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सिंगापुर से आए दो और असमिया प्रवासी CID के सामने हुए पेश, जुबीन की मौत की गुत्थी हुई और गहरी
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: हिमांशु सोनी
Updated Tue, 14 Oct 2025 03:46 PM IST
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सार
Zubeen Garg Death Case: जुबीन गर्ग मौत मामले में अब सीआईडी के सामने दो और असमिया प्रवासी पेश हुए हैं। अब तक इस मामले में सिंगापुर में रहने वाले सात असमिया प्रवासी नागरिकों से पूछताछ की जा चुकी है।

जुबीन गर्ग
- फोटो : एक्स
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विस्तार
असम के दिग्गज गायक जुबीन गर्ग की रहस्यमयी मौत का मामला अब और उलझता जा रहा है। सिंगापुर में पिछले महीने हुई उनकी मौत के बाद असम पुलिस की क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट लगातार इस केस की परतें खोलने में जुटी है। अब मंगलवार को सिंगापुर से दो और असमिया प्रवासी नागरिक- अभिमन्यु तलुकदार और तनमय फुकन, गुवाहाटी में CID मुख्यालय पहुंचे और अधिकारियों के सामने अपना बयान दर्ज कराया।
यॉट पर मौजूद थे दोनों प्रवासी
जानकारी के मुताबिक, ये दोनों ही असम एसोसिएशन सिंगापुर के प्रमुख पदाधिकारी हैं और जुबीन गर्ग के आखिरी पलों में उसी यॉट पर मौजूद थे, जहां 19 सितंबर को उनकी मौत हुई थी। बताया गया कि जुबीन सिंगापुर में आयोजित चौथे नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में हिस्सा लेने गए थे, जिसके बाद उन्होंने कुछ साथियों के साथ समुद्र में तैरने का कार्यक्रम बनाया था। इसी दौरान वह अचानक बेहोश होकर पानी में डूब गए और उनकी मौत हो गई।
यह खबर भी पढ़ें: सुष्मिता सेन के भाई के फिर करीब आईं चारू? पूर्व पति राजीव सेन संग रिश्ते पर एक्ट्रेस ने तोड़ी चुप्पी
CID की जांच में शामिल हुए सात प्रवासी
सीआईडी के स्पेशल DGP मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने बताया कि अब तक सिंगापुर में रहने वाले सात असमिया प्रवासी नागरिकों ने जांच एजेंसी के सामने बयान दर्ज कराए हैं। इनमें जियोलांगसट नारजरी, परिक्षित शर्मा, सिद्धार्थ बोरा, भास्कर ज्योति दत्ता और अब अभिमन्यु तलुकदार तथा तनमय फुकन शामिल हैं। हालांकि अभी भी चार अन्य प्रवासी नागरिकों को CID ने तलब किया है, जो अब तक पेश नहीं हुए हैं।
सीआईडी ने इस मामले में कुल 11 प्रवासियों को नोटिस भेजे थे, जो उस यॉट पर जुबीन की मौत के समय मौजूद थे। पहले नोटिस के बाद सिर्फ एक व्यक्ति- रूपकमल कालिता ने बयान दर्ज कराया था, जिसे 24 घंटे से अधिक पूछताछ के बाद रिहा किया गया था। बाकियों को दोबारा समन जारी कर जांच में शामिल होने को कहा गया है।
आर्थिक लेनदेन पर भी शक
अब तक इस मामले में जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, फेस्टिवल के मुख्य आयोजक श्यामकानू महंता, उनके दो बैंड मेंबर- शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृत प्रभा महंता और जुबीन के कजिन और असम पुलिस DSP संदीपन गर्ग को CID ने गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी को इन सबके खातों से संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के सबूत मिले हैं।
यही नहीं, जुबीन के दो पीएसओ- नंदेश्वर बोरा और प्रवीण बैश्य को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके बैंक खातों में 1.1 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध रकम ट्रांसफर होने की जानकारी दी है। इन सभी पर हत्या, हत्या की साजिश, लापरवाही से मौत का कारण बनने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
रहस्य से भरा जुबीन गर्ग केस’
जुबीन गर्ग की मौत को लेकर पूरे असम में शोक के साथ-साथ गुस्सा भी देखने को मिला था। शुरुआती रिपोर्ट्स में इसे ‘एक हादसा’ बताया गया था, लेकिन बाद में सामने आए तथ्यों और वित्तीय गतिविधियों ने मामले को हत्या या षड्यंत्र की दिशा में मोड़ दिया। सीआईडी की विशेष जांच टीम अब हर उस व्यक्ति से पूछताछ कर रही है जो उस यॉट पर या कार्यक्रम के दौरान जुबीन के करीब था।

यॉट पर मौजूद थे दोनों प्रवासी
जानकारी के मुताबिक, ये दोनों ही असम एसोसिएशन सिंगापुर के प्रमुख पदाधिकारी हैं और जुबीन गर्ग के आखिरी पलों में उसी यॉट पर मौजूद थे, जहां 19 सितंबर को उनकी मौत हुई थी। बताया गया कि जुबीन सिंगापुर में आयोजित चौथे नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में हिस्सा लेने गए थे, जिसके बाद उन्होंने कुछ साथियों के साथ समुद्र में तैरने का कार्यक्रम बनाया था। इसी दौरान वह अचानक बेहोश होकर पानी में डूब गए और उनकी मौत हो गई।
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CID की जांच में शामिल हुए सात प्रवासी
सीआईडी के स्पेशल DGP मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने बताया कि अब तक सिंगापुर में रहने वाले सात असमिया प्रवासी नागरिकों ने जांच एजेंसी के सामने बयान दर्ज कराए हैं। इनमें जियोलांगसट नारजरी, परिक्षित शर्मा, सिद्धार्थ बोरा, भास्कर ज्योति दत्ता और अब अभिमन्यु तलुकदार तथा तनमय फुकन शामिल हैं। हालांकि अभी भी चार अन्य प्रवासी नागरिकों को CID ने तलब किया है, जो अब तक पेश नहीं हुए हैं।
सीआईडी ने इस मामले में कुल 11 प्रवासियों को नोटिस भेजे थे, जो उस यॉट पर जुबीन की मौत के समय मौजूद थे। पहले नोटिस के बाद सिर्फ एक व्यक्ति- रूपकमल कालिता ने बयान दर्ज कराया था, जिसे 24 घंटे से अधिक पूछताछ के बाद रिहा किया गया था। बाकियों को दोबारा समन जारी कर जांच में शामिल होने को कहा गया है।
आर्थिक लेनदेन पर भी शक
अब तक इस मामले में जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, फेस्टिवल के मुख्य आयोजक श्यामकानू महंता, उनके दो बैंड मेंबर- शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृत प्रभा महंता और जुबीन के कजिन और असम पुलिस DSP संदीपन गर्ग को CID ने गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी को इन सबके खातों से संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के सबूत मिले हैं।
यही नहीं, जुबीन के दो पीएसओ- नंदेश्वर बोरा और प्रवीण बैश्य को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके बैंक खातों में 1.1 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध रकम ट्रांसफर होने की जानकारी दी है। इन सभी पर हत्या, हत्या की साजिश, लापरवाही से मौत का कारण बनने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
रहस्य से भरा जुबीन गर्ग केस’
जुबीन गर्ग की मौत को लेकर पूरे असम में शोक के साथ-साथ गुस्सा भी देखने को मिला था। शुरुआती रिपोर्ट्स में इसे ‘एक हादसा’ बताया गया था, लेकिन बाद में सामने आए तथ्यों और वित्तीय गतिविधियों ने मामले को हत्या या षड्यंत्र की दिशा में मोड़ दिया। सीआईडी की विशेष जांच टीम अब हर उस व्यक्ति से पूछताछ कर रही है जो उस यॉट पर या कार्यक्रम के दौरान जुबीन के करीब था।