चरम पर प्रदूषण: दिल्ली-NCR में आज सुबह घने कोहरे का यलो अलर्ट, नौ से 11 डिग्री के बीच न्यूनतम तापमान का अनुमान
दिल्ली में मंगलवार यानी आज सुबह के समय कई जगहों पर मध्यम कोहरा छाने की संभावना है। कुछ स्थानों पर घना कोहरा भी छाया रह सकता है। कोहरे के प्रदूषण के साथ मिलकर स्मॉग का रूप लेने की संभावना है।
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दिल्ली में कड़ाके की सर्दी ने अभी दस्तक नहीं दी है, लेकिन कोहरे की एंट्री हो गई है। सोमवार को सुबह के समय कोहरा देखने को मिला। इस कारण से पालम पर दृश्यता 100 मीटर से कम दर्ज की गई। वहीं मंगलवार को भी मध्यम से घना कोहरा छाए रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने इसके लिए कोहरे का यलो अलर्ट जारी किया है। उधर सोमवार को न्यूनतम तापमान भी चार दिन बाद 10 डिग्री तक पहुंच गया।
दिसंबर के 15 दिनों में यह दूसरी बार है जब न्यूनतम तापमान दो अंकों में दर्ज हुआ है। जबकि बाकी दिनों में यह 9 डिग्री से 5.6 डिग्री के बीच दर्ज किया गया है। दिल्ली में मंगलवार को सुबह के समय कई जगहों पर मध्यम कोहरा छाने की संभावना है। कुछ स्थानों पर घना कोहरा भी छाया रह सकता है। कोहरे के प्रदूषण के साथ मिलकर स्मॉग का रूप लेने की संभावना है। सोमवार को न्यूनतम व अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली। अधिकतम तापमान सामान्य से 0.7 डिग्री से अधिक 23.7 डिग्री व न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.4 डिग्री अधिक दर्ज हुआ।
इससे पहले रविवार को अधिकतम तापमान 24 डिग्री व न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.4 डिग्री कम दर्ज हुआ था। वहीं इस सप्ताह में 15-25 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इससे हवा की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। वहीं न्यूनतम तापमान 9-11 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। गुरुवार से शनिवार तक न्यूनतम तापमान 8-10 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। 17 दिसंबर को पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में एक पश्चिमी विक्षोभ दस्तक दे सकता है, लेकिन वह काफी कमजोर होगा। ना ही नवंबर और ना ही दिसंबर में अब तक बारिश हुई है। इस कारण से नमी में बढ़ोतरी नहीं होगी। इस वजह से इस सप्ताह भी कड़ाके की ठंड नहीं पड़ेगी। तापमान में ज्यादा उतार-चढ़ाव भी देखने को नहीं मिलेगा।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से 82 फीसदी लोग प्रभावित
इसी बीच, कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स के नए सर्वे में चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सर्वे के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के 82 प्रतिशत लोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। इन स्वास्थ्य समस्याओं में अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), फेफड़ों की क्षति, हार्ट फेलियर, स्ट्रोक और संज्ञानात्मक क्षमता में कमी जैसी गंभीर स्थितियां शामिल हैं। यह भी प्रदूषण से और अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
कमजोर हवाओं और कम तापमान ने प्रदूषकों को जमीन के करीब फंसा रखा है। सर्वे के अनुसार, अक्तूबर के अंत से दिल्ली-एनसीआर के बड़े हिस्सों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब से गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। इससे श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों में। सर्वे में मेडिकल खर्चों पर भी चिंता जाहिर की गई है। 73 प्रतिशत लोगों ने कहा कि प्रदूषण के बार-बार आने वाले एपिसोड्स के बीच यहां रहने पर उन्हें खुद और परिवार के लिए स्वास्थ्य खर्च की फिक्र है। केवल 8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे जहरीली हवा के कारण दिल्ली-एनसीआर से बाहर जाने का इरादा रखते हैं, जबकि अधिकांश ने काम, पारिवारिक जिम्मेदारियां और अन्य मजबूरियां बताईं।
इस सर्वे में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के निवासियों से 34,000 से अधिक जवाब मिले। लोकल सर्कल्स ने कहा कि प्रदूषण से प्रभावित लोगों ने स्वास्थ्य सहायता उपायों पर तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।