{"_id":"690977886fe5f108d0069608","slug":"kuldeep-bishnoi-targets-congress-2025-11-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस पर साधा निशाना: अब पार्टी नहीं, एक आदमी की अदाकारी बनकर रह गई है पार्टी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस पर साधा निशाना: अब पार्टी नहीं, एक आदमी की अदाकारी बनकर रह गई है पार्टी
 
            	    न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़             
                              Published by: निवेदिता वर्मा       
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 09:18 AM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                प्रो. संपत सिंह ने अपने इस्तीफे में कुलदीप बिश्नोई सहित दर्जन भर वरिष्ठ नेताओं के पार्टी से बाहर जाने को कांग्रेस की गिरती आंतरिक लोकतांत्रिक व्यवस्था का नतीजा बताया है।
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                        कुलदीप बिश्नोई
                                    - फोटो : X @bishnoikuldeep 
                    
    
        
    
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विस्तार
                                                 
                हरियाणा के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस अब विचारों की नहीं, व्यक्तियों की पार्टी बन चुकी है। उन्होंने यह टिप्पणी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह के इस्तीफे के बाद की, जिनके त्यागपत्र ने हरियाणा की सियासत में हलचल मचा दी है। नाम ना लेते हुए बिश्नोई ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी निशाना साधा है। 
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
बिश्नोई ने प्रो. संपत सिंह के इस्तीफा पत्र को अपने एक्स हैंडल पर साझा करते हुए लिखा कि प्रो. संपत सिंह ने जो लिखा, वह सिर्फ इस्तीफा नहीं बल्कि एक सच्चा आईना है। सोचने वाले निकले जा रहे हैं, चापलूस टिकाए जा रहे हैं। सच यही है, जहां विचार मरता है, वहां संगठन भी मर जाता है।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
उन्होंने कहा कि यह स्थिति कांग्रेस के वैचारिक पतन को दर्शाती है, जहां सिद्धांतों की जगह व्यक्तिपूजा ने ले ली है। बिश्नोई ने संकेतों में कहा कि यही कारण है कि आज कांग्रेस के अंदर असहमति के स्वर दबा दिए जाते हैं और ईमानदारी से काम करने वाले नेता हाशिए पर धकेल दिए जा रहे हैं।
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
गौरतलब है कि प्रो. संपत सिंह ने अपने इस्तीफे में कुलदीप बिश्नोई सहित दर्जन भर वरिष्ठ नेताओं के पार्टी से बाहर जाने को कांग्रेस की गिरती आंतरिक लोकतांत्रिक व्यवस्था का नतीजा बताया है। उन्होंने बिना नाम लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा पर संगठन को व्यक्तिगत वर्चस्व का उपकरण बना देने का आरोप लगाया है। बिश्नोई के बयान के बाद हरियाणा कांग्रेस में सियासी तापमान और बढ़ गया है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                                                                
                                
                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                 
                                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
        
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                                                                बिश्नोई ने प्रो. संपत सिंह के इस्तीफा पत्र को अपने एक्स हैंडल पर साझा करते हुए लिखा कि प्रो. संपत सिंह ने जो लिखा, वह सिर्फ इस्तीफा नहीं बल्कि एक सच्चा आईना है। सोचने वाले निकले जा रहे हैं, चापलूस टिकाए जा रहे हैं। सच यही है, जहां विचार मरता है, वहां संगठन भी मर जाता है।
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            उन्होंने कहा कि यह स्थिति कांग्रेस के वैचारिक पतन को दर्शाती है, जहां सिद्धांतों की जगह व्यक्तिपूजा ने ले ली है। बिश्नोई ने संकेतों में कहा कि यही कारण है कि आज कांग्रेस के अंदर असहमति के स्वर दबा दिए जाते हैं और ईमानदारी से काम करने वाले नेता हाशिए पर धकेल दिए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि प्रो. संपत सिंह ने अपने इस्तीफे में कुलदीप बिश्नोई सहित दर्जन भर वरिष्ठ नेताओं के पार्टी से बाहर जाने को कांग्रेस की गिरती आंतरिक लोकतांत्रिक व्यवस्था का नतीजा बताया है। उन्होंने बिना नाम लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा पर संगठन को व्यक्तिगत वर्चस्व का उपकरण बना देने का आरोप लगाया है। बिश्नोई के बयान के बाद हरियाणा कांग्रेस में सियासी तापमान और बढ़ गया है।