कब मिलेगी सुकून की सांस?: प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद ने दिल्ली को पछाड़ा, NCR में फरीदाबाद रहा सबसे साफ
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि शनिवार को हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन, खांसी, और सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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राजधानी में हवा की गति तेज होने और दिन भर खिली चटक धूप के कारण गुरुवार को हवा खराब श्रेणी में बरकरार रही। ऐसे में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 271 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है। इसमें बुधवार की तुलना में 37 सूचकांक की गिरावट दर्ज की गई।
दूसरी ओर, एनसीआर में गाजियाबाद की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 280 दर्ज किया गया, यह हवा की खराब श्रेणी है। वहीं, गुरुग्राम में 239, नोएडा में 256 और ग्रेटर नोएडा में 268 एक्यूआई दर्ज किया गया। इसके अलावा, फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 215 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, वाहन से होने वाला प्रदूषण 18.50 फीसदी रहा। इसके अलावा पेरिफेरल उद्योग से 9.3, आवासीय इलाकों से 4.53, निर्माण गतिविधियों से 2.52, सड़क से उड़ने वाली धूल की 1.33 और कूड़ा जलाने की 1.62 फीसदी की भागीदारी रही।
सीपीसीबी के अनुसार, गुरुवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 10 किलोमीटर प्रतिघंटे के गति से चली। वहीं, अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 1000 मीटर रही। इसके अलावा, वेंटिलेशन इंडेक्स 3200 मीटर प्रति वर्ग सेकंड रहा। दूसरी ओर, दोपहर तीन बजे हवा में पीएम10 की मात्रा 201 और पीएम2.5 की मात्रा 107.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई।
वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि शनिवार को हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन, खांसी, और सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।