The Bengal Files: ‘लोगों ने कहा फिल्म देखकर सो नहीं पाए’, विवेक और पल्लवी ने साझा किए चौंकाने वाले किस्से
Director Vivek Agnihotri And Actress Pallavi Joshi Interview: डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री निर्देशित और पल्लवी जोशी अभिनीत फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ जल्द रिलीज होने वाली है। रिलीज से पहले यह फिल्म विवादों में घिरी है। हाल ही में विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी ने अमर उजाला से फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर लंबी बातचीत की। कुछ चौंकाने वाली बातें भी फिल्म की कहानी को लेकर साझा की हैं? पढ़िए बातचीत के मुख्य अंश…

विस्तार
‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री का कहना है कि इस फिल्म में ‘द कश्मीर फाइल्स’ से ज्यादा दर्द भरी कहानी है। वहीं अभिनेत्री पल्लवी जोशी का भी मानना है कि फिल्म की कहानी हर भारतीय की है। हाल ही में विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी अमर उजाला के ऑफिस पहुंचे। इस मौके पर फिल्म काे लेकर कई चौंकाने वाली बातें दोनों ने साझा की हैं।

सवाल- फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर किस तरह से रिसर्च की? सुना है आपने इसकी कहानी को कई बार बदला है?
पल्लवी: हम जिस समयकाल की कहानी पर काम करते हैं, उस वक्त के अखबार, आर्टिकल पढ़ते हैं। उस वक्त के राजनेताओं से बात करते हैं, उस समय के चर्चित बयानों को जमा करते हैं। अगर उस समय का कोई व्यक्ति जीवित है तो उनसे बात करते हैं, इंटरव्यू लेते हैं। हम इतिहासकारों, शिक्षविदों से भी बात करते हैं। फिर हम सभी की बातों में एक कॉमन बात को तलाशते हैं और उसे सच मानते हैं। इस तरह हमारे पास बहुत ज्यादा रिसर्च हो जाती है। ऐसे में इतनी रिसर्च से कहानी बनाना, उसे एक सिरे में पिरोने का काम विवेक करते हैं। मैं आपको बताऊं, हमने ‘द बंगाल फाइल्स’ के लिए 6 बार कहानी लिखी। हर बार कहानी और किरदारों में बदलाव हुए।
विवेक अग्निहोत्री : हमने फिल्म की कहानी इसलिए 6 बार बदली क्योंकि पल्लवी को हमेशा कुछ कमी लगती थी। जब भी वह कहती थी कि ‘हां ठीक है’, तो मैं समझ जाता था कि बात नहीं बनी। फिर बदलाव करता था। मैंने तो सेंसर से पास होने के बाद भी फिल्म में बदलाव किए। मेरा मानना है कि हम फिल्म ऑडियंस के लिए बनाते हैं, अपनी पंडिताइ दिखाने के लिए नहीं बनाते हैं। मैं मानता हूं कि फिल्म ऐसी होनी चाहिए कि दर्शक तीन घंटे उठ ना पाए अपनी सीट से। फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ की कहानी भी ऐसी है, इसमें डायरेक्ट एक्शन डे, नौआखली नरसंहार जैसी बातें हैं, जिनके बारे में हमें कभी बताया ही नहीं गया। इसलिए जब लोग इसे पर्दे पर देखते हैं तो पहले विश्वास नहीं कर पाते हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है? जिन लोगों ने भी यह फिल्म अब तक स्क्रीनिंग में देखी है, उन्होंने कहा है कि देखने के बाद वे सो नहीं पाए हैं। मैं आपको भी कहना चाहूंगा कि इस फिल्म में ‘द कश्मीर फाइल्स’ की कहानी से ज्यादा दर्द है। मैं किसी के दर्द को कम करके नहीं आंका रहा हूं। लेकिन मुझे गुस्सा इस बात पर आता है कि हम आजादी के बाद भी उसी सांप्रदायिक राजनीति को चलने दे रहे हैं, जिसके कारण इतिहास में ये दर्द भरी घटनाएं घटी।
फिल्म में बहुत ही संवेदनशील विषय है? इसे बताने की जरूरत क्यों महसूस हुई?
पल्लवी: मैं सबको कहती हूं कि ‘द बंगाल फाइल्स’ बंगालियों की कहानी नहीं है, ‘द कश्मीर फाइल्स’ कश्मीरियों की कहानी नहीं है, यह हर भारतीय की कहानी है। लेकिन देखिए राजनीति के कारण ही मुझे बंगाल जाने से रोका गया है। साथ ही हमारा इतिहास भी हमसे छुपाया गया है। एक-दो बातें नहीं, पूरा इतिहास ही हमसे छुपाया गया, यह किसी एजेंडा के तहत की किया गया है। हमारे बच्चों को बाहरी देशों का इतिहास पढ़ाया जाता है लेकिन मेरे बेटे ने बताया कि डायरेक्ट एक्शन डे के बारे में किताब में बस एक लाइन है। कई लोगों को तो पता ही नहीं है कि डायरेक्ट एक्शन डे की घटना हुई थी, नोआखली का नरसंहार हुआ भी था या नहीं? ऐसे में ये हमारी जिम्मेदारी बनती है कि पहले लोगों को इन बातों से अवगत कराया जाए। और इस बात के लिए मैं विवेक अग्निहोत्री पर गर्व महसूस करती हूं।
विवेक अग्निहोत्री: पल्लवी बिल्कुल सही कह रही हैं। मैं तो कहता हूं कि हमें जो इतिहास पढ़ाया गया वह झूठा था। नोआखली के बारे में लिखा जाता है कि कोलकाता में दंगे हुए थे लेकिन ऐसा नहीं है। जिन्ना ने उस वक्त विवादित बयान दिया था, जिससे यह घटना घटी। वह चाहते थे कि बंगाल का विभाजन हो जाए और यह जगह पाकिस्तान में शामिल हो जाए। मेरा मानना है कि जब तक समस्या पर बात नहीं होगी, तब तक वह सुलझेगी नहीं। लेकिन हमारा सिस्टम उल्टा करता है कोई समस्या है, तो उस पर इश्तिहार चिपका देता है कि सब ठीक है। मैं उस इश्तिहार को हटाकर लोगों को कहना चाहता हूं कि यहां पर दरार है, इसकी मरम्मत करो। लेकिन हमारा देश तो आज भी वोट बैंक की राजनीति में विभाजित है, इसलिए तो हमारी फिल्म को बंगाल में रिलीज नहीं होने दिया जा रहा है।

फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ के मुख्य किरदारों के लिए कलाकारों का चयन करना क्या मुश्किल काम रहा?
पल्लवी: मैंने तो पहले फिल्म में मां भारती का रोल करने से मना कर दिया था, विवेक को कहा था कि वह किसी उम्रदराज महिला को इस रोल के लिए चुन लें। लेकिन बाद मैं इस रोल को करने के लिए राजी हो गई। इसके लिए मैंने अपनी पर्सनालिटी में चेंज किया, चलने-फिरने के ढंग में बदलाव किया। अब बस लोगों के रिएक्शन का इंतजार है। यह किरदार मेरे करियर का सबसे बेहतरीन किरदार है।
विवेक अग्निहोत्री: फिल्म को अब तक जितने भी लोगों ने देखा है, उन्होंने कहा है कि मां भारती के रोल ने उनके मन को छू लिया है। लोग मां भारती के सीन्स में बहुत देर तक रोते रहे। पल्लवी ने इस रोल को जीवंत कर दिया है। वहीं महात्मा गांधी के रोल के लिए अनुपम खेर सर ने पहले मना कर दिया था, फिर बाद में कहा कि इस किरदार को करूंगा, जबकि हम एक गुजराती एक्टर को सेलेक्ट कर चुके थे। लेकिन अनुपम सर ने महात्मा गांधी जैसा दिखने के लिए एक साल तक बहुत मेहनत की, उन्होंने मीठा खाना छोड़ दिया, डाइट में बदलाव किया। वहीं मिथुन चक्रवर्ती जी ने जो अपने किरदार में जान डाल दी है, आप उन्हें देखकर हैरान होंगे। मेरा तो मानना है कि एक्टर जादूगर होता है, वह एक किरदार में आत्मा डालने का काम करता है, एक्टर आपको विश्वास करा देता है कि सच में ऐसा हो रहा है।

आपकी फिल्म काे लेकर विवाद छिड़ा हुआ है? इस पर क्या कहना चाहेंगे?
विवेक अग्निहोत्री: आप इतिहास पढ़ेंगे तो पाएंगे कि जब-जब किसी ने सत्य कहा है तो विवाद छिड़ा है। दार्शनिक सुकरात ने सत्य बोला तो उन्हें जहर का प्याला दिया गया। दुनिया में सबसे विवादित विषय सत्य है। मैंने ‘ताशकंद फाइल्स’ में एक डायलॉग लिखा था, ‘लोग सत्य नहीं, सत्य की कहानी सुनना चाहते हैं।
आपकी फिल्म को बंगाल में रिलीज होने नहीं दिया जा रहा है? ऐसे में लोगों के कैसे रिएक्शन आपको मिल रहे हैं?
विवेक अग्निहोत्री: मुझे तमाम लोगों से खासकर बंगाली लोगों से ही रिएक्शन मिल रहे हैं। आप मेरे सोशल मीडिया अकाउंट पर चले जाइए, बंगाली लोग ही लिख रहे हैं कि उन्होंने 5 सितंबर की छुट्टी ले ली है क्योंकि बंगाल में फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ नहीं रिलीज होगी तो वे उड़ीसा जाएंगे, मूवी को देखने के लिए। लोग कह रहे हैं कि हमारे पिता जी ने सात साल से कोई फिल्म नहीं देखी है, वह कह रहे हैं कि लाैटकर आओ, हमें ‘द बंगाल फाइल्स’ देखनी है। इस फिल्म को लेकर बहुत उन्माद है। हमारी फिल्म का दर्शक बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।