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Fact Check: थाईलैंड में कागज के लालटेन उड़ाने के वीडियो को भारत का बताकर किया जा रहा है शेयर, पढ़ें पड़ताल

फैक्ट चेक डेस्क , अमर उजाला Published by: अस्मिता त्रिपाठी Updated Tue, 30 Dec 2025 05:33 PM IST
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सार

Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि भारत मेंं क्रिसमस के मौके पर भारी संख्या में कागज के लालटेन उड़ रहे हैं। हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। 

Fact Check A video from Thailand is being shared as Indian Read the full investigation.
फैक्ट चेक - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में कई लोग आसमान में कागज के लालटेन उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो भारत का है, जहां क्रिसमस के मौके पर लोग कागज के लालटेन उड़ा रहे हैं। इसके साथ ही तंज किया जा रहा है कि दिवाली के पटाखे से वायु प्रदूषण होता है, लेकिन इस से वायु प्रदूषण ठीक रहेगा। 

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अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि वायरल वीडियो भारत का नहीं बल्कि थाईलैंड का है। 

क्या है दावा 
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो भारत का है। 

मिस रिलायबल नाम के फेसबुक यूजर ने लिखा, “मैरी क्रिसमस झिंगा बेल करने वाले लोग कल रात को इतने सारे बैलून उड़ा दिए। इससे वायु प्रदूषण ठीक रहेगा सिर्फ दिवाली के पटाखे से वायु प्रदूषण खराब हो जाता है।“ पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।

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इसी तरह के अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।


पड़ताल 
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें Marcos Vaz नाम के फेसबुक अकाउंट पर वायरल वीडियो देखने को मिला। यह वीडियो 6 नवंबर 2025 को साझा किया गया है। इसके साथ ही यहां लिखा है कि लैंटर्न फेस्टिवल 2025 - थाईलैंड। 

 

आगे की पड़ताल में हमें वायरल वीडियो से संबंधित कुछ और वीडियो देखने को मिले। आप नीचे दी गई तस्वीर में देख सकते हैं।


 

इसके बाद हमने आगे की पड़ताल के लिए कीवर्ड से सर्च किया। इस दौरान हमें द गार्जियन की रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 6 नवंबर को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि थाई चंद्र कैलेंडर के बारहवें महीने की पूर्णिमा के दिन, 5 नवंबर को होने वाले प्राचीन वार्षिक उत्सव में लाखों थाई लोग भाग लेते हैं। कई लोग नदियों और नहरों में मोमबत्तियों, फूलों और अगरबत्तियों से भरे 'क्रथोंग' (लालटेन) छोड़ते हैं, ताकि उनकी बुरी किस्मत नदियों और नहरों में बह जाए। इस विश्वास के साथ कि दुर्भाग्य दूर हो जाएगा, रात के आकाश में लालटेन भी छोड़े जाते हैं।

 

पड़ताल का नतीजा 

हमने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो को थाईलैंड का पाया है। इस वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है। इसे भारत का बताकर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है।

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