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Noida News: नूंह में पानी बना परेशानी, दूषित जल पीने को मजबूर हैं लोग
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- वार्ड नबर 13 में पेयजल की समस्या से परेशान हैं लोग
संवाद न्यूज एजेंसी
नूंह। नूंह शहर के वार्ड नबर 13 में पेयजल समस्या दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है। कई इलाकों में लोगों को साफ पानी नसीब नहीं हो रहा, जिससे स्थानीय निवासियों के सामने स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। स्थिति यह है कि कई मोहल्लों में नल से आने वाला पानी बदबूदार, मटमैला और पीने लायक नहीं होता, लेकिन मजबूरी में लोग उसी पानी का उपयोग कर रहे हैं।
नेहा सिंह ने बताया कि पिछले कई महीनों से जल आपूर्ति की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। नल खुलते ही गंदला और पीला पानी आता है, जो अक्सर सीवर लाइन के साथ मिक्स होकर घरों तक पहुंच रहा है। कई बार पानी में कीड़े और गाद जैसी चीजें भी देखने को मिलती हैं। ऐसे हालात में लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है, खासकर महिलाओं और बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। खाना बनाना, कपड़े धोना और पीने के लिए पानी की व्यवस्था करना परिवारों के लिए रोजमर्रा की बड़ी चुनौती बन गया है।
इस समस्या की जानकारी कई बार नगर परिषद और संबंधित विभागों को भी दी गई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्थानीय निवासी आरोप लगाते हैं कि अधिकारियों द्वारा सिर्फ आश्वासन दिए जाते हैं, मगर पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है।
गंदा पानी पीने से लोगों में बीमारियां भी फैल रही हैं। बच्चों में पेट दर्द, उल्टी-दस्त और बुखार जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन बीमारियों का मुख्य कारण दूषित पानी ही है। ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लोगों का कहना है कि पेयजल समस्या किसी भी शहर के लिए सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है। नूंह जैसे तेजी से विकसित हो रहे इलाके में अगर लोगों को पीने के लिए साफ पानी ही नहीं मिलेगा, तो विकास की बात करना भी बेकार है।
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संवाद न्यूज एजेंसी
नूंह। नूंह शहर के वार्ड नबर 13 में पेयजल समस्या दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है। कई इलाकों में लोगों को साफ पानी नसीब नहीं हो रहा, जिससे स्थानीय निवासियों के सामने स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। स्थिति यह है कि कई मोहल्लों में नल से आने वाला पानी बदबूदार, मटमैला और पीने लायक नहीं होता, लेकिन मजबूरी में लोग उसी पानी का उपयोग कर रहे हैं।
नेहा सिंह ने बताया कि पिछले कई महीनों से जल आपूर्ति की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। नल खुलते ही गंदला और पीला पानी आता है, जो अक्सर सीवर लाइन के साथ मिक्स होकर घरों तक पहुंच रहा है। कई बार पानी में कीड़े और गाद जैसी चीजें भी देखने को मिलती हैं। ऐसे हालात में लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है, खासकर महिलाओं और बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। खाना बनाना, कपड़े धोना और पीने के लिए पानी की व्यवस्था करना परिवारों के लिए रोजमर्रा की बड़ी चुनौती बन गया है।
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इस समस्या की जानकारी कई बार नगर परिषद और संबंधित विभागों को भी दी गई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्थानीय निवासी आरोप लगाते हैं कि अधिकारियों द्वारा सिर्फ आश्वासन दिए जाते हैं, मगर पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है।
गंदा पानी पीने से लोगों में बीमारियां भी फैल रही हैं। बच्चों में पेट दर्द, उल्टी-दस्त और बुखार जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन बीमारियों का मुख्य कारण दूषित पानी ही है। ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लोगों का कहना है कि पेयजल समस्या किसी भी शहर के लिए सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है। नूंह जैसे तेजी से विकसित हो रहे इलाके में अगर लोगों को पीने के लिए साफ पानी ही नहीं मिलेगा, तो विकास की बात करना भी बेकार है।