सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Cricket ›   Cricket News ›   Legendary Commentator Sushil Doshi Exclusive interview 'Kohli a True Star; Gambhir Prioritise Indian Cricket'

सुशील दोशी का इंटरव्यू: 'कोहली सितारा हैं तो हैं, कोई क्या कर सकता है! गंभीर की नीयत साफ, लेकिन स्वभाव अड़ियल'

Swapnil Shashank स्वप्निल शशांक
Updated Thu, 11 Dec 2025 09:33 AM IST
सार

हिंदी कमेंट्री के जनक सुशील दोशी ने कहा कि घरेलू क्रिकेट से ही असली खिलाड़ी निकलते हैं। तकनीक, टेम्परामेंट, स्पिन...इन सबको वापस लाने की जरूरत है। भारतीय क्रिकेट बहुत बड़ा है, लेकिन सही फैसले, सही मौके और सही दृष्टिकोण से ही टीम आगे बढ़ेगी। पढ़ें उनसे बातचीत के अंश...

विज्ञापन
Legendary Commentator Sushil Doshi Exclusive interview 'Kohli a True Star; Gambhir Prioritise Indian Cricket'
सुशील दोशी - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

भारतीय टीम फिलहाल कई वजहों से सुर्खियों में है। घरेलू पिच पर टेस्ट में हार, विराट कोहली, रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर के सबकुछ ठीक नहीं होने की अटकलें, वनडे में रो-को की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी और स्पिन नहीं खेल पाने की क्षमता, ये तमाम वो चीजें जिनकी हाल फिलहाल में खूब चर्चा हुई है। भारतीय टीम न्यूजीलैंड के बाद दक्षिण अफ्रीका से घरेलू पिच पर टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप हुई। इससे टीम इंडिया की टेस्ट में क्षमता पर खूब सवालिया निशान लगे हैं। इन सब चीजों को विस्तार से समझने के लिए हमने क्रिकेट कमेंटेटर सुशील दोशी से बात की। सुशील दोशी ने कहा कि घरेलू क्रिकेट से ही असली खिलाड़ी निकलते हैं। तकनीक, टेम्परामेंट, स्पिन...इन सबको वापस लाने की जरूरत है। भारतीय क्रिकेट बहुत बड़ा है, लेकिन सही फैसले, सही मौके और सही दृष्टिकोण से ही टीम आगे बढ़ेगी। उनसे बातचीत के अंश पढ़ें...
Trending Videos

Legendary Commentator Sushil Doshi Exclusive interview 'Kohli a True Star; Gambhir Prioritise Indian Cricket'
सुशील दोशी सम्मानित होते हुए - फोटो : ANI
पहले जानें सुशील दोशी कौन हैं?
सुशील दोशी को हिंदी क्रिकेट कमेंटरी का जनक माना जाता है। क्रिकेट कमेंटरी में उनके योगदान को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें 'लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार' और भारत सरकार ने 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया था। वह देश के पहले ऐसे कमेंटेटर हैं, जिनके नाम पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के कमेंटरी बॉक्स का नाम रखा गया है। सुशील दोशी ने करीब 600 अंतरराष्ट्रीय मैचों में हिंदी कमेंटरी की है। उन्होंने कई देशों और कई चैनलों पर हिंदी कमेंटरी की है। पिछले कई दशकों से वे ऐसा करते आ रहे हैं।

सुशील दोशी 10 विश्व कप मैचों की हिंदी में कमेंटरी करने वाले देश के पहले कमेंटेटर भी हैं। उनके द्वारा बनाई गई क्रिकेट की शब्दावली और कमेंटरी शैली आज भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। इनके अलावा सुशील दोशी ने कई किताबें भी लिखी हैं। इनमें 'आंखों देखा हाल', 'खेल पत्रकारिता', 'क्रिकेट का महाभारत', 'भारतीय क्रिकेट की भूली-बिसरी यादें', 'क्रिकेट खिलाड़ियों का बचपन' और 'विश्व कप क्रिकेट' प्रमुख हैं। पेशे से इंजीनियर और उद्योगपति सुशील दोशी की पहचान हिंदी कमेंटेटर के रूप में स्थापित है।
विज्ञापन
विज्ञापन

Legendary Commentator Sushil Doshi Exclusive interview 'Kohli a True Star; Gambhir Prioritise Indian Cricket'
विराट कोहली-गौतम गंभीर - फोटो : ANI
सवाल 1: विराट कोहली और गौतम गंभीर के बीच जो अनबन की खबरें चल रही हैं, क्या इससे आने वाले समय, खासकर 2027 वर्ल्ड कप की तैयारी में कोई दिक्कत आ सकती है?
सुशील दोशी: देखिए, विराट और गंभीर दोनों दिल्ली से साथ खेले हैं, इसलिए करीब से जानने-समझने के कारण कुछ बातें हो जाती हैं। लेकिन गंभीर की नियत खराब नहीं है, ये मैं अच्छे से जानता हूं।
हां, कई बार उनके कुछ फैसले गलत निकल जाते हैं और उसका पता बाद में चलता है। गंभीर अपने निर्णयों पर थोड़ा अडिग रहते हैं। उनका मानना है कि जो मैंने किया है वही सर्वश्रेष्ठ है। थोड़ा लचीलापन होना चाहिए कि अगर कुछ गलत हुआ हो तो मान लें। गंभीर की इमानदारी पर कोई संदेह नहीं कर रहा है, लेकिन आपको ये भी मानना चाहिए कि कोई निर्णय गलत हो सकता है।

जहां तक विराट की बात है, वो दुनिया के सबसे बड़े बल्लेबाजों में हैं। उनकी फिटनेस, तकनीक और मानसिकता का कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं है। मतलब ऐसा लगता है कि जैसे विराट उम्र के साथ जवान हो रहे हैं। स्टार कल्चर की बात होती है, लेकिन विराट सितारा हैं। इसमें कोई क्या कर सकता है। उन्होंने ये खुद अर्जित किया है। दुनिया उन्हें सितारा मानती है। फैंस ने उन्हें स्टार बनाया है। और ये हमेशा से रहा है। ये फैंस को मैदान की ओर आकर्षित करते हैं। चाहे सचिन हों या फिर द्रविड़, या फिर कपिल देव या फिर धोनी, वो स्टार रहे हैं और उनसे ये तमगा कोई नहीं छीन सकता।

लेकिन सबसे पहले ये देखा जाना चाहिए कि भारतीय क्रिकेट का हित किस में है। भारतीय क्रिकेट का हित इसी में है कि विराट फिलहाल टॉप फॉर्म में चल रहे हैं और इसका सही उपयोग हो। विराट कोहली जैसे खिलाड़ी के टेस्ट नहीं खेलने से भारतीय क्रिकेट को नुकसान हुआ है। जब विराट टीम में नहीं होते, विपक्ष को भी लगता है कि भारत कमजोर है और वो शुरुआत में दो-तीन विकेट लेकर आप पर दबाव बना देते हैं। विराट नाम से ही विरोधी दबते हैं। गंभीर की नीयत साफ है, लेकिन वो जो कहते हैं, उस पर अड़े रहते हैं। क्रिकेट में अड़ियल रवैया नहीं चलता। वह कोच हैं, अगर कुछ गलती हो गई तो उसे मानना चाहिए और उसे सुधारने पर काम करना चाहिए।

Legendary Commentator Sushil Doshi Exclusive interview 'Kohli a True Star; Gambhir Prioritise Indian Cricket'
विराट कोहली-रोहित शर्मा - फोटो : PTI
सवाल 2: क्या विराट और रोहित अपनी फिटनेस और फॉर्म के आधार पर 2027 वर्ल्ड कप तक खेल पाएंगे?
सुशील दोशी: विराट कोहली तो बिल्कुल खेलेंगे, ये मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं। वो फिटनेस फ्रीक हैं। जहां भी रहते हैं, इंग्लैंड हो या इंडिया, सबसे पहले अभ्यास, एक्सरसाइज, तैयारी… यही उनकी दिनचर्या है। बड़ी उम्र में शरीर अभ्यास मांगता है, और विराट उसी पर टिके हुए हैं। रोहित का व्हाइट बॉल रिकॉर्ड मजबूत है, लेकिन रेड बॉल में विराट जैसा कोई नहीं है।

Legendary Commentator Sushil Doshi Exclusive interview 'Kohli a True Star; Gambhir Prioritise Indian Cricket'
भारतीय टीम - फोटो : ANI
सवाल 3. मौजूदा समय में भारतीय टेस्ट टीम का हाल काफी खराब है, घर में लगातार हार, दो क्लीन स्विप… क्या असल दिक्कत टेम्परामेंट की है?
सुशील दोशी: हां, बिल्कुल। हम अपने ही घर की स्पिनिंग पिचों पर बल्लेबाजी नहीं कर पा रहे। खिलाड़ी इतने लंबे समय विदेशों में खेल रहे हैं कि अपने ही घरेलू हालात अपरीचित लग रहे हैं। वनडे और टी20 की तेजी वाली मानसिकता टेस्ट में काम नहीं करती। खिलाड़ियों को लंबी बल्लेबाजी, गेंद को देर से खेलना, स्पिन पढ़ना...ये सब फिर से सीखना होगा। आप देखें भारत जब पिछले साल न्यूजीलैंड से हारा था, तो उसने उससे पहले बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज खेली थी। वहीं, कीवी श्रीलंका में टेस्ट सीरीज खेल कर आए थे।

