएगा। बचाए गए 33 मजदूरों में से तीन घायल हो गए हैं।

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क्षेत्र में लगातार भारी बर्फबारी होने के कारण सेना के जवानों को रेस्क्यू करने में दिक्कतें आ रही हैं। ज्योतिर्मठ से गढ़वाल स्काउट, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं। वहीं बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ से आगे करीब एक फीट बर्फ होने से वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है, जिससे रेस्क्यू टीमें पैदल ही घटनास्थल के लिए जा रही हैं।

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तीन दिन से हो रही बर्फबारी
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, लाल माटी, नंदा घुंघटी, औली, गोरसों के साथ ही नीती और माणा घाटियों में तीन दिन से बर्फबारी हो रही है। जिससे ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फ जमा हो गई है।

सीएम ने की मजदूरों के सुरक्षित होने की प्रार्थना 
जनपद चमोली में माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है।
 

लोगों को आई रैणी आपदा की याद
चमाेली में हिमस्खलन की घटना ने साल 2021 में चमोली के रैणी में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा  की याद दिला दी। तब ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा में बाढ़ के कारण 206 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, कई अब भी लापता है।

बर्फ के कारण घटनास्थल पर पहुंचने में आ रहीं दिक्कतें
चमोली के पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने बताया कि शुक्रवार सुबह साढ़े छह बजे हिमस्खलन हुआ, जबकि पुलिस को सवा ग्यारह बजे माणा में हिमस्खलन की सूचना प्राप्त हुई। इसके बाद पुलिस टीम को मौके के लिए रवाना किया गया। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बदरीनाथ का पुलिस थाना भी हनुमान चट्टी (बदरीनाथ से 10 किमी पहले) शिफ्ट कर दिया जाता है। लामबगड़ से माणा गांव तक बदरीनाथ हाईवे पर करीब एक फीट बर्फ जमी है, जिसके चलते टीमों को घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं।

भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोका : डीएम
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि भारी बर्फबारी के कारण आईटीबीपी ने रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल रोक दिया है। आईटीबीपी के जवान माणा गांव में वापस अपने कैंप में लौट गए हैं। जिस स्थान पर हिमस्खलन हुआ है वहां करीब आठ फीट तक बर्फ जम गई है। मौसम सामान्य होने पर फिर से रेस्क्यू चलाया जाएगा।

हाईवे बर्फ से ढका, रेस्क्यू टीमें पैदल रवाना
चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि बदरीनाथ हाईवे पर जमी बर्फ को हटाने के लिए बीआरओ की जेसीबी लगाई है। क्षेत्र में लगातार बर्फबारी होने और कोहरा लगने से रेस्क्यू कार्य बाधित हो रहा है। बदरीनाथ हाईवे से पैदल ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आपदा और पुलिस की टीमें माणा गांव के लिए रवाना हो गई हैं।

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