ADGP Suicide: हरियाणा में राजनीति भी गरमाई, सोनिया गांधी ने जताया शोक; अमनीत पी कुमार को भेजा पत्र
राष्ट्रीय स्तर पर भी कई नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से वाई पूरण की आत्महत्या का मामला उठाते हुए भाजपा सरकार को घेरा है। एनडीए के सहयोगी व केंद्र में मंत्री रहे चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर पूरे मामले की निष्पक्ष व उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
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हरियाणा के दिवंगत आईपीएस वाई पूरण की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ने लगा है। प्रदेश की राजनीति भी गरमाने लगी है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने पूरण कुमार की पत्नी को पत्र भेज शोक जताया है।
प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार को घेरा
कांग्रेस सांसद व पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा- जातीय प्रताड़ना से परेशान होकर हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या से पूरा देश स्तब्ध है। देश भर में दलितों के खिलाफ जिस तरह अन्याय, अत्याचार और हिंसा का सिलसिला चल रहा है, वह भयावह है। पहले रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि जी की हत्या, फिर मुख्य न्यायाधीश का अपमान और अब एक वरिष्ठ अधिकारी की आत्महत्या यह साबित करती है कि भाजपा राज दलितों के लिए अभिशाप बन गया है। जब ऊंचे ओहदे पर बैठे दलितों का यह हाल है तो सोचिए आम दलित समाज किन हालात में जी रहा होगा।
केजरीवाल बोले-जल्द से जल्द मिले सजा
हरियाणा के दलित आईपीएस अफसर पूरण कुमार को अपनी जाति को लेकर इतना उत्पीड़न झेलना पड़ा कि उन्होंने आत्महत्या कर ली। दोषी लोगों को जल्द से जल्द सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। देश के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंका गया तो इनके ट्रोल सोशल मीडिया पर दलितों को बेइज्जत कर रहे हैं, बाबा साहब अंबेडकर तक को गाली दे रहे हैं। आज भारत को ये लोग कहां ले आए।
पासवान बोले- आत्मा को झकझोरने वाली है यह घटना
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लिखे पत्र में चिराग पासवान ने कहा- आत्मा को झकझोरने वाली यह घटना सिर्फ एक अधिकारी की मौत नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक ढांचे में व्याप्त भय और अन्याय का संकेत है। सवाल खड़ा होता है कि आखिर एक ईमानदार और अनुशासित अधिकारी को ऐसी मजबूरी क्यों झेलनी पड़ी कि उसे अपनी जान लेनी पड़ी। पूरण कुमार जैसे अधिकारी, जिन्होंने कानून, अनुशासन और सेवा के प्रति पूरा जीवन समर्पित किया, उनका इस तरह टूटना पूरे सिस्टम की आत्मा को झकझोर देने वाला है। उन्होंने जोर दिया कि इस मामले में निष्पक्ष जांच सिर्फ एक अधिकारी के न्याय तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह संदेश भी देनी चाहिए कि कानून के ऊपर कोई नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रदेश सरकार इस गंभीर मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी।
एसआईटी जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में हो : दीपेंद्र हुड्डा
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा- इस घटना से प्रदेश ही नहीं पूरा देश स्तब्ध है। पूरा सिस्टम संदेह के घेरे में है। उन्होंने कहा-
निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच तभी संभव है जब एसआईटी जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में करवाई जाए। जांच में निर्धारित दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाए। इस मामले में सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि लोगों का सिस्टम पर विश्वास बने और ये तभी होगा जब न्याय मिले। पुलिस परिवार के वरिष्ठतम अधिकारी, कानून-व्यवस्था के मुख्य-संरक्षकों पर ऐसे आरोप लगना अत्यंत गंभीर और बेहद चिंताजनक है। अब निष्पक्ष जांच से ही न्याय संभव है।
परिजनों को न्याय नहीं मिला तो सड़कों पर उतरेगी पार्टी : ढांडा
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने कहा कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरणकुमार की सुसाइड मामले को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक न दोषियों पर कार्रवाई, न चंडीगढ़ पुलिस भाजपा के दबाव में कोई एक्शन ले रही है। उन्होंने कहा- जब एक दलित आईपीएस अधिकारी को इस हद तक प्रताड़ित किया जाए कि वह अपनी जान दे दे, तो सोचिए गरीब दलितों का क्या हाल होगा। भाजपा को दलितों का ऊंचा उठना बर्दाश्त नहीं होता। उन्होंने कहा- इस मामले की जांच तेज हो और आरोपियों पर कार्रवाई हो। वरना पार्टी सड़क पर उतरेगी।
पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से करवाई जाए : वरुण चौधरी
अंबाला से सांसद वरुण चौधरी ने कहा- इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से करवानी चाहिए। उन्होंने इस बारे में पंजाब के राज्यपाल व यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से भी मुलाकात की। उन्होंने मांग कि एफआईआर में आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से लिखे जाएं। पूरण कुमार के परिवार को सुरक्षा दी जाए। साथ ही जिन पर आरोप है उन्हें पद से हटाया जाए।