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Chandigarh-Haryana News: भूपेंद्र हुड्डा के प्रधान सचिव की 14 करोड़ की नौ संपत्ति अटैच
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-दिल्ली में एजेंसी की जारी खबर को चंडीगढ़ से अपडेट किया गया है।
-ईडी ने चंडीगढ़, गुरुग्राम व दिल्ली में दो घर व सात अपार्टमेंट को अटैच किया-आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुई कार्रवाई, सीबीआई की एफआईआर के आधार ईडी ने शुरू की थी जांच
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली/चंडीगढ़। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पूर्व प्रधान सचिव व रिटायर्ड आईएएस एमएल तायल पर शिकंजा कस दिया है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईडी ने 14 करोड़ रुपये के उनके दो घर व सात अपार्टमेंट को अटैच किया है। ये संपत्तियां चंडीगढ़, दिल्ली और गुरुग्राम में स्थित हैं। इनकी कुल कीमत 14.06 करोड़ रुपये है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चंडीगढ़, दिल्ली और गुरुग्राम स्थित इन संपत्तियों को अटैच करने से जुड़ा अनंतिम आदेश 30 जून को जारी किया गया। धन शोधन का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी पर आधारित है। इसमें आरोप लगाया गया है कि छह मार्च 2005 से 31 अक्तूबर, 2009 तक हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री हुड्डा के प्रधान सचिव के रूप में काम करते हुए तायल और उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। तायल 30 नवंबर 2009 से 31 दिसंबर 2014 तक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के सदस्य भी रहे।
2006 से 2014 के बीच अर्जित की थी यह संपत्ति
ईडी ने जांच के तहत एमएल तायल, उनकी पत्नी सविता तायल और बेटे कार्तिक तायल के आयकर रिकॉर्ड व शेयर बाजार लेन-देन की जांच की। केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया कि जांच अवधि (2006-2014) के दौरान आरोपियों ने अवैध रिश्वत के माध्यम से अर्जित अपराध की आय का इस्तेमाल करके 14.06 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की।
सीबीआई भी दायर चुकी है चार्जशीट
आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई भी तायल, उनकी पत्नी व बेटे के खिलाफ पंचकूला की विशेष अदालत में चार्जशीट दायर कर चुकी है। सीबीआई ने चार्जशीट में बताया था कि तायल ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए एक जनवरी 2006 से 31 दिसंबर 2014 के दौरान भ्रष्ट और अवैध तरीकों से अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर भारी संपत्ति अर्जित की है। सीबीआई के केस को आधार बताकर ईडी ने धन शोधन मामले की जांच शुरू की थी। सीबीआई का केस अभी विचाराधीन है। 1976 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी तायल की पत्नी सविता तायल 2012 में पंचकूला के एक सरकारी कॉलेज से प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत्त हुईं थी। उसके बाद उन्हें हरियाणा लोक सेवा आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया था, जहां से वह 2016 में रिटायर हुई थीं। चार्जशीट के मुताबिक, उनका बेटा कार्तिक तायल लॉ ग्रेजुएट है और गुरुग्राम में जमीन की बिक्री और खरीद में एक ब्रोकर के रूप में काम करता था।
मानेसर भूमि घोटाले में भी आरोपी हैं तायल
पूर्व आईएएस चर्चित मानेसर भूमि घोटाले में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ आरोपी हैं। सीबीआई जब मानेसर जमीन घोटाले की जांच कर रही थी तो उसी दौरान जांच एजेंसी ने तायल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था। जांच में तायल के पास दस करोड़ की अतिरिक्त संपत्ति मिली थी। मानेसर भूमि घोटाला भी अदालत में विचाराधीन है।
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-ईडी ने चंडीगढ़, गुरुग्राम व दिल्ली में दो घर व सात अपार्टमेंट को अटैच किया-आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुई कार्रवाई, सीबीआई की एफआईआर के आधार ईडी ने शुरू की थी जांच
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली/चंडीगढ़। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पूर्व प्रधान सचिव व रिटायर्ड आईएएस एमएल तायल पर शिकंजा कस दिया है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईडी ने 14 करोड़ रुपये के उनके दो घर व सात अपार्टमेंट को अटैच किया है। ये संपत्तियां चंडीगढ़, दिल्ली और गुरुग्राम में स्थित हैं। इनकी कुल कीमत 14.06 करोड़ रुपये है।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चंडीगढ़, दिल्ली और गुरुग्राम स्थित इन संपत्तियों को अटैच करने से जुड़ा अनंतिम आदेश 30 जून को जारी किया गया। धन शोधन का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी पर आधारित है। इसमें आरोप लगाया गया है कि छह मार्च 2005 से 31 अक्तूबर, 2009 तक हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री हुड्डा के प्रधान सचिव के रूप में काम करते हुए तायल और उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। तायल 30 नवंबर 2009 से 31 दिसंबर 2014 तक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के सदस्य भी रहे।
2006 से 2014 के बीच अर्जित की थी यह संपत्ति
ईडी ने जांच के तहत एमएल तायल, उनकी पत्नी सविता तायल और बेटे कार्तिक तायल के आयकर रिकॉर्ड व शेयर बाजार लेन-देन की जांच की। केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया कि जांच अवधि (2006-2014) के दौरान आरोपियों ने अवैध रिश्वत के माध्यम से अर्जित अपराध की आय का इस्तेमाल करके 14.06 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की।
सीबीआई भी दायर चुकी है चार्जशीट
आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई भी तायल, उनकी पत्नी व बेटे के खिलाफ पंचकूला की विशेष अदालत में चार्जशीट दायर कर चुकी है। सीबीआई ने चार्जशीट में बताया था कि तायल ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए एक जनवरी 2006 से 31 दिसंबर 2014 के दौरान भ्रष्ट और अवैध तरीकों से अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर भारी संपत्ति अर्जित की है। सीबीआई के केस को आधार बताकर ईडी ने धन शोधन मामले की जांच शुरू की थी। सीबीआई का केस अभी विचाराधीन है। 1976 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी तायल की पत्नी सविता तायल 2012 में पंचकूला के एक सरकारी कॉलेज से प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत्त हुईं थी। उसके बाद उन्हें हरियाणा लोक सेवा आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया था, जहां से वह 2016 में रिटायर हुई थीं। चार्जशीट के मुताबिक, उनका बेटा कार्तिक तायल लॉ ग्रेजुएट है और गुरुग्राम में जमीन की बिक्री और खरीद में एक ब्रोकर के रूप में काम करता था।
मानेसर भूमि घोटाले में भी आरोपी हैं तायल
पूर्व आईएएस चर्चित मानेसर भूमि घोटाले में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ आरोपी हैं। सीबीआई जब मानेसर जमीन घोटाले की जांच कर रही थी तो उसी दौरान जांच एजेंसी ने तायल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था। जांच में तायल के पास दस करोड़ की अतिरिक्त संपत्ति मिली थी। मानेसर भूमि घोटाला भी अदालत में विचाराधीन है।