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Chandigarh-Haryana News: आगामी सत्र में बच्चों तक किताबें समय से पहुंचाने के लिए कवायद शुरू
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- शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला और मौलिक शिक्षा अधिकारियों से मांगा ब्योरा
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। प्रदेश के 14,200 सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2026-27 में बच्चों तक निशुल्क किताबें समय से पहुंचाने का लक्ष्य तय करते हुए शिक्षा विभाग ने इसके लिए अभी से कवायद शुरू कर दी है। शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला व मौलिक शिक्षा अधिकारियों से किताबों की डिमांड की विस्तृत डिटेल मांगनी शुरू कर दी है ताकि निर्धारित समय तक सभी बच्चों के हाथों में किताब हो। अब तक गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित सात जिलों से शिक्षा निदेशालय के पास आवश्यक किताबों की डिमांड पहुंच भी चुकी है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक आगामी सत्र की शुरुआत के साथ ही छात्रों को किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगी। पिछले कुछ वर्षों से किताबें देरी से मिलने के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती रही है। इसको ध्यान में रखते हुए इस बार शिक्षा विभाग ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। समय पर किताबें मिलने से न केवल छात्रों की पढ़ाई बेहतर होगी बल्कि शिक्षकों को भी पाठ्यक्रम पूरा करने में आसानी होगी।
27 हजार बच्चों को अभी तक नहीं मिली किताबें
शैक्षणिक सत्र 2025-26 आखिरी चरण में पहुंच गया है लेकिन अभी तक बाल वाटिका के तकरीबन 27 हजार बच्चों को किताबें नहीं मिली है। इसी तरह करीब 77 हजार बच्चों को वर्दी और स्टेशनरी का सामान नहीं मिल पाया है।
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अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। प्रदेश के 14,200 सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2026-27 में बच्चों तक निशुल्क किताबें समय से पहुंचाने का लक्ष्य तय करते हुए शिक्षा विभाग ने इसके लिए अभी से कवायद शुरू कर दी है। शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला व मौलिक शिक्षा अधिकारियों से किताबों की डिमांड की विस्तृत डिटेल मांगनी शुरू कर दी है ताकि निर्धारित समय तक सभी बच्चों के हाथों में किताब हो। अब तक गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित सात जिलों से शिक्षा निदेशालय के पास आवश्यक किताबों की डिमांड पहुंच भी चुकी है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक आगामी सत्र की शुरुआत के साथ ही छात्रों को किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगी। पिछले कुछ वर्षों से किताबें देरी से मिलने के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती रही है। इसको ध्यान में रखते हुए इस बार शिक्षा विभाग ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। समय पर किताबें मिलने से न केवल छात्रों की पढ़ाई बेहतर होगी बल्कि शिक्षकों को भी पाठ्यक्रम पूरा करने में आसानी होगी।
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27 हजार बच्चों को अभी तक नहीं मिली किताबें
शैक्षणिक सत्र 2025-26 आखिरी चरण में पहुंच गया है लेकिन अभी तक बाल वाटिका के तकरीबन 27 हजार बच्चों को किताबें नहीं मिली है। इसी तरह करीब 77 हजार बच्चों को वर्दी और स्टेशनरी का सामान नहीं मिल पाया है।