दक्षिण अफ्रीका ने भारत दौरे से पहले श्रीलंका और पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज खेली, जबकि भारतीय खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में वनडे और टी20 सीरीज खेलकर आए। इससे भी काफी फर्क पड़ता है। ढलने में वक्त लगता है। व्हाइट बॉल की तैयारी को आप रेड बॉल में नहीं ढाल सकते। भारतीय खिलाड़ी विदेशी दौरे पर इतना जाते हैं कि वह उछाल वाली पिचों पर ढल चुके हैं, लेकिन अब इससे अपने ही घर में खेलने में दिक्कत आ रही है। इसलिए विराट जैसा बड़ा खिलाड़ी हर परिस्थिति में खुद को ढालने की क्षमता रखते हैं, लेकिन छोटी खिलाड़ी एक बार तो परिस्थिति में खुद को ढाल लेते हैं, लेकिन हर बार ऐसा नहीं हो पाता।

Legendary Commentator Sushil Doshi Exclusive interview 'Kohli a True Star; Gambhir Prioritise Indian Cricket'
सूर्यकुमार यादव और गौतम गंभीर - फोटो : BCCI
सवाल 4: स्प्लिट कोचिंग भी बहुत सुर्खियों में रहा था। इंग्लैंड इसे आजमा चुका है। क्या टेस्ट में अलग कोच और सीमित ओवर के प्रारूप के लिए अलग कोच हो?
सुशील दोशी: गंभीर तकनीकी रूप से टेस्ट के बड़े बल्लेबाज नहीं रहे, लेकिन मेहनती जरूर थे। पर कोचिंग में सबसे बड़ा रोल यह है कि आपको जो टीम दी गई है, उसमें से सर्वश्रेष्ठ निकालें। समस्या यह भी है कि सीजन के दौरान खिलाड़ी लगातार घूम रहे हैं। IPL, विदेशी लीग, प्रमोशन… फोकस टेस्ट क्रिकेट से हट रहा है।

Legendary Commentator Sushil Doshi Exclusive interview 'Kohli a True Star; Gambhir Prioritise Indian Cricket'
करुण नायर - फोटो : PTI
सवाल 5: वर्तमान टेस्ट टीम में नंबर तीन का पोजिशन विवादों में रहा है। आपको किसके लायक दिखता है? करुण नायर? सरफराज खान?
सुशील दोशी: करुण नायर और सरफराज दोनों घरेलू क्रिकेट के मझे हुए खिलाड़ी हैं। करुण ने रन भी बनाए हैं, लेकिन एक सीरीज के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया। करुण और सरफराज, दोनों की तकनीक उछाल वाली पिचों पर थोड़ी कमजोर दिखी। इंग्लैंड में वह जूझते दिखे, लेकिन फिर भी करुण जो अभी टीम में खेल रहे हैं, उनसे बेहतर है। मुझे लगता है कि करुण नायर को जरूर मौका मिलना चाहिए।

Legendary Commentator Sushil Doshi Exclusive interview 'Kohli a True Star; Gambhir Prioritise Indian Cricket'
हार्दिक पांड्या - फोटो : ANI
सवाल 6. क्या हार्दिक पंड्या का सिर्फ टी20 खेलना सही है?
सुशील दोशी: इसमें कुछ गलत नहीं। खिलाड़ी ज्यादा से ज्यादा समय तक क्रिकेट खेल सकें, इसके लिए सीमित फॉर्मेट चुनते हैं। शरीर को बचाना भी प्रोफेशनल करियर का हिस्सा है। लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि भारत के पास टेस्ट में वास्तविक ऑलराउंडर की भारी कमी है।

Legendary Commentator Sushil Doshi Exclusive interview 'Kohli a True Star; Gambhir Prioritise Indian Cricket'
कुलदीप यादव - फोटो : BCCI
सवाल 7: भारत में अच्छे स्पिनर क्यों नहीं निकल रहे? स्पिन की कला खत्म होती दिख रही है।
सुशील दोशी: टी20 क्रिकेट ने सबसे ज्यादा नुकसान किया है। स्पिनर फ्लाइट देते ही छक्के खा लेते हैं, इसलिए वे डरते हैं। पिचें भी ऐसी बन रही हैं कि स्पिनरों को मदद नहीं मिलती। पहले स्पिन आर्ट था, अंगुली की मजबूती, रिस्ट वर्क, फ्लाइट, लूप...आज ज्यादा गेंदबाज मैकेनिकल हैं, आर्ट खत्म हो रही है।
विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें क्रिकेट समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। क्रिकेट जगत की अन्य खबरें जैसे क्रिकेट मैच लाइव स्कोरकार्ड, टीम और प्लेयर्स की आईसीसी रैंकिंग आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़।
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed