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Bhiwani News: ओएमआर की दो चरणों में हुई थी गहन जांच, स्कैनर ने रिजल्ट उठाया तो 1284 अभ्यर्थियों को मिला लाभ
संवाद न्यूज एजेंसी, भिवानी
Updated Thu, 27 Nov 2025 01:36 AM IST
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भिवानी। हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटेट) में 1284 उम्मीदवारों की बॉयोमीट्रिक देरी को लेकर उठे विवाद पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. पवन कुमार ने बुधवार को फिर सफाई दी। इस दौरान बोर्ड ने सितंबर–अक्तूबर में आयोजित डीएलएड परीक्षा का परिणाम अपनी आधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर जारी किया। परिणाम जारी करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में बोर्ड अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि एचटेट में 1284 उम्मीदवारों के सत्यापन मामले में ओएमआर शीट्स की दो चरणों में गहन जांच की गई।
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि पहले चरण में लो इन्टेंसिटी (कम गहनता) और दूसरे चरण में हाई इन्टेंसिटी (तीव्र गहनता) से स्कैनिंग कराई गई थी। पहली जांच में जिन ओएमआर शीट्स पर लाइट मार्क थे उन्हें दोबारा हाई इन्टेंसिटी पर स्कैन किया गया। बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों को ‘डाउट ऑफ बेनिफिट’ मिला है वह किसी मानवीय छूट का परिणाम नहीं बल्कि स्कैनर की तकनीकी जांच का आउटपुट है। लाभ स्कैनर ने दिया है, बोर्ड ने नहीं।
डॉ. पवन कुमार ने यह भी कहा कि एचटेट अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट का रिकॉर्ड छह माह तक सुरक्षित रखा जाएगा। इस अवधि में कोई भी अभ्यर्थी अपनी ओएमआर शीट प्राप्त कर सकता है। पूर्व में ओएमआर प्राप्ति के लिए दस दिन की मोहलत इसलिए दी गई थी ताकि इच्छुक विद्यार्थी इस अवधि में शीट ले सकें। उन्होंने साफ कहा कि जिन परीक्षार्थियों की बॉयोमीट्रिक बाद में हुई उन्हें आरएलवी (रिजल्ट लेट वेरिफिकेशन) श्रेणी में रखा गया।
जनवरी के मध्य में हो सकती है अगली एचटेट
डॉ. पवन कुमार ने बताया कि बोर्ड अगले वर्ष मध्य जनवरी में फिर से हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा करा सकता है। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। परीक्षा इस बार भी अनुभवी एजेंसियों की सहायता से कराई जाएगी और पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ पूरी की जाएगी।
अनियमितता मिली तो एजेंसियां होंगी ब्लैक लिस्ट
बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि एचटेट आयोजन के दौरान जिन एजेंसियों में अनियमितता पाई गई उन पर जुर्माना लगाया गया है। संबंधित एजेंसियों को ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है। साथ ही बताया कि सीसीटीवी संचालन में लापरवाही सामने आने पर संबंधित एजेंसी पर भी जुर्माना लगाया गया है क्योंकि इसी वजह से बॉयोमीट्रिक प्रक्रिया में देरी हुई थी।
डीएलएड परीक्षा का परिणाम जारी, 23,628 छात्र-अध्यापक शामिल, विभिन्न वर्ष में उत्तीर्ण प्रतिशत अलग-अलग
बोर्ड चेयरमैन ने 2020-26 के विभिन्न प्रवेश वर्षों के नतीजों का विवरण जारी किया
संवाद न्यूज एजेंसी
भिवानी। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. पवन कुमार ने बताया कि डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) परीक्षा में प्रदेशभर में कुल 23,628 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए। विभिन्न प्रवेश वर्षों और श्रेणियों में उत्तीर्ण प्रतिशत अलग-अलग रहे। बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि डीएलएड प्रवेश वर्ष 2022-24 प्रथम वर्ष (रि-अपीयर) में 457 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए जिनमें से 296 उत्तीर्ण रहे और पास प्रतिशत 64.77 रहा।
इसी वर्ष के द्वितीय वर्ष (रि-अपीयर) में 1,102 छात्र-अध्यापक शामिल हुए जिनमें से 879 उत्तीर्ण रहे और पास प्रतिशत 79.76 रहा। डीएलएड प्रवेश वर्ष 2023-25 प्रथम वर्ष (रि-अपीयर) में 385 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए जिनमें से 252 उत्तीर्ण रहे, पास प्रतिशत 65.45 रहा। इसी वर्ष के द्वितीय वर्ष (नियमित) में 1,594 छात्र-अध्यापक शामिल हुए जिनमें से 985 उत्तीर्ण रहे और पास प्रतिशत 61.79 रहा।
