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Jind News: बच्चों ने पद्मावती से लेकर ईस्ट इंडिया कंपनी के राज तक चलने वाले सिक्कों के बारे में जाना
संवाद न्यूज एजेंसी, जींद
Updated Thu, 18 Sep 2025 12:06 AM IST
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17जेएनडी17: कार्यशाला में छात्राओं को व्यर्थ सामग्री से सजावटी वस्तुएं बनाने की जानकारी देते हु
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जींद। हिंदू कन्या महाविद्यालय में इतिहास व अपशिष्ट वस्तुओं से सजावटी सामान बनाने की जानकारी देने के लिए पुस्तकालय विभाग ने दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें इतिहासकार गुलशन भारद्वाज ने इतिहास की जानकारी के लिए प्रदर्शनी लगाई। इस दौरान बच्चों ने पद्मावती से लेकर ईस्ट इंडिया कंपनी के राज तक चलने वाले सिक्कों के बारे में जाना।
प्रदर्शनी में इतिहासकार गुलशन भारद्वाज ने पद्मावती के राज से लेकर, कुषाण शासकों के बेमानी राजाओं, मुहम्मद गौरी, हिंदू शाही व देहली सुलतान के वंश, खिलजी, कांगड़ा शासकों, मुगल साम्राज्य, मालवा सुलतान, गुजरात सुलतान, जौनपुर सुलतान, अहमदनगर सुलतान, रतलाम स्टेट, जावरा स्टेट, ईस्ट इंडिया कंपनी के राज में हर धातू के चलने वाले सिक्कों के बार में जानकारी दी।
वह सिक्के किसके राज में बदले और इनका कितना वजन था। इन सभी के बारे में छात्राओं को जानकारी दी। इसके अतिरिक्त भारतीय सैन्य मैडल व प्राचीन धातुओं की जानकारी दी। इसको लेकर सभी राजाओं के समय चलने वाले सिक्कों की स्टाल लगाई और इन पर वर्ष तक अंकित किए गए।
इसके अतिरिक्त गुलशन भारद्वाज ने छात्राओं को अपशिष्ट वस्तुओं से सजावटी सामान बनाने की जानकारी दी। इसमें आम की गुठलियों से विभिन्न प्रकार के पक्षी, चूडि़यां व फल जैसी चीजें शामिल रही। पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. पिंकी ने कहा कि इस प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को अपनी संस्कृति, इतिहास और कला के बारे में जागरूक करना है।
कार्यक्रम का संचालन गृह विज्ञान विभाग की प्राध्यापिका तनु रानी, फाइनआर्ट क्लब इंचार्ज रमन कुमारी ने किया। इस अवसर पर डॉ. उपासना गर्ग, डॉ. भीम सिंह और राजवीर सिंह भी मौजूद रहे।

प्रदर्शनी में इतिहासकार गुलशन भारद्वाज ने पद्मावती के राज से लेकर, कुषाण शासकों के बेमानी राजाओं, मुहम्मद गौरी, हिंदू शाही व देहली सुलतान के वंश, खिलजी, कांगड़ा शासकों, मुगल साम्राज्य, मालवा सुलतान, गुजरात सुलतान, जौनपुर सुलतान, अहमदनगर सुलतान, रतलाम स्टेट, जावरा स्टेट, ईस्ट इंडिया कंपनी के राज में हर धातू के चलने वाले सिक्कों के बार में जानकारी दी।
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वह सिक्के किसके राज में बदले और इनका कितना वजन था। इन सभी के बारे में छात्राओं को जानकारी दी। इसके अतिरिक्त भारतीय सैन्य मैडल व प्राचीन धातुओं की जानकारी दी। इसको लेकर सभी राजाओं के समय चलने वाले सिक्कों की स्टाल लगाई और इन पर वर्ष तक अंकित किए गए।
इसके अतिरिक्त गुलशन भारद्वाज ने छात्राओं को अपशिष्ट वस्तुओं से सजावटी सामान बनाने की जानकारी दी। इसमें आम की गुठलियों से विभिन्न प्रकार के पक्षी, चूडि़यां व फल जैसी चीजें शामिल रही। पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. पिंकी ने कहा कि इस प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को अपनी संस्कृति, इतिहास और कला के बारे में जागरूक करना है।
कार्यक्रम का संचालन गृह विज्ञान विभाग की प्राध्यापिका तनु रानी, फाइनआर्ट क्लब इंचार्ज रमन कुमारी ने किया। इस अवसर पर डॉ. उपासना गर्ग, डॉ. भीम सिंह और राजवीर सिंह भी मौजूद रहे।