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सफलता: मोटापे से पीड़ित भाइयों का बैरियाट्रिक सर्जरी से 37 किलो वजन हुआ कम, मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने पाई कामयाबी
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Thu, 28 Apr 2022 12:13 PM IST
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सार
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बैरियाट्रिक एंड रोबोटिक सर्जरी के प्रमुख डॉ. विवेक बिंदल के नेतृत्व में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने दोनों मरीजों का क्रमश: 20 किलो और 17 किलो वजन कम किया है।

डॉक्टरों के साथ मोटापे से पीड़ित दोनों भाई
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
नई दिल्ली के पटपडगंज स्थित मैक्स अस्पताल ने मोटापे की बीमारी से पीड़ित दिल्ली के दो भाइयों की बैरियाट्रिक सर्जरी कर 37 किलो वजन कम किया है।मानविंदर सिंह गुजराल और मनप्रीत सिंह का वजन क्रमश: 205 किलो और 168 किलो हो गया था। इस वजह से दोनों भाई ऑबस्ट्रक्टीव स्लीप एप्नी, मधुमेह और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां से जूझ रहे थे।
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बैरियाट्रिक एंड रोबोटिक सर्जरी के प्रमुख डॉ. विवेक बिंदल के नेतृत्व में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने दोनों मरीजों का क्रमश: 20 किलो और 17 किलो वजन कम किया है। 43 वर्षीय मानविंदर पिछले 25 वर्षों से मोटापे की बीमारी से पीडि़त हैं। वर्ष 2020 की शुरुआत में उनका वजन 135 किलो था। वहीं, लॉकडाउन में उनका 70 किलो वजन और बढ़ गया। वहीं, छोटा भाई पिछले 20 साल से मोटापे से जूझ रहा था। सर्जरी के दौरान उनका वजन 168 किलो था।
डॉ. विवेक बिंदल ने कहा कि मानविंदर की स्थिति गंभीर थी, क्योंकि वह लिवर सिरोसिस से भी पीडि़त थे। वहीं, मनप्रीत को डायबिटीज और हाइपरटेंशन था। मनप्रीत पर रोबोटिक बैरियाट्रिक सर्जरी अपनाई गई, जबकि मानविंदर की लेपरोस्कोपिक बैरियाट्रिक सर्जरी और कोलेसिस्टेक्टोमी की।
डॉ. बिंदल ने कहा कि अत्यधिक प्रोसेस्ड खाने का सेवन और बिना मेहनत वाली जीवनशैली जीने से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। इस वजह से बच्चों तथा वयस्कों में टाइप टू डायबिटीज, हाइपरटेंशन और कार्डियक समस्याओं समेत कई प्रतिकूल परिणाम भी सामने आने लगते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को कद के हिसाब से वजन के पैमाने के तौर पर देखा जाता है और 25 से ज्यादा बीएमआई होने पर अधिक वजन व 30 से अधिक होने पर मोटापा माना जाता है।
मैक्स हॉस्पिटल में प्रमुख डॉ. कौसर शाह ने कहा कि मोटापा जीवनशैली से से जुड़ी एक बड़ी बीमारी है, जिससे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कार्डियक समस्याएं, अनिद्रा, जोड़ों का दर्द, नि:संतानता आदि जैसी कई गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं।

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डॉ. विवेक बिंदल ने कहा कि मानविंदर की स्थिति गंभीर थी, क्योंकि वह लिवर सिरोसिस से भी पीडि़त थे। वहीं, मनप्रीत को डायबिटीज और हाइपरटेंशन था। मनप्रीत पर रोबोटिक बैरियाट्रिक सर्जरी अपनाई गई, जबकि मानविंदर की लेपरोस्कोपिक बैरियाट्रिक सर्जरी और कोलेसिस्टेक्टोमी की।
डॉ. बिंदल ने कहा कि अत्यधिक प्रोसेस्ड खाने का सेवन और बिना मेहनत वाली जीवनशैली जीने से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। इस वजह से बच्चों तथा वयस्कों में टाइप टू डायबिटीज, हाइपरटेंशन और कार्डियक समस्याओं समेत कई प्रतिकूल परिणाम भी सामने आने लगते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को कद के हिसाब से वजन के पैमाने के तौर पर देखा जाता है और 25 से ज्यादा बीएमआई होने पर अधिक वजन व 30 से अधिक होने पर मोटापा माना जाता है।
मैक्स हॉस्पिटल में प्रमुख डॉ. कौसर शाह ने कहा कि मोटापा जीवनशैली से से जुड़ी एक बड़ी बीमारी है, जिससे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कार्डियक समस्याएं, अनिद्रा, जोड़ों का दर्द, नि:संतानता आदि जैसी कई गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं।