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Chandigarh-Haryana News: अनुसूचित जाति के किसानों को ट्रैक्टर खरीदने पर मिलेगा 3 लाख अनुदान
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-कृषि विभाग ने मांगे 15 तक आवेदन, आवेदनों की जिलावार स्थिति के बाद लक्ष्य होगा तय
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा में अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी के किसानों को ट्रैक्टर खरीदने के लिए अनुदान देने का निर्णय लिया है। संबंधित श्रेणी के किसान अनुदान पाने के लिए 15 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। यह अनुदान 45 एचपी (हाॅर्स पाॅवर) की खरीद के लिए दिया जाएगा। हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने वर्ष 2025-2026 के लिए योजना को लेकर नियम व निर्देश जारी कर दिए हैं। ट्रैक्टर खरीदने के लिए 3 लाख रुपये या कुल कीमत में से 50 प्रतिशत जो भी रकम कम हो वह अनुदान के रूप में मिलेगी।
कृषि विभाग के पोर्टल पर ट्रैक्टर खरीदने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। योजना के लिए बड़ी शर्त यही है कि किसान मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत हों। जिन एससी श्रेणी के किसानों के पास कृषि भूमि का स्वामित्व हो और पीपीपी (परिवार पहचान पत्र) में परिवार के किसी भी सदस्य के नाम कृषि भूमि का स्वामित्व मान्य होगा। योजना का लाभ पाने के पाने के लिए यह भी ध्यान रखना होगा कि 5 वर्षों के दाैरान ट्रैक्टर पर किसी भी योजना के तहत अनुदान न पाया हो। फिलहाल जिलावार आवेदन मांगे गए हैं और आवेदनों की संख्या के अनुसार प्रत्येक जिले में लक्ष्य तय होगा।
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लक्ष्य से अधिक आवेदन हुए तो उपायुक्त कराएंगे ड्राॅ
कृषि विभाग की निगरानी में आवेदन होंगे। आवेदनों की संख्या जिलों में लक्ष्य से अधिक हुई तो संबंधित उपायुक्त की अध्यक्षता में जिलास्तरीय कार्यकारी समिति (डीएलईसी) लाॅटरी यानी ड्राॅ ऑफ लाॅटस करेगी। समिति की स्वीकृति के बाद चयनित किसानों को दस्तावेज सत्यापन के लिए असिस्टेंट एग्रीकल्चर इंजीनियर (एएई) कार्यालय में पहुंचेंगे। सफल सत्यापन के बाद पात्र किसान को ऑनलाइन परमिट जारी किया जाएगा। इसके बाद 15 दिनों के अंदर ट्रैक्टर की खरीद पूरी करनी होगी। इसके पश्चात प्रतीक्षा सूची में शामिल किसानों को अवसर दिया जाएगा। ट्रैक्टर की खरीद के बाद संबंधित डीलर, निर्माता किसान के मोबाइल नंबर पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) से सत्यापन होगा। बीमा, आरटीओ कार्यालय पंजीकरण शुल्क, लोकेशन आधारित फोटो में किसान, ट्रैक्टर, डीलर, अधिकृत प्रतिनिधि भी उसमें शामिल हों। अनुदान के आधार पर मिलने वाले ट्रैक्टर को आगामी 5 वर्षों तक बेचा नहीं जा सकेगा। डीलर के माध्यम से विवरण का सत्यापन संबंधित निर्माता अपने पोर्टल पर अपलोड करेंगे। सभी प्रक्रियाएं पूरी होने पर जिला स्तरीय कार्यकारी समिति भाैतिक सत्यापन करेंगी और सत्यापन की स्वीकृति के बाद अनुदान की राशि मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत किसान के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
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अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा में अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी के किसानों को ट्रैक्टर खरीदने के लिए अनुदान देने का निर्णय लिया है। संबंधित श्रेणी के किसान अनुदान पाने के लिए 15 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। यह अनुदान 45 एचपी (हाॅर्स पाॅवर) की खरीद के लिए दिया जाएगा। हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने वर्ष 2025-2026 के लिए योजना को लेकर नियम व निर्देश जारी कर दिए हैं। ट्रैक्टर खरीदने के लिए 3 लाख रुपये या कुल कीमत में से 50 प्रतिशत जो भी रकम कम हो वह अनुदान के रूप में मिलेगी।
कृषि विभाग के पोर्टल पर ट्रैक्टर खरीदने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। योजना के लिए बड़ी शर्त यही है कि किसान मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत हों। जिन एससी श्रेणी के किसानों के पास कृषि भूमि का स्वामित्व हो और पीपीपी (परिवार पहचान पत्र) में परिवार के किसी भी सदस्य के नाम कृषि भूमि का स्वामित्व मान्य होगा। योजना का लाभ पाने के पाने के लिए यह भी ध्यान रखना होगा कि 5 वर्षों के दाैरान ट्रैक्टर पर किसी भी योजना के तहत अनुदान न पाया हो। फिलहाल जिलावार आवेदन मांगे गए हैं और आवेदनों की संख्या के अनुसार प्रत्येक जिले में लक्ष्य तय होगा।
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लक्ष्य से अधिक आवेदन हुए तो उपायुक्त कराएंगे ड्राॅ
कृषि विभाग की निगरानी में आवेदन होंगे। आवेदनों की संख्या जिलों में लक्ष्य से अधिक हुई तो संबंधित उपायुक्त की अध्यक्षता में जिलास्तरीय कार्यकारी समिति (डीएलईसी) लाॅटरी यानी ड्राॅ ऑफ लाॅटस करेगी। समिति की स्वीकृति के बाद चयनित किसानों को दस्तावेज सत्यापन के लिए असिस्टेंट एग्रीकल्चर इंजीनियर (एएई) कार्यालय में पहुंचेंगे। सफल सत्यापन के बाद पात्र किसान को ऑनलाइन परमिट जारी किया जाएगा। इसके बाद 15 दिनों के अंदर ट्रैक्टर की खरीद पूरी करनी होगी। इसके पश्चात प्रतीक्षा सूची में शामिल किसानों को अवसर दिया जाएगा। ट्रैक्टर की खरीद के बाद संबंधित डीलर, निर्माता किसान के मोबाइल नंबर पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) से सत्यापन होगा। बीमा, आरटीओ कार्यालय पंजीकरण शुल्क, लोकेशन आधारित फोटो में किसान, ट्रैक्टर, डीलर, अधिकृत प्रतिनिधि भी उसमें शामिल हों। अनुदान के आधार पर मिलने वाले ट्रैक्टर को आगामी 5 वर्षों तक बेचा नहीं जा सकेगा। डीलर के माध्यम से विवरण का सत्यापन संबंधित निर्माता अपने पोर्टल पर अपलोड करेंगे। सभी प्रक्रियाएं पूरी होने पर जिला स्तरीय कार्यकारी समिति भाैतिक सत्यापन करेंगी और सत्यापन की स्वीकृति के बाद अनुदान की राशि मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत किसान के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।