यूपीएससी समय की बर्बादी!: डिग्री नहीं, AI कौशल तय करेगा करियर का भविष्य; पीएम के आर्थिक सलाहकार का बड़ा बयान
Sanjeev Sanyal On UPSC: अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने कहा कि भविष्य में कॉलेज की पारंपरिक डिग्री से ज्यादा एआई आधारित स्किल्स अहम होंगी। उनका मानना है कि लेक्चर आधारित शिक्षा अप्रासंगिक हो रही है और युवाओं को जल्दी नौकरी व स्किल्स पर फोकस करना चाहिए।
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Sanjeev Sanyal: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने उच्च शिक्षा प्रणाली को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में कॉलेज की पारंपरिक पढ़ाई और डिग्री की अहमियत कम हो सकती है और इसकी जगह एआई आधारित स्किल डेवलपमेंट ज्यादा महत्वपूर्ण होगा।
एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में संजीव सान्याल ने कहा कि आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लेक्चर देने के मामले में इंसानों से कहीं बेहतर हो चुका है। ऐसे में केवल लेक्चर पर आधारित विश्वविद्यालय शिक्षा धीरे-धीरे अप्रासंगिक होती जा रही है।
लेक्चर आधारित शिक्षा हो रही बेकार: सान्याल
सान्याल ने कहा कि 20वीं सदी तक यूनिवर्सिटी जाना एक खास और सीमित वर्ग की बात थी, लेकिन तकनीक ने इस व्यवस्था को बदल दिया है। उन्होंने कहा, "टेक्नोलॉजी लेक्चर आधारित यूनिवर्सिटी सिस्टम को बेकार बना रही है।"
उनके अनुसार, असली समस्या अब स्किलिंग और उच्च शिक्षा के बीच की खाई है। पहले स्किलिंग को केवल प्लंबर या तकनीकी कामों से जोड़ा जाता था, जबकि कॉलेज को बौद्धिक विकास का केंद्र माना जाता था। लेकिन अब यह फर्क खत्म हो रहा है।
डिग्री से ज्यादा स्किल्स की जरूरत
संजीव सान्याल ने कहा कि भारत के आईटी सेक्टर को खड़ा करने में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (NIIT) जैसे संस्थानों का योगदान, पारंपरिक डिग्री सिस्टम से कहीं ज्यादा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज की इंडस्ट्री अकादमिक संस्थानों से आगे निकल चुकी है। इसलिए शिक्षा प्रणाली को अप्रेंटिसशिप और वास्तविक स्किल्स पर ज्यादा फोकस करना चाहिए।
यूपीएससी की तैयारी पर भी सवाल
सान्याल ने सरकारी नौकरी की स्थिरता के लिए यूपीएससी जैसी परीक्षाओं की लंबी तैयारी को भी समय की बर्बादी बताया। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम शायद 1960 के दशक में ठीक रहा हो, लेकिन अब समय बदल चुका है। उनका मानना है कि तकनीक हर साल अपडेट होती है, जबकि प्रोफेसरों और शिक्षा प्रणाली को उसी रफ्तार से अपडेट करना बेहद मुश्किल है।
18 साल में नौकरी, साथ में पढ़ाई
संजीव सान्याल ने सुझाव दिया कि युवाओं को 18 साल की उम्र में ही नौकरी में प्रवेश कर लेना चाहिए और डिग्री को साथ-साथ पूरा करना चाहिए। उन्होंने इस सोच के समर्थन में Zoho के संस्थापक श्रीधर वेम्बू और टेस्ला के मालिक एलन मस्क का उदाहरण भी दिया।
एआई को अपनाना जरूरी
एआई को लेकर उन्होंने कहा कि यह तकनीक बड़े बदलाव जरूर लाएगी, लेकिन जो लोग इसे जल्दी अपनाएंगे, वे इसका इस्तेमाल खुद को बेहतर बनाने में कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लास, काम के साथ परीक्षा और डिजिटल लर्निंग ही भविष्य की शिक्षा व्यवस्था होगी। संजीव सान्याल के मुताबिक, आने वाले समय में डिग्री नहीं बल्कि व्यावहारिक स्किल्स और तकनीकी समझ ही युवाओं का करियर तय करेंगी।