डीएलएड प्रवेश वर्ष 2024-26 प्रथम वर्ष (नियमित) में 19,993 छात्र-अध्यापक शामिल हुए जिनमें से 13,214 उत्तीर्ण रहे और पास प्रतिशत 66.09 रहा। इसके अलावा डीएलएड प्रवेश वर्ष 2020-22 प्रथम वर्ष (मर्सी चांस) की पास प्रतिशतता 80 प्रतिशत रही जबकि द्वितीय वर्ष (मर्सी चांस) में 100 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। डीएलएड प्रवेश वर्ष 2021-23 प्रथम वर्ष (मर्सी चांस) की पास प्रतिशतता 71.43 रही और द्वितीय वर्ष (मर्सी चांस) में 88.89 प्रतिशत छात्र सफल रहे।
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बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि पहले चरण में लो इन्टेंसिटी (कम गहनता) और दूसरे चरण में हाई इन्टेंसिटी (तीव्र गहनता) से स्कैनिंग कराई गई थी। पहली जांच में जिन ओएमआर शीट्स पर लाइट मार्क थे उन्हें दोबारा हाई इन्टेंसिटी पर स्कैन किया गया। बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों को ‘डाउट ऑफ बेनिफिट’ मिला है वह किसी मानवीय छूट का परिणाम नहीं बल्कि स्कैनर की तकनीकी जांच का आउटपुट है। लाभ स्कैनर ने दिया है, बोर्ड ने नहीं।
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डॉ. पवन कुमार ने यह भी कहा कि एचटेट अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट का रिकॉर्ड छह माह तक सुरक्षित रखा जाएगा। इस अवधि में कोई भी अभ्यर्थी अपनी ओएमआर शीट प्राप्त कर सकता है। पूर्व में ओएमआर प्राप्ति के लिए दस दिन की मोहलत इसलिए दी गई थी ताकि इच्छुक विद्यार्थी इस अवधि में शीट ले सकें। उन्होंने साफ कहा कि जिन परीक्षार्थियों की बॉयोमीट्रिक बाद में हुई उन्हें आरएलवी (रिजल्ट लेट वेरिफिकेशन) श्रेणी में रखा गया।
जनवरी के मध्य में हो सकती है अगली एचटेट
डॉ. पवन कुमार ने बताया कि बोर्ड अगले वर्ष मध्य जनवरी में फिर से हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा करा सकता है। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। परीक्षा इस बार भी अनुभवी एजेंसियों की सहायता से कराई जाएगी और पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ पूरी की जाएगी।
अनियमितता मिली तो एजेंसियां होंगी ब्लैक लिस्ट
बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि एचटेट आयोजन के दौरान जिन एजेंसियों में अनियमितता पाई गई उन पर जुर्माना लगाया गया है। संबंधित एजेंसियों को ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है। साथ ही बताया कि सीसीटीवी संचालन में लापरवाही सामने आने पर संबंधित एजेंसी पर भी जुर्माना लगाया गया है क्योंकि इसी वजह से बॉयोमीट्रिक प्रक्रिया में देरी हुई थी।
डीएलएड परीक्षा का परिणाम जारी, 23,628 छात्र-अध्यापक शामिल, विभिन्न वर्ष में उत्तीर्ण प्रतिशत अलग-अलग
बोर्ड चेयरमैन ने 2020-26 के विभिन्न प्रवेश वर्षों के नतीजों का विवरण जारी किया
संवाद न्यूज एजेंसी
भिवानी। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. पवन कुमार ने बताया कि डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) परीक्षा में प्रदेशभर में कुल 23,628 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए। विभिन्न प्रवेश वर्षों और श्रेणियों में उत्तीर्ण प्रतिशत अलग-अलग रहे। बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि डीएलएड प्रवेश वर्ष 2022-24 प्रथम वर्ष (रि-अपीयर) में 457 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए जिनमें से 296 उत्तीर्ण रहे और पास प्रतिशत 64.77 रहा।
इसी वर्ष के द्वितीय वर्ष (रि-अपीयर) में 1,102 छात्र-अध्यापक शामिल हुए जिनमें से 879 उत्तीर्ण रहे और पास प्रतिशत 79.76 रहा। डीएलएड प्रवेश वर्ष 2023-25 प्रथम वर्ष (रि-अपीयर) में 385 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए जिनमें से 252 उत्तीर्ण रहे, पास प्रतिशत 65.45 रहा। इसी वर्ष के द्वितीय वर्ष (नियमित) में 1,594 छात्र-अध्यापक शामिल हुए जिनमें से 985 उत्तीर्ण रहे और पास प्रतिशत 61.79 रहा।
डीएलएड प्रवेश वर्ष 2024-26 प्रथम वर्ष (नियमित) में 19,993 छात्र-अध्यापक शामिल हुए जिनमें से 13,214 उत्तीर्ण रहे और पास प्रतिशत 66.09 रहा। इसके अलावा डीएलएड प्रवेश वर्ष 2020-22 प्रथम वर्ष (मर्सी चांस) की पास प्रतिशतता 80 प्रतिशत रही जबकि द्वितीय वर्ष (मर्सी चांस) में 100 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। डीएलएड प्रवेश वर्ष 2021-23 प्रथम वर्ष (मर्सी चांस) की पास प्रतिशतता 71.43 रही और द्वितीय वर्ष (मर्सी चांस) में 88.89 प्रतिशत छात्र सफल रहे।