सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi ›   Delhi NCR News ›   The unrest in Kathmandu has cooled the hopes of Delhiites

Nepal Tourism: काठमांडो हिंसा से दिल्लीवालों के अरमान ठंडे, घूमने का प्लान चौपट; फंसे लोग वापसी की कोशिश में

सिमरन, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Sat, 13 Sep 2025 02:29 AM IST
विज्ञापन
सार

पर्यटन व व्यापार पर बुरा असर पड़ा है। इस सबके बीच सितंबर की छुट्टियों में काठमांडू जाने की योजना बना रहे दिल्लीवासियों के लिए यह आंदोलन किसी बुरे सपने से कम साबित नहीं हो रहा है।

The unrest in Kathmandu has cooled the hopes of Delhiites
नेपाल के हाल, file - फोटो : PTI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

हिमालय की गोद में बसे काठमांडू के मंदिरों और ट्रेकिंग रूट की चमक वहां चल रही अशांति के चलते फीकी पड़ गई है। विशेष रूप से पर्यटन व व्यापार पर बुरा असर पड़ा है। इस सबके बीच सितंबर की छुट्टियों में काठमांडू जाने की योजना बना रहे दिल्लीवासियों के लिए यह आंदोलन किसी बुरे सपने से कम साबित नहीं हो रहा है।

loader
Trending Videos


इसके चलते दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा ठप हो गई है। वहीं, हवाई उड़ानें रद्द हैं। बुकिंग शून्य और सभी प्री-बुकिंग्स रद्द होने से पर्यटन उद्योग संकट में है। दिल्ली से नेपाल जाने वाले पर्यटकों ने यात्रा पूरी तरह बंद कर दी गई है। ट्रैवल एजेंट्स ने बताया कि नई बुकिंग शून्य हो चुकी है और जिन्होंने प्री बुकिंग करवाई थी उन सभी ने स्थिति को देखते हुए इसे रद्द कर दिया है। हालांकि, लोगों का नेपाल से दिल्ली आना लगा हुआ है। यह संकट पर्यटकों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे कारोबारी भी ग्रस्त है। दिल्ली के कई कारोबारियों का करोड़ों का सामान नेपाल के रास्ते में फंसा हुआ है, कुछ सामान नेपाल पहुंच गया है, जिसमें उनका पैसा लगा हुआ है और कुछ ऑर्डर यहां तैयार पड़े है। हालांकि, नेपाल के बिगड़ते हालात को देखते हुए व्यापारियों को काफी नुकसान पहुंचा है।
विज्ञापन
विज्ञापन


बोले व्यापारी
सदर बाजार बारी मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने बताया कि सदर बाजार सहित पुरानी दिल्ली से नेपाल में काफी मात्रा में सामान जाता है। उन्होंने बताया कि यह बाजार नेपाल सहित अन्य देशों में भी अपने उत्पादों का निर्यात करता है। उन्होंने बताया कि सदर बाजार में गृहस्थी की विभिन्न वस्तुओं की थोक बिक्री होती है। ऐसे में यहां से बर्तन, क्रॉकरी, आकर्षक ज्वैलरी, खिलौने, स्टेशनरी, टेलरिंग मैटेरियल, गारमेंट्स, क्रोकरी, शूज, चप्पल और अन्य उपहार की वस्तुएं काफी तादाद में नेपाल भेजी जाती हैं।

रास्ते बंद, बस-फ्लाइट पर संकट
दिल्ली से काठमांडू के लिए यातायात के साधन सीमित हो चुके हैं। नेपाल जाने के लिए फ्लाइट और बस दो मुख्य साधन है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक एयर इंडिया, इंडिगो और अन्य एयरलाइंस की डायरेक्ट फ्लाइट्स चलती हैं, जो 1.5 घंटे में पहुंचा देती हैं। लेकिन आंदोलन से एयरपोर्ट बंद होने के कारण सभी फ्लाइट्स कैंसिल हैं। केवल इमरजेंसी इवैक्यूएशन फ्लाइट्स चालू हैं, जो फंसे भारतीयों को निकाल रही हैं। दूसरी ओर, सड़क मार्ग से दिल्ली से काठमांडू की दूरी करीब 1,100 किमी है, जो 25-28 घंटे में तय होती है। कश्मीरी गेट से रोज 20 बसें (ज्यादातर वॉल्वो एसी स्लीपर) चलती थी, जिसका किराया 2,800-3,100 रुपये होता था। लेकिन अब दिल्ली पंजीकरण वाली बसें पूरी तरह बंद हैं। नेपाली बसें आधी क्षमता से चल रही हैं। इनकी भी बुकिंग महज 20 फीसदी है।

12 दिन में भारतीय का आगमन शून्य
नेपाल टूरिज्म बोर्ड (एनटीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2024 में भारत से 22,984 पर्यटक नेपाल पहुंचे थे, जो कुल आगमन (96,305) का एक बड़ा हिस्सा था। लेकिन 2025 में आंदोलन की वजह से सितंबर के पहले 12 दिनों में ही भारतीय आगमन लगभग शून्य हो चुका है। एयरपोर्ट बंद होने और एडवाइजरी से नई यात्राएं रुक गई हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि पूरे महीने में 80-90 फीसदी की गिरावट आएगी। 2024 में ही कुल भारतीय आगमन 3,17,772 रहा, जो मानसून की तबाही और सड़क हादसों की वजह से 2023 के 3,19,936 से 0.68 फीसदी कम था। लेकिन 2025 का यह संकट पर्यटन उद्योग को साल भर पीछे धकेल सकता है, क्योंकि नेपाल का 25 फीसदी पर्यटन भारत पर निर्भर है।

2024 में 23 हजार भारतीय गए थे नेपाल
ट्रैवल एजेंट संजय सम्राट ने बताया कि नेपाल का हाल देखकर पर्यटक डर रहे हैं। उन्होंने सभी बुकिंग रद्द कर दी है। उन्होंने बताया कि सर्दी शुरू ही होने वाली है, खूब पर्यटक इस दौरान घूमने जाते है लेकिन हालात ऐसे है कि सीजन खराब हो गया, हालांकि सुरक्षा पहले है। उन्होंने यह भी बताया कि गिरावट 100 फीसदी से ज्यादा लग रही है, ऐसे में कोई जोखिम नहीं लेंगे। वहीं, एक अन्य ट्रैवल एजेंट ने बताया कि दिल्ली से दो ग्रुप कैंसल हुए, इनमें 15 लोग थे। उन्होंने बताया कि 2024 में 23 हजार भारतीय सितंबर में गए थे, लेकिन इस साल यह संख्या शून्य पर अटकी है। उन्होंने बताया कि पर्यटक अब गोवा या श्रीलंका चुन रहे हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed