Exclusive: बिहार का मॉडल यूपी में आजमाएगी भाजपा? केशव मौर्य ने दिए संकेत, मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर भी बोले
Keshav Prasad Maurya Exclusive: बिहार में इस बार भी अगर एनडीए सत्ता में आती है तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा? यह एक ऐसा सवाल है, जो महागठबंधन की तरफ से लगातार पूछा जा रहा है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट की है। जानिए, उन्होंने क्या कहा...
विस्तार
भाजपा ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बिहार की 78 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी है। वे इन सीटों पर भाजपा की रणनीति और प्रचार अभियान का जिम्मा संभाल रहे हैं। अमर उजाला से खास बातचीत में केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि एनडीए की ही सत्ता बरकरार रहती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा? साथ ही उन्होंने एक ऐसे मुद्दे का जिक्र किया, जिसके बारे में भाजपा बिहार मॉडल से प्रेरणा लेना चाहती है। उन्होंने महागठबंधन के वादों-दावों और प्रशांत किशोर की चुनाव में मौजूदगी पर भी बात की। यह पूरा इंटरव्यू आप विस्तार से वीडियो में देख सकते हैं। यहां प्रस्तुत हैं केशव प्रसाद मौर्य से बातचीत के प्रमुख अंश...
नीतीश जी को सत्ता में 20 साल हो गए। ज्यादातर समय वे भाजपा के साथ रहे। क्या विकास का कमल उस तरीके से खिल पाया?
केशव प्रसाद मौर्य: बिहार के अतीत को कांग्रेस के भ्रष्ट शासन और लालू प्रसाद जी के शासन के जंगलराज से जोड़ेंगे, तो बिहार के साथ अन्याय हो जाएगा। बाकी बिहार का अतीत, वर्तमान और भविष्य उज्जवल है। बहुत संभावनाएं हैं। वह संभावनाएं विश्वास में बदलने का काम नीतीश कुमार जी की अगुआई में एनडीए सरकार ने किया है। चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की जोड़ी को भरपूर समर्थन मिल रहा है। बिहार का भरोसा इस जोड़ी पर है। लोग प्रत्याशियों को नहीं देख रहे हैं। वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को देख रहे हैं।
बिहार में 78 सीटें आपके पाले में हैं। प्रत्याशियों की व्यक्तिगत एंटी-इंकंबेंसी कहीं नुकसान तो नहीं पहुंचाएगी?
केशव प्रसाद मौर्य: नाराजगी केवल विपक्ष यानी महागठबंधन, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल को लेकर है। विपक्ष को लगता है कि 20 साल से सत्ता थी और जनता नाराज होगी। इसके कारण से उन्हें सत्ता की मलाई खाने का मौका मिल जाएगा। जंगलराज फिर से वापस लाने का मौका मिल जाएगा। भ्रष्टाचार करने का मौका मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होगा। जनता के अंदर सत्ता, मोदी जी, नीतीश जी को लेकर के कोई नाराजगी नहीं है। कोई राज्य में 20 साल तक सत्ता में रहे और उसके प्रति कोई गुस्सा ना हो, तो यह ऐतिहासिक उपलब्धि है।
बार-बार भ्रम की यह स्थिति क्यों पैदा हो जाती है कि नीतीश जी मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं बनेंगे?
केशव प्रसाद मौर्य: देखिए, महागठबंधन के पास मुद्दा नहीं है इसलिए सवाल उठ रहे हैं। 2020 से और 2025 की जो सरकार चल रही है, उसमें भाजपा के विधायक ज्यादा हैं और जदयू के विधायक कम हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ही हैं। इस बार बहुत ऐतिहासिक नतीजे आएंगे। नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में हम चुनाव लड़ रहे हैं। वो मुख्यमंत्री हैं और मुख्यमंत्री बनने वाले हैं। इसे लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं है। गृह मंत्री जी ने खुले मंच से कहा है कि ना तो प्रधानमंत्री पद की वैकेंसी है और ना तो बिहार में मुख्यमंत्री पद की वैकेंसी है। इसलिए राहुल गांधी जी और तेजस्वी यादव जी इंतजार में अपना समय बर्बाद ना करें। अभी बिहार का चुनाव हो रहा है, तो नीतीश जी ही अगले मुख्यमंत्री होंगे।
अमित शाह कहते हैं 2029 तो छोड़िए 2034 में भी पीएम मोदी रहेंगे। उस समय तो यह बात नहीं होती कि संसदीय दल चुनेगा। फिर बिहार में विधानमंडल द्वारा तय करने की बात क्यों है?
केशव प्रसाद मौर्य: 2013 में नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने थे। यहां पर भी नीतीश कुमार जी मुख्यमंत्री हैं और मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार उन्हें बनाने की कोई घोषणा करने की आवश्यकता नहीं है। यह मुद्दा केवल विपक्ष जानबूझ कर उठा रहा है। वो मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। तेजस्वी यादव ने एक कार्यक्रम में राहुल गांधी को अगला प्रधानमंत्री कह कर संबोधित कर दिया। तो यह तो मुंगेरीलाल के जैसे हसीन सपने देखने जैसा हो गया कि तुम मुझे प्रधानमंत्री बना दो तो मैं तुम्हें मुख्यमंत्री बना दूंगा।
बिहार में जब राजद से शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा मैदान में होते हैं तो सामने सत्ता पक्ष से अनंत सिंह क्यों होते हैं?
केशव प्रसाद मौर्य: नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में इस प्रकार की घटनाएं नहीं हुई हैं। राजनीति का अपराधीकरण किया जाए, इसके हम लोग विरुद्ध हैं। जहां तक शहाबुद्दीन जैसे अपराधी की बात है, तो वो इंटरनेशनल अपराधी था। यूपी में मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद की तरह बिहार के अंदर शहाबुद्दीन ने एक चैनल खड़ा कर रखा हुआ था। जब ओसामा को तेजस्वी यादव ने प्रत्याशी बनाने का फैसला किया, तो यह संदेश साफ हो गया कि वह जंगलराज की पुनर्वापसी चाहते हैं। इससे एक संदेश जनता में गया कि अगर सुशासन चाहिए, गुंडागर्दी से मुक्ति चाहिए तो ऐसा एनडीए ही कर सकता है।
क्या इस बार जदयू का स्ट्राइक रेट बेहतर होगा क्योंकि चिराग पासवान भी इस बार साथ हैं?
केशव प्रसाद मौर्य: भाजपा की सीटें अधिक हैं, तब भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी हैं। गठबंधन में कोई अविश्वास नहीं है। एनडीए के सभी दल का स्ट्राइक रेट बहुत बेहतरीन रहने वाला है। मैं बिहार में जो करंट देख रहा हूं, वह बहुत बेहतरीन है। हमें बहुत अच्छा परिणाम मिलने वाला है।
आपके हिसाब से बिहार के लोगों के लिए मुद्दा क्या है?
केशव प्रसाद मौर्य: देखिए, यहां मुद्दा बिहार के विकास का है। बिहार में सुशासन बना रहे, यह मुद्दा है। विकास के पथ पर बिहार आगे बढ़ गया है। मुद्दा बिहार में औद्योगिक क्रांति लाने का है। लोगों को यह पता है कि यह काम महागठबंधन नहीं कर सकता है। यह काम एनडीए कर सकता है। नीतीश कुमार जी की अगुआई में महिला सशक्तिकरण के लिए काम हुआ है। यूपी हमारा बड़ा राज्य है। संयोग से वह विभाग भी मेरे पास है, लेकिन हम बिहार के बराबर अभी नहीं कर पाए हैं। हम बिहार की बराबर भी करेंगे, बिहार से अच्छा भी करेंगे। यहां से हम एक प्रेरणा लेकर जा रहे हैं। जहां तक विपक्ष की बात है, उन्होंने कहा है कि महागठबंधन की सरकार आएगी तो हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देंगे। अब हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का मतलब है 2 करोड़ 96 लाख परिवार का आंकड़ा। महागठबंधन झूठा गठबंधन है।
अभी राहुल गांधी ने छठ को लेकर कहा था कि प्रधानमंत्री जी नौटंकी कर रहे हैं। भाजपा इसे छठ के अपमान से कैसे जोड़ रही है?
