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विश्व दिव्यांग दिवस: प्रौद्योगिकी की मदद से दिव्यांग बन रहे दूसरों का सहारा, पांच साल में बदलाव से बदली जिंदगी

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: अनुज कुमार Updated Tue, 03 Dec 2024 08:10 AM IST
सार

विशेषज्ञों का कहना है कि बुजुर्ग और दिव्यांग के जीवन में बदलाव के लिए पिंछले कुछ सालों में काफी बदलाव आया है। कई तरह के डिवाइस तैयार हो गए हैं जिनकी मदद से निर्भरता कम हुई है।

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The disabled are now becoming self-reliant with the help of technology
विश्व दिव्यांग दिवस - फोटो : freepik
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विस्तार
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दिव्यांग अब प्रौद्योगिकी की मदद से आत्मनिर्भर बन रहे हैं। पिछले पांच साल में हुए नवाचार ने इनकी जिंदगी बदल दी। आने वाले समय में ये उपकरण सरल व सुलभ उपलब्ध होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि दिव्यांगों के साथ बुजुर्गों को सशक्त बनाने के लिए कई दिशाओं में काम हो रहा हैं।



सामाजिक सहायक रोबोट, रोबोटिक एक्सोस्केलेटन के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित कई आधुनिक उपकरण विकसित किए गए हैं। इसमें सुधार के लिए शोध चल रहा है। ये उपकरण व्यक्ति की जरूरत के आधार पर काम करेंगे। साथ ही इन वर्ग का सहारा बनकर अकेलेपन को भी दूर करेंगे। मौजूदा समय में इन आधुनिक उपकरण की उपलब्धता हर वर्ग तक नहीं हैं। इसमें स्मार्ट ग्लास, आपातकालीन अलर्ट के साथ सहायक घड़ियां, आधुनिक एक्सोस्केलेटन, हाइब्रिड प्रोस्थेसिस सहित अन्य शामिल हैं। इसके अलावा एआई आधारित कई उपकरण पर काम चल रहा है।
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सामाजिक सहायक रोबोट, टेलीरिहैबिलिटेशन, उन्नत रोबोटिक एक्सोस्केलेटन सहित अन्य के मदद से कार्य की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस दिशा मे चल रहे शोध के साथ सहायक तकनीक के माध्यम से दिव्यांग व बुजुर्ग के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। दिल्ली में करीब 2.44 लाख दिव्यांग हैं। इनमें से करीब 1.2 लाख लोगों को पेंशन की सुविधा मिलती हैं। पेंशन पाने वाले करीब 42% दिव्यांग हैं।

जीवन को सशक्त बनाएगा उपलब्ध उपकरण
सफदरजंग अस्पताल में पीएमआर विभाग की प्रोफेसर डॉ सुमन बादल ने कहा कि हर दिव्यांग को मजबूत बनाने के लिए आईसीएमआर ने 21 सहायक उत्पाद की सूची जारी की है। इनमें ऐसे उपकरण हैं जो इसके विकास और जीवन की गतिशीलता को बनाए रखने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं। इनकी मदद से जीवन की गुणवत्ता में सुधार के साथ कार्यात्मक बाधा को कम कर इन्हें प्रोत्साहित किया जाता है।

सरकार मुहैया करवाती है मदद
सफदरजंग अस्पताल में मेडिकल सोशल वेलफेयर अधिकारी पूनम ढांडा ने कहा कि दिव्यांग को सशक्त बनाने के लिए सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं। अस्पताल में इनके लिए अलग से काउंटर शुरू किया गया। जरूरत के आधार पर इन्हें मदद दी जाती है। साथ ही इनकी सुलभता के लिए कई नियम भी बनाए गए हैं। इनमें व्यवसायिक भवनों रैंप की उपलब्धता, व्हीलचेयर सहित अन्य शामिल हैं।

आसानी से उपलब्ध हैं यह उपकरण
स्क्रीन रीडर
अगमेंटेटिव और अल्टरनेटिव कम्युनिकेशन  डिवाइस
एर्गोनोमिक कीबोर्ड
टेक्स्ट-टू-स्पीच टूल
व्हीलचेयर रैंप
कृत्रिम अंग
लोकोमोटर उपकरण
वॉयस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर

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