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कब नसीब होगी चैन की सांस: 373 रहा AQI, NCR में नोएडा सबसे प्रदूषित, नए साल पर भी जहरीली फिजा का रहेगा प्रकोप

संवाद न्यूज एजेंसी, नई दिल्ली Published by: आकाश दुबे Updated Wed, 31 Dec 2025 05:56 PM IST
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सार

दिल्ली में दोपहर तीन बजे हवा में पीएम10 की मात्रा 294.7 और पीएम2.5 की मात्रा 191 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। हवा की दिशा बदलने से बुधवार को एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में बरकरार रहा।

Air Pollution toxic atmosphere in Delhi will continue even on New Year s Day
दिल्ली प्रदूषण - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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राजधानी में नए साल पर भी जहरीली फिजा का प्रकोप जारी रहेगा। 1 जनवरी को भी लोगों को प्रदूषित हवा से राहत मिलने की संभावना नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि 2 जनवरी तक हवा बेहद खराब श्रेणी में बरकरार रहेगी। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

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साथ ही, लोगों को आंखों में जलन, खांसी, और सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी ओर, हवा की दिशा बदलने से बुधवार को फिजा बेहद खराब श्रेणी में बरकरार रही। सुबह की शुरुआत धुंध और कोहरे की मोटी परत से हुई। वहीं, पूरे दिन आसमान में स्मॉग की मोटी चादर भी दिखाई दी। इसके चलते कई इलाकों में दृश्यता भी बेहद कम रही। साथ ही, लोगों को आंख में जलन व सांस के मरीजों को परेशानी महसूस हुई। 

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बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 373 दर्ज किया गया। यह हवा की बेहद खराब श्रेणी है। इसमें मंगलवार की तुलना में 15 सूचकांक की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, एनसीआर में नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 382 दर्ज किया गया, यह हवा की बेहद खराब श्रेणी है। वहीं, गाजियाबाद में 312, गुरुग्राम में 328 और ग्रेटर नोएडा में 366 एक्यूआई दर्ज किया गया। 

इसके अलावा, फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 221 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, वाहन से होने वाला प्रदूषण 15.12 फीसदी रहा। इसके अलावा पेरिफेरल उद्योग से 7.63, आवासीय इलाकों से 3.68, निर्माण गतिविधियों से 2.64 और सड़क से उड़ने वाली धूल की 1.08 फीसदी की भागीदारी रही। 

सीपीसीबी के अनुसार, बुधवार को हवा दक्षिण-पूर्व दिशा से 10 किलोमीटर प्रतिघंटे के गति से चली। वहीं, अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 900 मीटर रही। इसके अलावा, वेंटिलेशन इंडेक्स 2500 मीटर प्रति वर्ग सेकंड रहा। दूसरी ओर, दोपहर तीन बजे हवा में पीएम10 की मात्रा 294.7 और पीएम2.5 की मात्रा 191 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। इसके अलावा, बुधवार को कई इलाकों में गंभीर और बेहद खराब श्रेणी में हवा दर्ज की गई।

इसलिए बिगड़ रही हवा... 
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार बनी हुई गंभीर वायु गुणवत्ता का मुख्य कारण मौसम का मिजाज है। तापमान में कमी के कारण प्रदूषण के स्तर में भारी वृद्धि हुई है और पश्चिमी विक्षोभ के चलते वायु गुणवत्ता जो नीचे फंसी हुई ठंडी हवा को ऊपर उठने नहीं देती है। इसी ठंडी हवा में गाड़ियों का धुआं और निर्माण की धूल जैसे प्रदूषक जमा हो जाते हैं। प्रदूषकों को ऊपर जाने का रास्ता नहीं मिलता, इसलिए वे जमीन के बहुत करीब फंसे रहते हैं। साथ ही, जब बारिश नहीं होती और हवा भी धीरे चलती है, तो यह फंसा हुआ प्रदूषण बाहर नहीं निकल पाता, जिससे स्थिति कई गुना खराब हो जाती है।

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