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Jhajjar-Bahadurgarh News: लाखों खर्च के बाद भी 32 किलोमीटर का नाला साफ नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी, झज्जर/बहादुरगढ़
Updated Fri, 09 May 2025 02:03 AM IST
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08jjrp17- शहर के बीकानेर चौक पर भरा पड़ा नाला। संवाद

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झज्जर। ड़ेढ़ करोड़ रुपये सालाना खर्च होने के बावजूद शहर के 32 किलोमीटर में फैले नाले हर बारिश में ओवरफ्लो रहते हैं। यही स्थिति इस साल भी शहर के नालों की है। एक सप्ताह पहले हुई बारिश के दौरान भी नाले ओवर फ्लो थे। क्योंकि अब तक शहर के अधिकतर नालों की सफाई का काम तक शुरू नहीं हो सका है। नालों में गंदगी अटी पड़ी है।
कई नाले तो पूरी तरह से ब्लॉक हैं, कुछ नालों पर लोगों ने पक्के निर्माण किए हैं। बहादुरगढ़ रोड, बादली रोड, रेवाड़ी रोड, गुरुग्राम रोड, रोहतक रोड, सांपला रोड के अलावा शहर के मुख्य मार्गों पर नाले हैं। दो साल पहले पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने भी अपने मुख्य मार्गों के नाले नगर परिषद के हवाले कर दिए थे। इन पर हर साल लाखों रुपये खर्च होते हैं। नगर परिषद ने मुख्य मार्गों व नालों की सफाई का एक ही टेंडर दिया हुआ है, जिस पर सालाना डेढ़ करोड़ रुपये खर्च होता है।
मुख्य मार्गों व नालों की सफाई में लापरवाही के चलते नाले हर बार बारिश में ओवरफ्लो रहते हैं और उनका गंदा पानी मार्गों पर बहता है। बीकानेर चौक, सिलानी गेट, बर्फखाना रोड, पुराना बस अड्डा रोड, रहणिया काॅलोनी, अग्रसेन चौक से बेरी गेट सहित अधिकतर सभी मार्गों पर नाले भरे हुए हैं।
प्रधान ने दिए नए एस्टीमेट बनाने के निर्देश
नगर परिषद प्रधान जिले सिंह सैनी ने तकनीकी ब्रांच को शहर के सभी नालों को दोबारा बनाने के लिए उसका एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। एस्टीमेट तैयार होने के बाद उसकी मंजूरी मुख्यालय से ली जाएगी।
नाले ओवरफ्लो होने के प्रमुख कारण...
- सही समय पर सफाई नहीं होना।
- नालों को पक्के निर्माण से ढका होना, जिस कारण सफाई नहीं हो रही।
- टेंडर के अनुसार कुल 80 कर्मचारी होने चाहिए, लेकिन कर्मचारी कम लगा रखे हैं।
- नालों की सफाई के बाद कई दिनों तक मलबा नहीं उठाया जाता, जिस कारण वह वापस नालों में बह जाता है।
- शहर के अधिकतर नालों को मरम्मत की जरूरत है। वह जगह-जगह से टूटे हुए हैं।
शहर के कुछ हिस्सों में नालों की सफाई का काम करवाया जा रहा है। बाकी नालों की भी सफाई करवाई जाएगी ताकि बारिश के समय दिक्कत नहीं आए।
- आनंद मलिक, सेनेटरी इंस्पेक्टर, नगर परिषद, झज्जर
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कई नाले तो पूरी तरह से ब्लॉक हैं, कुछ नालों पर लोगों ने पक्के निर्माण किए हैं। बहादुरगढ़ रोड, बादली रोड, रेवाड़ी रोड, गुरुग्राम रोड, रोहतक रोड, सांपला रोड के अलावा शहर के मुख्य मार्गों पर नाले हैं। दो साल पहले पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने भी अपने मुख्य मार्गों के नाले नगर परिषद के हवाले कर दिए थे। इन पर हर साल लाखों रुपये खर्च होते हैं। नगर परिषद ने मुख्य मार्गों व नालों की सफाई का एक ही टेंडर दिया हुआ है, जिस पर सालाना डेढ़ करोड़ रुपये खर्च होता है।
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मुख्य मार्गों व नालों की सफाई में लापरवाही के चलते नाले हर बार बारिश में ओवरफ्लो रहते हैं और उनका गंदा पानी मार्गों पर बहता है। बीकानेर चौक, सिलानी गेट, बर्फखाना रोड, पुराना बस अड्डा रोड, रहणिया काॅलोनी, अग्रसेन चौक से बेरी गेट सहित अधिकतर सभी मार्गों पर नाले भरे हुए हैं।
प्रधान ने दिए नए एस्टीमेट बनाने के निर्देश
नगर परिषद प्रधान जिले सिंह सैनी ने तकनीकी ब्रांच को शहर के सभी नालों को दोबारा बनाने के लिए उसका एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। एस्टीमेट तैयार होने के बाद उसकी मंजूरी मुख्यालय से ली जाएगी।
नाले ओवरफ्लो होने के प्रमुख कारण...
- सही समय पर सफाई नहीं होना।
- नालों को पक्के निर्माण से ढका होना, जिस कारण सफाई नहीं हो रही।
- टेंडर के अनुसार कुल 80 कर्मचारी होने चाहिए, लेकिन कर्मचारी कम लगा रखे हैं।
- नालों की सफाई के बाद कई दिनों तक मलबा नहीं उठाया जाता, जिस कारण वह वापस नालों में बह जाता है।
- शहर के अधिकतर नालों को मरम्मत की जरूरत है। वह जगह-जगह से टूटे हुए हैं।
शहर के कुछ हिस्सों में नालों की सफाई का काम करवाया जा रहा है। बाकी नालों की भी सफाई करवाई जाएगी ताकि बारिश के समय दिक्कत नहीं आए।
- आनंद मलिक, सेनेटरी इंस्पेक्टर, नगर परिषद, झज्जर