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RSS Ban Proposal: 'जब RSS ने गांधी को नहीं छोड़ा तो मुझे क्या छोड़ेंगे', धमकी भरे फोन पर प्रियांक खरगे हमलावर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू Published by: पवन पांडेय Updated Tue, 14 Oct 2025 01:36 PM IST
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सार

RSS Ban Proposal: कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने आरोप लगाया है कि जब से उन्होंने सीएम को पत्र लिखकर आरएसएस की गतिविधियों को सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और राज्य सरकार के मंदिरों से रोकने की मांग की है। तब से उन्हें लगातार धमकी भरे फोन आ रहे हैं। पढ़ें कांग्रेस नेता ने इसे लेकर और क्या-क्या कहा है...

Karnataka: When RSS didn't spare Gandhi, why would they spare me? Priyank Kharge alleges getting threat calls
प्रियांक खरगे, मंत्री, कर्नाटक - फोटो : ANI
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विस्तार
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कर्नाटक में सरकारी जगहों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले कांग्रेस नेता और राज्य सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने आरएसएस पर बड़ा आरोप लगाया है। सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने बताया है कि पिछले दो दिनों से उन्हें लगातार धमकी भरे फोन आ रहे हैं। 


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प्रियांक खरगे बोले- मैं न तो विचलित और न ही हैरान
कांग्रेस नेता के अनुसार, 'पिछले दो दिनों से मेरे फोन की घंटी बजती रही है। मुझे और मेरे परिवार को धमकियों, डराने-धमकाने और सबसे गंदी गालियों से भरे फोन आ रहे हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि मैंने सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक संस्थानों में आरएसएस की गतिविधियों पर सवाल उठाने और उन्हें रोकने की हिम्मत की थी। लेकिन मैं न तो विचलित हूं और न ही हैरान...'

'जब RSS ने गांधी को नहीं छोड़ा तो मुझे क्या छोड़ेंगे'
उन्होंने इस पोस्ट में आगे लिखा, 'जब आरएसएस ने महात्मा गांधी या बाबासाहेब आंबेडकर को नहीं छोड़ा, तो मुझे क्यों छोड़ेंगे? अगर उन्हें लगता है कि धमकियां और व्यक्तिगत ताने मुझे चुप करा देंगे, तो वे गलतफहमी में हैं। यह अभी शुरू हुआ है। अब समय आ गया है कि बुद्ध, बसवन्ना और बाबासाहेब के सिद्धांतों पर आधारित एक समाज का निर्माण किया जाए, जो समानता, तर्क और करुणा पर आधारित हो और इस देश को सबसे खतरनाक वायरस से मुक्त किया जाए।'



कैसे बढ़ा मामला?
प्रियांक खरगे ने आरएसएस पर रोक की मांग को लेकर कोई प्रतिबंध की बात न करने की भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनका विरोध केवल सरकारी जगहों पर आरएसएस गतिविधियों को लेकर है। उन्होंने बताया कि 'बच्चों को क्या खाना-पीना या पहनना है, यह माता-पिता तय करेंगे, न कि आरएसएस।'

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प्रियांक खरगे की मांग पर सरकार की प्रतिक्रिया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि तमिलनाडु की तर्ज पर सरकारी जगहों में आरएसएस पर रोक के मामले की समीक्षा की जाए। तमिलनाडु में पहले ही ऐसी रोक लागू है।
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