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Dadri: बाल वाटिकाओं के शिक्षकों का प्रशिक्षण खत्म, अब अधिकारियों के निरीक्षण की बारी

संवाद न्यूज एजेंसी, दादरी (हरियाणा) Published by: नवीन दलाल Updated Sat, 07 Dec 2024 04:25 PM IST
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सार

शिक्षक बच्चों को डमरू जैसे वाद्ययंत्र व अन्य खिलौनों से गिनती, पहाड़े, वर्णमाला, कविताएं आदि पढ़ाएंगे। इससे बच्चों को याद रखने में आसानी होगी और वे पढ़ाई को बोझ समझने की बजाय जल्दी सीख पाएंगे। शिविर समापन पर मास्टर ट्रेनर ने शिक्षकाें इसका डेमो दिया।

training of Bal Vatika teachers in Dadri is over, now it is turn of officials to inspect
बालवाटिका प्रशिक्षण शिविर - फोटो : संवाद
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विस्तार
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चरखी-दादरी स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल की प्राथमिक विंग में आयोजित पांच दिवसीय बालवाटिका प्रशिक्षण शिविर का शनिवार को समापन किया गया। इसमें जिले के तीनों खंडों के 209 शिक्षकों को आईडी कार्ड व प्रमाण पत्र दिए गए। बता दें कार्यक्रम नोडल अधिकारी व एफएलएन जिला समन्वयक संदीप कुमार ने शिविर की अध्यक्षता की। इसमें सभी एमटी ने शिक्षकों को शिविर में बताई गई गतिविधियों को दोहराया। सुबह 9 बजे शिविर की शुरुआत हुई।

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इसमें शिक्षकों को बताया कि किस प्रकार से एक साथ एक से अधिक कक्षाओं को नियंत्रित करना है और कैसे विद्यार्थियों को पढ़ाना है। इसके साथ ही सभी शिक्षकों की पांच दिवसीय कार्य पुस्तिका जांची गई। इसमें सभी ने अपने हिसाब से नोटिंग की और शिविर के ज्ञान को संक्षिप्त रूप में संजोया। बाद में सभी शिक्षकों ने शिविर का अनुभव व प्राप्त की गई जानकारी साझा की।
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समन्वयक संदीप कुमार ने कहा कि निपुण हरियाणा मिशन के तहत शिविर का आयोजन किया गया। इसमें विभाग की नई शिक्षा नीति के अनुसार छोटे बच्चों को प्राथमिक कक्षाओं के लिए तैयार करने पर पूरा जोर रहा। विभाग की ओर से इसके लिए काफी टिप्स साझा किए और शिक्षकों को उन पर अमल कराने के लिए शिविर आयोजित किया गया। शिविर में सभी शिक्षकों को बच्चों को संभालने और स्कूली प्रक्रिया की बजाय खेल गतिविधियों से उन्हें पढ़ाई कराने की योजना से अवगत कराया गया। अब सोमवार से सभी शिक्षक इस जानकारी को विद्यार्थियों के साथ साझा करेंगे।

विभिन्न प्रकार के वाद्ययंत्रों के सहारे भी सिखाई जाएंगी गिनती
शिक्षक बच्चों को डमरू जैसे वाद्ययंत्र व अन्य खिलौनों से गिनती, पहाड़े, वर्णमाला, कविताएं आदि पढ़ाएंगे। इससे बच्चों को याद रखने में आसानी होगी और वे पढ़ाई को बोझ समझने की बजाय जल्दी सीख पाएंगे। शिविर समापन पर मास्टर ट्रेनर ने शिक्षकाें इसका डेमो दिया।

दस दिन बाद होगा सभी बालवाटिकाओं का निरीक्षण
अब जिला शिक्षा विभाग की ओर से दस दिन बाद सभी बालवाटिकाओं का निरीक्षण किया जाएगा। इसके लिए विभाग अगले सप्ताह टीमें गठित करेगा और निरीक्षण कर कार्य का जायजा लिया जाएगा। इसमें शिविर में बताई गई जानकारी का कितना अमल किया गया और उसी गतिविधि के अनुसार कितना शिक्षण कार्य हुआ, इसकी भी जांच की जाएगी।

शिविर में ये रहे मौजूद
इस दौरान हरीश कुमार, अन्नु, अनुराधा, अश्विनी, पारुल, राजकुमार, यशवंती, कविता व राखी आदि मास्टर ट्रेनर व बीआरपी गायत्री शर्मा, एबीआरसी प्रकाश, अमित, कविता आदि सहयोगी मौजूद रहे।

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