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Ghaziabad News: आय से अधिक संपत्ति मामले में वरिष्ठ पासपोर्ट अधीक्षक गिरफ्तार
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मुम्बई से पकड़ा गया आरोपी, सीबीआई कोर्ट ने तीन दिन की रिमांड पर भेजा
माई सिटी रिपोर्टर
गाजियाबाद। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, गाजियाबाद में तैनात रहे वरिष्ठ पासपोर्ट अधीक्षक दीपक चंद्रा को सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में मुम्बई से गिरफ्तार किया है। आरोपी को मंगलवार को गाजियाबाद स्थित सीबीआई अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने पूछताछ के लिए तीन दिन की रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। यह कार्रवाई उस विस्तृत जांच का हिस्सा है, जो वर्ष 2018 से 2024 तक की अवधि में उनकी आय और संपत्ति का मिलान करने को लेकर की गई।
सीबीआई के अनुसार दीपक चंद्रा 30 जुलाई 2018 से गाजियाबाद पासपोर्ट कार्यालय में विभिन्न पदों पर तैनात रहे। जांच में सामने आया कि इस अवधि में उन्होंने पासपोर्ट अधीक्षक, सहायक पासपोर्ट अधीक्षक और वरिष्ठ पासपोर्ट अधीक्षक के रूप में कार्य किया। इसी दौरान उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की। रिपोर्ट के मुताबिक जांच एजेंसी ने 1.43 करोड़ रुपये की संदिग्ध संपत्ति का पता लगाया है, जो उनके ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक है।
शिकायत मिलने पर सीबीआई ने इस प्रकरण की गहन जांच शुरू की। इसके तहत गाजियाबाद में दो स्थानों और पटना में एक स्थान पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान अधिकारियों को लगभग 60 लाख रुपये नकद, बैंक खातों में जमा रकम के दस्तावेज, जमीन की रजिस्ट्री, म्यूचुअल फंड, बीमा पॉलिसियों से जुड़े कागजात, वाहन की आरसी और कई अहम दस्तावेज बरामद हुए। टीम ने इन सभी दस्तावेजों को कब्जे में लेकर आगे की जांच के लिए सुरक्षित किया है।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी की कुल वैध आय मात्र 1,29,557 रुपये पाई गई, जबकि उनके पास 88.43 लाख रुपये की ऐसी संपत्तियां मिलीं, जिनका वे समुचित और वैध स्रोत नहीं बता सके। आय और संपत्ति के बीच यह बड़ा अंतर मामले को और गंभीर बनाता है। इसी अवधि में उनका तबादला गाजियाबाद से मुम्बई पासपोर्ट कार्यालय में कर दिया गया था, जहां से सीबीआई की टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी को मंगलवार को गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में पेश किया गया। सीबीआई ने अदालत से पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए उन्हें तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया। सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि रिमांड अवधि के दौरान यह पता लगाया जाएगा कि इतनी बड़ी संपत्ति किन स्रोतों से और किन व्यक्तियों की मदद से जुटाई गई। साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि क्या इस मामले में अन्य लोग भी शामिल हैं।
सीबीआई की इस कार्रवाई ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय और संबंधित विभागों में हलचल मचा दी है। एजेंसी का कहना है कि वह भ्रष्टाचार के मामलों में शून्य सहनशीलता की नीति के तहत काम कर रही है और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। मामले की अगली सुनवाई रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद अदालत में होगी, जहां आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।
माई सिटी रिपोर्टर
गाजियाबाद। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, गाजियाबाद में तैनात रहे वरिष्ठ पासपोर्ट अधीक्षक दीपक चंद्रा को सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में मुम्बई से गिरफ्तार किया है। आरोपी को मंगलवार को गाजियाबाद स्थित सीबीआई अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने पूछताछ के लिए तीन दिन की रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। यह कार्रवाई उस विस्तृत जांच का हिस्सा है, जो वर्ष 2018 से 2024 तक की अवधि में उनकी आय और संपत्ति का मिलान करने को लेकर की गई।
सीबीआई के अनुसार दीपक चंद्रा 30 जुलाई 2018 से गाजियाबाद पासपोर्ट कार्यालय में विभिन्न पदों पर तैनात रहे। जांच में सामने आया कि इस अवधि में उन्होंने पासपोर्ट अधीक्षक, सहायक पासपोर्ट अधीक्षक और वरिष्ठ पासपोर्ट अधीक्षक के रूप में कार्य किया। इसी दौरान उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की। रिपोर्ट के मुताबिक जांच एजेंसी ने 1.43 करोड़ रुपये की संदिग्ध संपत्ति का पता लगाया है, जो उनके ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक है।
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शिकायत मिलने पर सीबीआई ने इस प्रकरण की गहन जांच शुरू की। इसके तहत गाजियाबाद में दो स्थानों और पटना में एक स्थान पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान अधिकारियों को लगभग 60 लाख रुपये नकद, बैंक खातों में जमा रकम के दस्तावेज, जमीन की रजिस्ट्री, म्यूचुअल फंड, बीमा पॉलिसियों से जुड़े कागजात, वाहन की आरसी और कई अहम दस्तावेज बरामद हुए। टीम ने इन सभी दस्तावेजों को कब्जे में लेकर आगे की जांच के लिए सुरक्षित किया है।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी की कुल वैध आय मात्र 1,29,557 रुपये पाई गई, जबकि उनके पास 88.43 लाख रुपये की ऐसी संपत्तियां मिलीं, जिनका वे समुचित और वैध स्रोत नहीं बता सके। आय और संपत्ति के बीच यह बड़ा अंतर मामले को और गंभीर बनाता है। इसी अवधि में उनका तबादला गाजियाबाद से मुम्बई पासपोर्ट कार्यालय में कर दिया गया था, जहां से सीबीआई की टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी को मंगलवार को गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में पेश किया गया। सीबीआई ने अदालत से पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए उन्हें तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया। सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि रिमांड अवधि के दौरान यह पता लगाया जाएगा कि इतनी बड़ी संपत्ति किन स्रोतों से और किन व्यक्तियों की मदद से जुटाई गई। साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि क्या इस मामले में अन्य लोग भी शामिल हैं।
सीबीआई की इस कार्रवाई ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय और संबंधित विभागों में हलचल मचा दी है। एजेंसी का कहना है कि वह भ्रष्टाचार के मामलों में शून्य सहनशीलता की नीति के तहत काम कर रही है और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। मामले की अगली सुनवाई रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद अदालत में होगी, जहां आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।