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IND vs SA: प्लेइंग-11 में फिट बैठने के लिए सैमसन को करना पड़ रहा संघर्ष, अर्शदीप-कुलदीप का साथ खेलना मुश्किल?
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शोभित चतुर्वेदी
Updated Wed, 10 Dec 2025 10:23 PM IST
सार
भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 में विकेटकीपर के तौर पर सैमसन की जगह जितेश को मौका दिया। इसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सैमसन के लिए एकादश में जगह बना पाना मुश्किल होता जा रहा है।
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संजू सैमसन और जितेश शर्मा
- फोटो : BCCI/PTI
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विस्तार
भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज से अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप के लिए टीम संयोजन पर काम कर रही है। भारत के लिए चयन की रणनीति बड़ा सिरदर्द बनती जा रही है, विशेषकर शुभमन गिल की वापसी के बाद से संजू सैमसन के लिए तो प्लेइंग-11 में जगह बना पाना मुश्किल हो रहा है। पहले टी20 में भारत ने सैमसन की जगह जितेश शर्मा को मौका दिया था और अब दूसरे टी20 में भी सैमसन के एकादश में शामिल होने की संभावना कम ही है।
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क्या विकेटकीपर के तौर पर पहली पसंद हैं जितेश?
ऑस्ट्रेलिया में खेले गए आखिरी तीन टी20 मैचों में जितेश शर्मा को अंतिम एकादश में शामिल करना अगर प्रयोग जैसा लग रहा था तो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के पहले मैच में अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन पर उन्हें प्राथमिकता देना अगले साल होने वाले विश्व कप से पहले टीम प्रबंधन की सोच को स्पष्ट करता है। सैमसन की जगह निचले क्रम के किसी विशेषज्ञ फिनिशर को तरजीह देने के लिए थिंक टैंक को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। सैमसन को गिल की वापसी के बाद बल्लेबाजी क्रम में शीर्ष स्थान से हटा दिया गया था, जिसमें उनकी कोई गलती नहीं थी। तब से वह अंतिम एकादश में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया में खेले गए आखिरी तीन टी20 मैचों में जितेश शर्मा को अंतिम एकादश में शामिल करना अगर प्रयोग जैसा लग रहा था तो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के पहले मैच में अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन पर उन्हें प्राथमिकता देना अगले साल होने वाले विश्व कप से पहले टीम प्रबंधन की सोच को स्पष्ट करता है। सैमसन की जगह निचले क्रम के किसी विशेषज्ञ फिनिशर को तरजीह देने के लिए थिंक टैंक को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। सैमसन को गिल की वापसी के बाद बल्लेबाजी क्रम में शीर्ष स्थान से हटा दिया गया था, जिसमें उनकी कोई गलती नहीं थी। तब से वह अंतिम एकादश में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
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सैमसन-जितेश के बीच ही प्रतिस्पर्धा
जितेश टीम में फिनिशर की अपनी भूमिका को अपनी रोजी-रोटी मानते हैं। अगर वह दक्षिण अफ्रीका और उसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली सीरीज में खराब प्रदर्शन नहीं करते हैं तो यह तय है कि वह टी20 विश्व कप में शुरुआती मैचों में विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका निभाएंगे। इस समय टीम में विकेटकीपर के विकल्पों के लिए सैमसन और जितेश के अलावा किसी और के नाम पर विचार करना भी मुश्किल है। क्रिकेट विशेषज्ञों का भी मानना है कि अगर सैमसन को शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिलता है तो फिर निचले क्रम में बल्लेबाजी करने वाले जितेश को ही टीम में रखना सही होगा।
जितेश टीम में फिनिशर की अपनी भूमिका को अपनी रोजी-रोटी मानते हैं। अगर वह दक्षिण अफ्रीका और उसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली सीरीज में खराब प्रदर्शन नहीं करते हैं तो यह तय है कि वह टी20 विश्व कप में शुरुआती मैचों में विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका निभाएंगे। इस समय टीम में विकेटकीपर के विकल्पों के लिए सैमसन और जितेश के अलावा किसी और के नाम पर विचार करना भी मुश्किल है। क्रिकेट विशेषज्ञों का भी मानना है कि अगर सैमसन को शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिलता है तो फिर निचले क्रम में बल्लेबाजी करने वाले जितेश को ही टीम में रखना सही होगा।
आठवें नंबर तक बल्लेबाज को रखना चाहते है टीम प्रबंधन
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में खेलने वाली टीम से यह भी संकेत मिला कि दो प्रमुख गेंदबाज अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव एक साथ अंतिम एकादश का हिस्सा नहीं हो सकते हैं क्योंकि टीम प्रबंधन आठवें नंबर तक अच्छे बल्लेबाज को रखने के पक्ष में है। अर्शदीप को संयुक्त अरब अमीरात में स्पिन गेंदबाजों के लिए अनुकूल विकेट पर अधिकतर मैच में बाहर बैठना पड़ा था। ऑस्ट्रेलिया में भी पांच मैच में से तीन मैच में उन्हें अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली थी। लेकिन कटक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में अर्शदीप को मौका मिला और इस प्रारूप में भारत की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले इस तेज गेंदबाज ने जसप्रीत बुमराह के साथ गेंदबाजी करते हुए एक बार फिर टीम को शुरुआती विकेट दिलाए। इस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की डेथ ओवरों में गेंदबाजी करने की क्षमता का मुकाबला सबसे छोटे प्रारूप में भी करना मुश्किल है। अर्शदीप के टीम में होने के कारण एक और मैच विजेता कुलदीप यादव को बाहर बैठना पड़ा।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में खेलने वाली टीम से यह भी संकेत मिला कि दो प्रमुख गेंदबाज अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव एक साथ अंतिम एकादश का हिस्सा नहीं हो सकते हैं क्योंकि टीम प्रबंधन आठवें नंबर तक अच्छे बल्लेबाज को रखने के पक्ष में है। अर्शदीप को संयुक्त अरब अमीरात में स्पिन गेंदबाजों के लिए अनुकूल विकेट पर अधिकतर मैच में बाहर बैठना पड़ा था। ऑस्ट्रेलिया में भी पांच मैच में से तीन मैच में उन्हें अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली थी। लेकिन कटक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में अर्शदीप को मौका मिला और इस प्रारूप में भारत की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले इस तेज गेंदबाज ने जसप्रीत बुमराह के साथ गेंदबाजी करते हुए एक बार फिर टीम को शुरुआती विकेट दिलाए। इस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की डेथ ओवरों में गेंदबाजी करने की क्षमता का मुकाबला सबसे छोटे प्रारूप में भी करना मुश्किल है। अर्शदीप के टीम में होने के कारण एक और मैच विजेता कुलदीप यादव को बाहर बैठना पड़ा।