Fact Check: एआई से बना है गाजा के समर्थन में जापान के लोगों के प्रदर्शन करने का वीडियो, पड़ताल में पढ़ें पूरा
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि जापान के लोगों ने गाजा के समर्थन में सड़कों पर प्रदर्शन किया है। हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है।
विस्तार
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। वीडियो में लोगों की भीड़ नजर आ रही है। वीडियो की आखिरी क्लिप में कुछ झंड़े भी दिख रहे हैं। वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो जापान का है। यहां के लोग गाजा के समर्थन में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया है कि वायरल वीडियो एआई से जनरेटेड है। वायरल वीडियो का जापान से कोई संबंध नहीं है।
क्या है दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि जापान के लोगों ने गाजा के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं।
ताहिबा कादरी नाम के फेसबुक यूजर ने लिखा “देखिए... लाखों लोगों की भीड़ के साथ भी शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कैसे किया जाता है! सभी का एक स्वर, एकाग्रता, संयम और कानून-नियम के हिसाब से प्रदर्शन! यह ऐतिहासिक दृश्य जापान में गाजा के समर्थन में वहां के लोगों के विरुद्ध किए जा रहे नर'संहा'र के विरोध में उमड़े जन सैलाब का है।“ पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।

इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
हमने इस दावे की पड़ताल करने के लिए कीवर्ड से सर्च किया। इस दौरान हमें जापान में ऐसी किसी घटना से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं मिली।
इसके बाद हमने वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो में हमें कई विसंगतियां दिखाई दीं। इससे हमें वीडियो के एआई से बने होने का संदेह हुआ। हमने एआई से बने होने की पड़ताल के लिए एआई डिटेक्शन टूल कैन्टिलक्स का इस्तेमाल किया। इस टूल से जांच करने से पता चला कि वीडियो को एआई के माध्यम से बनाया गया है। टूल ने वीडियो की कई पैमाने पर जांच की। टूल ने वीडियो का पैटर्न विश्लेषण, बनावट और आर्टिफैक्ट डिटेक्शन की जांच की। सभी जांच के बाद टूल ने वीडियो को एआई से बना बताया।
इसके बाद हमने वीडियो को हाइव एआई डिटेक्शन टूल पर सर्च किया। इसमें भी वायरल वीडियो को 99.5%फीसदी एआई से होने की बात कही।
पड़ताल का नतीजा
हमने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो को एआई से बना पाया है। वीडियो को शेयर कर लोगो में भ्रम में फैलाने की कोशिश की जा रही है।