केशव प्रसाद मौर्य: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रति राहुल गांधी जिन शब्दों का प्रयोग करते हैं, वह देखिए। हम लोग उनका नाम लेते हैं, तब भी श्री लगा कर बोलते हैं। प्रधानमंत्री जी राहुल गांधी से उम्र में कितने बड़े हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री जी के लिए कितने अपमान भरे शब्दों का प्रयोग किया है, जैसे लगता है कि राहुल गांधी राजा हों और मोदी जी उनके सामने एक प्रजा के समान बैठे हुए हैं। छठ मैया की पूजा पर बिहार की धरती पर आकर अगर राहुल गांधी जी उसे ड्रामा बताएंगे तो यह निर्जला उपवास करके 36 घंटे व्रत रखने वाली महिलाओं का और उनकी आस्था का अपमान है। इस आस्था का अपमान करने की सजा इस महागठबंधन को इसी चुनाव में मिलेगी।
कहीं प्रशांत किशोर भाजपा को पानी तो नहीं पिला देंगे?
केशव प्रसाद मौर्य: किंग मेकर बनना और किंग बनना, दोनों में बड़ा अंतर होता है। मोदी जी की देश में लहर थी और उन्हें पार्टी के माध्यम से कार्य करने का अवसर मिल गया। तो इसका श्रेय लेने का अगर वो प्रयास करते हैं तो वो नासमझी की श्रेणी में माना जाएगा। जहां तक बिहार में जनसुराज पार्टी की बात है, आज मुझे तो नहीं लगता है कि इसके किसी प्रत्याशी की जमानत भी बचने वाली है। एक वोटकटवा साबित होकर रह जाएंगे। इनकी पार्टी के जितने भी प्रत्याशी थे, उसमें से अधिकांश लोग भाजपा के लोगों से संपर्क कर रहे हैं। वो आरोप लगाते हैं कि हमारे प्रत्याशी को तोड़ लिया, लेकिन हमें तोड़ने की आवश्यकता नहीं।
क्या प्रशांत किशोर भाजपा के वोट काटेंगे?
केशव प्रसाद मौर्य: नहीं, हमारा कोई नुकसान नहीं कर पाएंगे। हमारा मतदाता प्रशांत किशोर जी का समर्थक नहीं है। हमारा मतदाता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का समर्थक भी नहीं है। हमारा मतदाता राष्ट्रहित में मतदान करता है। महिला सशक्तिकरण के लिए मतदान करता है।
तो भाजपा और जदयू को कितनी सीटें जीतने का भरोसा है?
केशव प्रसाद मौर्य: एनडीए 175 से 210 के बीच में रहेगा। लोगों का समर्थन भी हमारे लिए लगातार इसलिए बढ़ता जा रहा है क्योंकि विपक्ष की ओर से झूठे वादे कर शिगुफा छोड़ा गया है। मैं सटीक नंबर तो नहीं बता सकता, लेकिन 243 में अगर हम 200 पार करेंगे तो आप समझ सकते हैं सबका स्ट्राइक रेट बहुत जोरदार रहेगा। जीत तो सुशासन की होगी, लेकिन बिहार जंगलराज की वापसी नहीं चाहता है। जो अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति है, वहां तक योजनाओं का लाभ पहुंचेगा और बिना भेदभाव के पहुंचेगा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास, सबको सम्मान, सबको स्थान देते हुए काम होगा।