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दिल्ली: 10 सेकेंड में जोड़ों के दर्द का पता लगाएंगे एम्स के डॉक्टर, आई नई तकनीक

परीक्षित निर्भय, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Abhishek Singh Updated Tue, 01 Oct 2019 06:27 AM IST
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AIIMS doctors will detect joint pain in 10 seconds
एम्स दिल्ली - फोटो : Social Media
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जल्द ही मरीजों को ऐसी तकनीक का लाभ मिलेगा जिसके जरिए महज 10 सेकेंड में ही जोड़ों के दर्द का पता चल जाएगा। देश में अभी तक ऐसी तकनीक किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं है। हालांकि, अमेरिका, चीन और न्यूयार्क जैसे देशों के अस्पतालों में ये तकनीक मौजूद है।

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मरीजों को ये सुविधा एम्स के नए ओपीडी ब्लॉक में मिलेगी, जहां हड्डी रोग विभाग की ओपीडी में इसे रखा जाएगा। एक अलग से चैंबर बनेगा, जिसके पीछे मौजूद रेडियोलॉजिस्ट एक्सरे को निकालेंगे, जबकि मरीज को चैंबर में खड़ा होना पड़ेगा। ऐसा होने से मरीज करीब 60 फीसदी तक रेडियेशन से बच सकता है।
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करीब 10 हजार मरीजों की क्षमता वाले न्यू ओपीडी ब्लॉक में फिलहाल ऑपरेशन थियेटरों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ महीनों में ये ब्लॉक मरीजों के लिए शुरू कर दिया जाएगा। अभी तक एम्स में ओपीडी राजकुमारी अमृताकौर ब्लॉक में लगती है।

एम्स के निदेशक कार्यालय में 64वें स्थापना दिवस पर लगी प्रदर्शनी में हड्डी रोग विभाग की ओर से इस नई तकनीक को प्रस्तुत भी किया गया। वहां मौजूद सीनियर रेजीडेंट डॉ. मनीष ने बताया कि न्यू ओपीडी ब्लॉक में ये सुविधा होगी। फिलहाल इस पर एम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम काम कर रही है।

वहीं, एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि फिलहाल ये मशीन एम्स में नहीं है, लेकिन न्यू ओपीडी ब्लॉक में लाने की योजना है। लगभग सभी तैयारियां हो चुकी हैं। इसलिए प्रोजेक्ट को प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया गया है। ठीक इसी तरह से एम्स में हड्डी रोग विभाग का एक बड़ा सेंटर तैयार हो रहा है, जिसमें अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर आदि होंगे।

ऐसी है नई तकनीक

डॉक्टरों के अनुसार, ये एक ऐसी तकनीक है जो एक्सरे की भांति होती है, लेकिन मरीजों के लिए अभी तक प्रचलन में एक्सरे मशीनों से ज्यादा सुरक्षित है। इसकी खोज करने वाले जार्ज चारपैक को नोबल सम्मान भी मिल चुका है। एक चैंबर के आकार की मशीन में मरीज खड़ा होता है। उसके पूरे शरीर का एक्सरे एक बार में लिया जा सकता है।

लो डोज के अलावा स्टीरिया रेडियोग्राफिक फिल्म और शरीर के आगे व पीछे के भाग को कवर किया जा सकता है। इसमें 2 व 3-डी दोनों सुविधा उपलब्ध है। सबसे अच्छी बात है कि शरीर के सभी जोड़ों के बारे में भी पता चल जाता है। आमतौर पर मसक्यूलोस्केलेटल जैसे रोग में मसल्स, हड्डियों और लिंगामेंट में अक्सर होने वाले दर्द के उपचार के अलावा रीढ़ की सर्जरी में भी इसका बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है।

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