सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Education ›   IAF and IIT Madras Sign MoU to Develop Indigenous Airborne Digital Communication System

IAF: हवाई सैन्य संचार होगा पूरी तरह स्वदेशी, एयरफोर्स और IIT मद्रास मिलकर बनाएंगे एयरबोर्न कम्युनिकेशन सिस्टम

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: आकाश कुमार Updated Mon, 29 Dec 2025 11:51 AM IST
सार

IIT Madras: भारतीय वायुसेना के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट और आईआईटी मद्रास ने एयरबोर्न एप्लीकेशन्स के लिए स्वदेशी डिजिटल कम्युनिकेशन सिस्टम विकसित करने के लिए साझेदारी की है। इससे सुरक्षित डेटा ट्रांसमिशन और डिफेंस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
 

विज्ञापन
IAF and IIT Madras Sign MoU to Develop Indigenous Airborne Digital Communication System
IIT Madras - फोटो : ANI (फाइल फोटो)
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

IIT Madras: भारतीय वायुसेना (IAF) के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (SDI) और आईआईटी मद्रास के बीच एयरबोर्न एप्लीकेशन्स के लिए स्वदेशी डिजिटल कम्युनिकेशन सिस्टम के संयुक्त डिजाइन और विकास को लेकर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह साझेदारी आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

Trending Videos


इस एमओयू पर एसडीआई के कमांडेंट एयर वाइस मार्शल आर गुरुहरि, आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी कामकोटि और प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन के सीईओ डॉ. एम जे शंकर रमन ने हस्ताक्षर किए। आधिकारिक बयान के अनुसार, इस सहयोग के जरिए भारतीय वायुसेना उन्नत नेटवर्किंग और एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम विकसित करेगी।

विज्ञापन
विज्ञापन

आधुनिक युद्ध के लिए अहम तकनीक

जानकारी के मुताबिक, एयरबोर्न वातावरण में सुरक्षित, भरोसेमंद और हाई-परफॉर्मेंस डेटा एक्सचेंज के लिए यह सिस्टम बेहद जरूरी है। आधुनिक सैन्य अभियानों और नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर में डिजिटल कम्युनिकेशन सिस्टम की भूमिका लगातार बढ़ रही है।

स्वदेशी स्तर पर इस तकनीक के विकास से आयातित प्रणालियों पर निर्भरता कम होगी, तकनीकी संप्रभुता को मजबूती मिलेगी और भारतीय रक्षा बलों की ऑपरेशनल क्षमता में इजाफा होगा।

क्या बोले वायुसेना और आईआईटी मद्रास के अधिकारी

एयर वाइस मार्शल आर गुरुहरि ने कहा कि आईआईटी मद्रास के साथ यह साझेदारी रक्षा संचार तकनीक में पूर्ण आत्मनिर्भरता की दिशा में दूरदर्शी कदम है। अकादमिक उत्कृष्टता और ऑपरेशनल अनुभव के मेल से स्वदेशी समाधान विकसित होंगे, जो एयरबोर्न फोर्स की क्षमताओं को नई मजबूती देंगे।

वहीं आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी कामकोटि ने कहा कि यह सहयोग अकादमिक संस्थानों और रक्षा संगठनों के बीच मजबूत तालमेल का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि आईआईटी मद्रास उन्नत संचार तकनीक और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता से इस परियोजना में योगदान देगा।

किन क्षेत्रों पर रहेगा फोकस

इस संयुक्त परियोजना में उन्नत एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल, सुरक्षित डेटा ट्रांसमिशन, साइबर खतरों से सुरक्षा, एयरबोर्न नेटवर्क की स्केलेबिलिटी और मौजूदा रक्षा प्रणालियों के साथ इंटीग्रेशन जैसे अहम पहलुओं पर काम किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, इस पहल के तहत तैनाती योग्य प्रोटोटाइप विकसित किए जाएंगे, जिससे भारतीय वायसेना के मिशनों को तकनीकी बढ़त मिलेगी।

यह साझेदारी आईआईटी मद्रास के रक्षा अनुसंधान एवं विकास से जुड़े व्यापक प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें एयरोस्पेस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मैटेरियल साइंस जैसे क्षेत्र शामिल हैं। यह पहल रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने और भारत के डिफेंस इंडस्ट्रियल बेस को मजबूत करने की सरकारी नीति के अनुरूप है।

विज्ञापन
विज्ञापन

सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें शिक्षा समाचार आदि से संबंधित ब्रेकिंग अपडेट।

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed