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तिलक और आरती से बच्चों का किया स्वागत
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फरीदाबाद गांधी कालोनी स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में कक्षा में प्रवेश करने से पहले बच्चों क?
- फोटो : Faridabad

फरीदाबाद। पहली से तीसरी कक्षा तक के विद्यार्थियों ने सोमवार को स्कूलों में हाजिरी लगाई। पहले दिन जिले के 239 स्कूलों में 36 फीसदी विद्यार्थी ही पहुंचे। निजी विद्यालयों में नाम मात्र उपस्थिति दर्ज कराने में भी परेशानी बनी रही। उपस्थिति बढ़ाने के लिए कई स्कूल अभिभावकों को मनाने को मजबूर रहे। एक स्कूल में बच्चों का स्वागत पहले दिन तिलक लगाकर और उनकी आरती उतारकर किया गया। हालांकि, पूरे जिले में ही छात्रों की उपस्थिति पहले दिन कम रही।
प्रदेश सरकार की ओर से 20 सितंबर से पहली कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले गए। पूर्व में चौथी कक्षा तक के विद्यार्थियों को आने की अनुमति थी। ऐसे में कोविड नियमों के तहत लगभग सभी विद्यार्थी अब स्कूल जा सकते हैं। सोमवार से खुले स्कूलों में एक बेंच पर एक विद्यार्थी के बैठने की अनुमति थी। स्कूल गेट पर विद्यार्थी के शरीर का तापमान मापने के लिए डिजिटल थर्मामीटर, स्वच्छता मानक तय करने के लिए हैंड सैनिटाइजर व फेस मास्क सुनिश्चित किए गए। इसके साथ ही अभिभावक द्वारा लिखित सहमति पत्र भी सुनिश्चित किया गया।
कई माह बाद स्कूल जाने का अलग उत्साह
सुबह जो विद्यार्थी स्कूल पहुंचे, उनके चेहरे पर अलग ही उत्साह दिखाई दिया। गांधी कॉलोनी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में छात्र खिले हुए चेहरों के साथ पहुंचे। उनकी संख्या बेशक कम रही लेकिन बच्चों के साथ ही अध्यापक व अभिभावक बेहद खुश नजर आए। इसी तरह गांव दयालपुर, बल्लभगढ़ व पुरानी प्रेस कॉलोनी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में भी छात्रों की संख्या कम थी लेकिन उत्साह यहां भी पूरा था। साथ ही ऐतमादपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में विद्यार्थियों के स्वागत के लिए तिलक व आरती का प्रबंध किया गया।
239 स्कलों में 6300 छात्र रहे उपस्थित
जिले में 239 राजकीय प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें 34989 छात्र पंजीकृत हैं। सरकार के निर्देशानुसार 50 फीसदी छात्र स्कूल पहुंच सकते थे। हालांकि, कुल 17494 छात्रों में से महज 6300 ने ही उपस्थिति दर्ज कराई। इसमें से 21 विद्यार्थी ऐसे रहे, जिनका तापमान सामान्य 99 फीसदी से अधिक रहा। उन्हें वापस लौटा दिया गया। इन्हें स्वस्थ होने तक घर से पढ़ाई करने की हिदायत दी गई।
बच्चे बेफिक्र होकर स्कूल आ सकते हैं। स्कूल में सुरक्षा इंतजाम की जांच के लिए कई जगह टीम भेजी गई। स्वयं भी दौरा किया। संतुष्टि मिलने पर स्कूलों का उत्साह भी बढ़ाया गया है। छात्रों से अपील है यदि वह स्कूल से पढ़ना चाहते हैं तो सुरक्षा इंतजाम पर भरोसा कर कक्षा में उपस्थित हों।
-मुनेश चौधरी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी
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प्रदेश सरकार की ओर से 20 सितंबर से पहली कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले गए। पूर्व में चौथी कक्षा तक के विद्यार्थियों को आने की अनुमति थी। ऐसे में कोविड नियमों के तहत लगभग सभी विद्यार्थी अब स्कूल जा सकते हैं। सोमवार से खुले स्कूलों में एक बेंच पर एक विद्यार्थी के बैठने की अनुमति थी। स्कूल गेट पर विद्यार्थी के शरीर का तापमान मापने के लिए डिजिटल थर्मामीटर, स्वच्छता मानक तय करने के लिए हैंड सैनिटाइजर व फेस मास्क सुनिश्चित किए गए। इसके साथ ही अभिभावक द्वारा लिखित सहमति पत्र भी सुनिश्चित किया गया।
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कई माह बाद स्कूल जाने का अलग उत्साह
सुबह जो विद्यार्थी स्कूल पहुंचे, उनके चेहरे पर अलग ही उत्साह दिखाई दिया। गांधी कॉलोनी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में छात्र खिले हुए चेहरों के साथ पहुंचे। उनकी संख्या बेशक कम रही लेकिन बच्चों के साथ ही अध्यापक व अभिभावक बेहद खुश नजर आए। इसी तरह गांव दयालपुर, बल्लभगढ़ व पुरानी प्रेस कॉलोनी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में भी छात्रों की संख्या कम थी लेकिन उत्साह यहां भी पूरा था। साथ ही ऐतमादपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में विद्यार्थियों के स्वागत के लिए तिलक व आरती का प्रबंध किया गया।
239 स्कलों में 6300 छात्र रहे उपस्थित
जिले में 239 राजकीय प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें 34989 छात्र पंजीकृत हैं। सरकार के निर्देशानुसार 50 फीसदी छात्र स्कूल पहुंच सकते थे। हालांकि, कुल 17494 छात्रों में से महज 6300 ने ही उपस्थिति दर्ज कराई। इसमें से 21 विद्यार्थी ऐसे रहे, जिनका तापमान सामान्य 99 फीसदी से अधिक रहा। उन्हें वापस लौटा दिया गया। इन्हें स्वस्थ होने तक घर से पढ़ाई करने की हिदायत दी गई।
बच्चे बेफिक्र होकर स्कूल आ सकते हैं। स्कूल में सुरक्षा इंतजाम की जांच के लिए कई जगह टीम भेजी गई। स्वयं भी दौरा किया। संतुष्टि मिलने पर स्कूलों का उत्साह भी बढ़ाया गया है। छात्रों से अपील है यदि वह स्कूल से पढ़ना चाहते हैं तो सुरक्षा इंतजाम पर भरोसा कर कक्षा में उपस्थित हों।
-मुनेश चौधरी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी