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Uttarakhand Samvad: 'आस्था और व्यवस्था में संतुलन बनाकर हो रहा है विकास'; पढ़ें CM धामी के संबोधन की बड़ी बात
माई सिटी रिपोर्टर, देहरादून
Published by: आकाश दुबे
Updated Mon, 19 Jun 2023 04:52 PM IST
सार
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां चुनौतियां आती रहेंगी। लेकिन, प्रदेश की जनता के साथ और देवों की कृपा से सभी चुनौतियों से आसानी से निपटा जा रहा है।
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सीएम पुष्कर सिंह धामी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार आस्था और व्यवस्था का संतुलन बनाकर ही विकास कर रही है। हर साल पर्यटन और तीर्थाटन के लिए छह करोड़ से अधिक लोग उत्तराखंड का रुख करते हैं। ऐसे में हमें केवल अपनी सवा करोड़ की जनता के लिए नहीं बल्कि सात करोड़ से ज्यादा की जनता को ध्यान में रखकर विकास करना है। इसके लिए पिछले दिनों नीति आयोग से भी बजट का प्रतिशत इस आकलन को ध्यान में रखकर ही बढ़ाया जाए।
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मुख्यमंत्री से विकास और चुनौतियों के संबंध में सवाल किए गए थे। उन्होंने इन सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां चुनौतियां आती रहेंगी। लेकिन, प्रदेश की जनता के साथ और देवों की कृपा से सभी चुनौतियों से आसानी से निपटा जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर और सड़कों के बारे में कहा कि सड़कों का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली और देहरादून के बीच बन रहे नए एक्सप्रेस से यात्रा और सुगम हो जाएगी। इसके साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं के बीच भी सड़क नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है।
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आल वेदर रोड से चारधाम यात्रा सुगम हुई है। कई ऐसे अवरोध हैं जिन्हे जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उन्होंने हाल ही में देवभूमि को तेजस ट्रेन के साथ विकास के नवरत्न दिए हैं।
कांवड़ यात्रा के लिए इस साल अलग से बजट
पिछले साल कांवड़ यात्रा में चार करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए थे। इस साल इनकी संख्या बढ़ने की संभावना है। पहले हरिद्वार, देहरादून और दो अन्य जिलों पर इस यात्रा की जिम्मेदारी रहती थी। प्रशासनिक बजट से ही सारे इंतजाम किए जाते थे। मगर, इस साल सरकार ने अलग से बजट इस यात्रा के लिए निर्धारित किया है।
कठोर कानून बनने से पांच लाख अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा
पिछले वर्षों में परीक्षा धांधलियां सामने आने के बाद सरकार पर सवाल उठने लगे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कठोर नकल विरोधी कानून बनने के बाद से अभ्यर्थियों में विश्वास जगा है। तब से अब तक पांच लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने विभिन्न परीक्षाओं में भाग लिया है। सरकार के निर्देश पर 80 नकल माफिया को जेल भेजा जा चुका है।