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Noida News: नोएडा एयरपोर्ट विस्थापित गांवों के युवाओं ने रोजगार को लेकर फिर उठाई आवाज
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–कहा, जमीन अधिग्रहण के दौरान स्थायी रोजगार का वादा अब तक अधूरा
संवाद न्यूज एजेंसी
यमुना सिटी। नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पहले चरण में विस्थापित हुए किसानों के बच्चों ने रोजगार को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इसे लेकर रविवार को जेवर के आर आर कॉलोनी में बैठक की। उनका कहना है कि 2019 में जमीन अधिग्रहण के दौरान प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को पांच लाख रुपये मुआवजे के साथ-साथ स्थायी रोजगार का विकल्प देने का वादा किया था, लेकिन अब तक यह वादा अधूरा है।
युवाओं ने कहा कि एयरपोर्ट के लिए जमीन तो छिन गई, लेकिन वादे के अनुसार नौकरी नहीं मिली। जिन परिवारों का मुख्य सहारा खेती थी, वे आज बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने पुनर्वास और रोजगार को लेकर जो योजना बनाई थी, वह सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है। युवाओं ने आरोप लगाया कि एयरपोर्ट कार्यों में योग्यता के मुताबिक नौकरी नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को जॉब के लिए ईमेल के माध्यम से बुलाया गया था उन्हें भी केवल छह महीने के लिए ही नौकरी दी जा रही। ऑफर लेटर में भी छह महीने के बाद टर्मिनेशन का जिक्र है। युवाओं ने कॉन्ट्रैक्ट आधारित नौकरी लेने से इनकार कर दिया है। युवाओं ने साफ कहा है कि यदि जल्द ही रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। बैठक में अचल छौंकर, रवि छौंकर, चांद मोहम्मद, सिराजुद्दीन, अरुण कुमार, गौरव चौहान, अशोक कुमार, अजय छौंकर, ललित लोहिया, विनोद उपाध्याय, रामपाल सिंह, राजेंद्र, राहुल समेत अन्य युवा मौजूद रहे।

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यमुना सिटी। नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पहले चरण में विस्थापित हुए किसानों के बच्चों ने रोजगार को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इसे लेकर रविवार को जेवर के आर आर कॉलोनी में बैठक की। उनका कहना है कि 2019 में जमीन अधिग्रहण के दौरान प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को पांच लाख रुपये मुआवजे के साथ-साथ स्थायी रोजगार का विकल्प देने का वादा किया था, लेकिन अब तक यह वादा अधूरा है।
युवाओं ने कहा कि एयरपोर्ट के लिए जमीन तो छिन गई, लेकिन वादे के अनुसार नौकरी नहीं मिली। जिन परिवारों का मुख्य सहारा खेती थी, वे आज बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने पुनर्वास और रोजगार को लेकर जो योजना बनाई थी, वह सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है। युवाओं ने आरोप लगाया कि एयरपोर्ट कार्यों में योग्यता के मुताबिक नौकरी नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को जॉब के लिए ईमेल के माध्यम से बुलाया गया था उन्हें भी केवल छह महीने के लिए ही नौकरी दी जा रही। ऑफर लेटर में भी छह महीने के बाद टर्मिनेशन का जिक्र है। युवाओं ने कॉन्ट्रैक्ट आधारित नौकरी लेने से इनकार कर दिया है। युवाओं ने साफ कहा है कि यदि जल्द ही रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। बैठक में अचल छौंकर, रवि छौंकर, चांद मोहम्मद, सिराजुद्दीन, अरुण कुमार, गौरव चौहान, अशोक कुमार, अजय छौंकर, ललित लोहिया, विनोद उपाध्याय, रामपाल सिंह, राजेंद्र, राहुल समेत अन्य युवा मौजूद रहे।
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