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Noida News: खतरनाक धातुओं की पहचान करेगा ऑप्टिकल नैनोप्रोब सेंसर
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सेंट एंड्रयूज कॉलेज के शिक्षकों और शोधार्थी के दो शोध कार्य भारतीय पेटेंट कार्यालय से प्रकाशित
गोरखपुर। सेंट एंड्रयूज कॉलेज के दो शिक्षकों और शोधार्थी ने मिलकर एक कम लागत वाला ऑप्टिकल नैनोप्रोब सेंसर विकसित किया है। यह खतरनाक धातु आयनों की अत्यधिक संवेदनशील और चयनात्मक पहचान करने में सक्षम है। यह शोध भारतीय पेटेंट कार्यालय के जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
सेडिका के भौतिकी के प्रो. शमशाद अहमद खान, डॉ. अर्चना श्रीवास्तव और शोधार्थी आदित्य श्रीवास्तव ने यह शोध किया है। इस आविष्कार में पहली बार सूखे नारियल पाउडर को किफायती और सतत् कार्बन स्रोत के रूप में उपयोग कर नाइट्रोजन स्व डोप्ड कार्बन क्वांटम डॉट्स का निर्माण किया गया है। यह प्रक्रिया पर्यावरण हितैषी हाइड्रोथर्मल तकनीक पर आधारित है। यह सेंसर पर्यावरण निगरानी, जल शुद्धिकरण और औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन में उपयोगी हो सकेगा।
इन वैज्ञानिकों का एक अन्य शोध भी किया है। इसमें अमॉर्फस सिलिकॉन क्वांटम डॉट्स के संश्लेषण की नवीन तापमान नियंत्रित विधि विकसित की है। विकसित क्वांटम डॉट्स में श्रेष्ठ प्रकाशीय एवं विद्युत गुणधर्म पाए गए हैं। उम्मीद है कि यह तकनीक भविष्य में ऊर्जा दक्ष सौर सेल और उन्नत ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये दोनों अविष्कार ऊर्जा और पर्यावरण जैसे वैश्विक मुद्दों के लिए समाधान प्रस्तुत करते हैं। कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एसडी राजकुमार और डीडीयू के भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. राकेश तिवारी ने इस शोध पेटेंट पर बधाई दी है।

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गोरखपुर। सेंट एंड्रयूज कॉलेज के दो शिक्षकों और शोधार्थी ने मिलकर एक कम लागत वाला ऑप्टिकल नैनोप्रोब सेंसर विकसित किया है। यह खतरनाक धातु आयनों की अत्यधिक संवेदनशील और चयनात्मक पहचान करने में सक्षम है। यह शोध भारतीय पेटेंट कार्यालय के जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
सेडिका के भौतिकी के प्रो. शमशाद अहमद खान, डॉ. अर्चना श्रीवास्तव और शोधार्थी आदित्य श्रीवास्तव ने यह शोध किया है। इस आविष्कार में पहली बार सूखे नारियल पाउडर को किफायती और सतत् कार्बन स्रोत के रूप में उपयोग कर नाइट्रोजन स्व डोप्ड कार्बन क्वांटम डॉट्स का निर्माण किया गया है। यह प्रक्रिया पर्यावरण हितैषी हाइड्रोथर्मल तकनीक पर आधारित है। यह सेंसर पर्यावरण निगरानी, जल शुद्धिकरण और औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन में उपयोगी हो सकेगा।
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इन वैज्ञानिकों का एक अन्य शोध भी किया है। इसमें अमॉर्फस सिलिकॉन क्वांटम डॉट्स के संश्लेषण की नवीन तापमान नियंत्रित विधि विकसित की है। विकसित क्वांटम डॉट्स में श्रेष्ठ प्रकाशीय एवं विद्युत गुणधर्म पाए गए हैं। उम्मीद है कि यह तकनीक भविष्य में ऊर्जा दक्ष सौर सेल और उन्नत ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये दोनों अविष्कार ऊर्जा और पर्यावरण जैसे वैश्विक मुद्दों के लिए समाधान प्रस्तुत करते हैं। कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एसडी राजकुमार और डीडीयू के भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. राकेश तिवारी ने इस शोध पेटेंट पर बधाई दी है।